मेरठ STF ने पूरे देश में चल रही ग्रामीण डाक सेवक (GDS) की भर्ती में फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी लगवाने वाले 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। गैंग के मेंबर डाक अधीक्षक अलीगढ़ से सेटिंग करके इस फर्जीवाड़े को अंजाम देते थे। कैंडिडेट के फिजिकल डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के समय STF ने सभी को दबोच लिया। ये भर्ती पूरे देश में 44 हजार 228 पदों पर हो रही है। यूपी में 5 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। STF के SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया- डाक विभाग में GDS भर्ती का नोटिफिकेशन 15 जुलाई 2024 को आया था। भर्ती की मेरिट लिस्ट 23 अगस्त 2024 जारी हो गई। गैंग के सदस्य फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर कैंडिडेट की नौकरी लगवाते थे। डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। डाक अधीक्षक और उसका ड्राइवर भी शामिल
बृजेश कुमार सिंह ने बताया- गैंग को अमरोहा का साजिद और हापुड़ का साकिब ऑपरेट कर रहा था। साजिद अली फर्जी तरीके से कागजात तैयार करता था। वह उन्हें ऑनलाइन डाटा में चढ़वाता था। साकिब कैंडिडेट लेकर आता था। इस पूरे घोटाले में मैनपुरी डाक अधीक्षक का ड्राइवर विकल यादव विभाग में सेटिंग कराता था। साजिद 2023 में डाक अधीक्षक रहे देवेंद्र कुमार वर्तमान में सीपीएम झांसी के पास आता-जाता था। विकल से उसकी मुलाकात तभी हुई थी। वर्तमान में विकल अलीगढ़ में नियुक्त डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह की गाड़ी चला रहा। एक लाख रुपए प्रति कैंडिडेट पर मान गया डाक अधीक्षक
​​​​​​गैंग के मेंबर साजिद ने विकल को बताया कि ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन आने वाला है। विकल ने साजिद से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए एक लाख प्रति कैंडिडेट में बात तय की। विकल ने ये बात डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को बताई तो वह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के लिए तैयार हो गया। इनमें से इन्होंने कुछ कैंडिडेट का प्रथम स्तर का वेरिफिकेशन करा दिया था और अब दूसरे स्तर का वेरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है । चार लाख रुपए प्रति कैंडिडेट तय हुए थे
एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया- गैंग के मेंबर हर अभ्यर्थी से चार लाख रुपए लेते थे। आरोपियों से अभी पूछताछ की जा रही है। कौन-कौन लोग गैंग में शामिल हैं, इसकी जानकारी की जा रही है। कई राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद
आरोपियों के पास से कई राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं। इनमें 18 फर्जी मार्कशीट (बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण और परीक्षा बोर्ड पटना) की हैं। एक मार्कशीट फर्जी द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग की है। इसके अलावा अभियुक्त साजिद के मोबाइल में सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड पटना और द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग की मार्कशीट की सॉफ्ट कॉपी भी बरामद हुई हैं। इनका इस्तेमाल प्रिंट करके फर्जी तरीके से भर्ती परीक्षा के लिए किया जाता था। ये भी पढ़ें:- यूपी में जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य ने सुसाइड किया: अमरोहा में स्कूल ऑफिस में फांसी लगाई; दो टीचर से था विवाद अमरोहा में जूनियर हाईस्कूल में प्रिंसिपल ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। वह ऑफिस में मेज पर खड़े हुए और कुंडे से फंदा लगा लिया। उनकी जेब में एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें स्कूल ही एक महिला और एक पुरुष टीचर का नाम लिखा है। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल मंगलवार सुबह वह जल्दी स्कूल आ गए। उन्होंने ऑफिस में फांसी लगाई। 9 बजे जब बाकी टीचर और छात्र आए तो उनकी मौत का पता चला। स्कूल में प्रधानाचार्य के सुसाइड की खबर के बाद पुलिस और प्रशासन के सीनियर अफसर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर कमरे की जांच की। फिलहाल, कमरे को सील कर दिया गया है। पढ़ें पूरी खबर…

By

Subscribe for notification