मेरे बच्चे का जन्म जन्माष्टमी पर हो हम लोगों ने ऐसा एक महीने पहले ही सोच लिया था। डॉक्टर ने हमें अगस्त लास्ट की डेट बताई थी। उसी समय हम लोगों ने देखा कि 26 अगस्त को जन्माष्टमी पड़ रही है। तारीख और तिथि के अनुसार ये दिन बहुत शुभ लग रहा था। इसीलिए हमने इसी दिन अपने बच्चे की डिलीवरी कराना तय कर लिया। इसके बाद डॉक्टर से पहले से ही अप्वॉइंटमेंट ले लिया। अब हमारा बच्चा जन्माष्टमी के दिन पैदा हुआ है। भले ही अगली बार तारीख बदलेगी। लेकिन, तिथि हमेशा कृष्ण जन्म की ही रहेगी। हमें बहुत खुशी हो रही है। ये कहना है आगरा में बच्चे को जन्म देने वाले गर्ग परिवार का। इसी तरह यूपी के प्रयागराज, आगरा में भी कई बच्चों ने जन्माष्टमी पर जन्म लिया। जन्माष्टमी पर किन परिवारों ने बच्चे की डिलीवरी डिसाइड की। वो क्या सोच रहे थे ऐसे परिवार वालों से भास्कर ने बात की। पढ़िए परिवार वालों की खुशियां…। सबसे पहले आप बच्चे की तस्वीर देखिए, जिसे पैदा होने के तुरंत बाद कान्हा बनाया गया 9 महीने पहले बना था जन्माष्टमी पर डिलीवरी का प्लान आगरा में रहने वाले आशीष गर्ग की पत्नी विदुषी ने बेटे को जन्म दिया। विदुषी कहती हैं कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर डिलीवरी को लेकर इतनी इमोशनल थी कि सुबह 6 बजे ही अस्पताल आ गई। हमारा प्लान तो गर्भ के साथ ही तय हो गया था। जन्माष्टमी पर डिलीवरी कराने की खुशी पूरे परिवार को है। जैसे-जैसे जन्माष्टमी नजदीक आ रही थी, मैं भी काफी उत्साहित हो रही थी। आज फाइनली मेरे घर स्वयं कृष्ण आ गए। मेरे घर भगवान आए हैं…कहकर रो पड़ी शकुंतला प्रयागराज की रहने वाली शकुंतला तिवारी के घर में आज नन्हा मेहमान आया, तो वो खुशी से झूम उठीं। उन्होंने कहा कि आज मेरे घर भगवान आए हैं, यह कहते हुए उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। बच्चों के जन्म के बाद डॉ. कीर्तिका ने अपनी मोबाइल से नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल.. सुनाए। भाग्यशाली हूं कि जन्माष्टमी पर बेटा हुआ प्रयागराज की रहने वाली मधुकांत तिवारी ने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बेटा हुआ। मैंने तो कृष्ण का नाम भी सोच लिया है। भगवान की कृपा है कि जिस दिन श्री कृष्ण जन्मे थे, उसी दिन इस शुभ बेला में मेरे घर नया मेहमान आया है। डॉक्टर ने लंबी डेट बताई, मैंने जन्माष्टमी की जिद कर ली कानपुर के बांस मंडी निवासी अनुष्ठा ने बेटे को जन्म दिया। उनके पति सिद्धान्त ने बताया कि मेरे घर कान्हा आए हैं, मैंने इनका नाम कृष्णा रखूंगा। यह मेरे लिए कृष्ण और राम दोनों हैं। जन्माष्टमी पर बेटा मिला है, ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है। डॉक्टर ने डेट लेट बताई थी। लेकिन मेरी पत्नी ने जिद ली कि मेरी डिलीवरी जन्माष्टमी पर ही कराएं। काफी दबाव के बाद मेरी डिलीवरी जन्माष्टमी पर कराई गई। मैं बहुत खुश हूं, मेरा सपना पूरा हो गया। जन्माष्टमी पर डिलीवरी, बेटी का नाम रखा राधिका कानपुर देहात के नाहरीबारी निवासी पूनम ने बेटी को जन्म दिया है। उनके पति विक्रम सिंह ने बताया कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने जन्माष्टमी पर ही बच्ची को जन्म दिया। हमने बच्ची का नाम भी राधिका रखा है। यह हमारे लिए राधा रानी का दिया प्रसाद ही है। राधिका के रूप में प्यारी बिटिया के आने से पूरा घर खुश है। घर में जन्माष्टमी पर लक्ष्मी का आगमन हुआ है। हमारा यहां भगवान ने जन्म लिया वाराणसी की रहने वाली सरिता ने बेटे को जन्म दिया। उनके पति विमलेश ने बताया कि हम बहुत खुश नसीब हैं। जो हमारे घर बेटा हुआ, वो भी आज के दिन। लगता है भगवान ने स्वयं आज ही जन्म लिया। हमने अस्पताल में मिठाई बांटी। रोहिणी नक्षत्र के लिए है ज्यादा जोर
गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि आज जिनकी डिलीवरी ड्यू है, वे शाम चार बजे के बाद का नक्षत्र देख डिलीवरी कराना चाहते हैं। हमारे यहां दिन में दो बच्चे पैदा हो चुके हैं। शाम के लिए कई बुकिंग हैं। जनमाष्टमी का एक अलग ही महत्व है। जिसमें हर साल बच्चे पैदा होने की संख्या ज्यादा ही रहती है। लेडी लायल हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. रचना गुप्ता ने बताया कि उनके यहां सुबह से अब तक 18 बच्चे पैदा हो चुके हैं। कुछ गर्भवतियों ने खास इच्छा जाहिर की थी। ज्यादातर गर्भवतियों की नॉर्मल डिलीवरी ही कराई जाती है। आगरा में जन्माष्टमी पर 250 से ज्यादा बच्चे पैदा होंगे
आगरा में सैकड़ों प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम हैं। इसके अलावा सरकारी हॉस्पिटल में लेडी लायल, एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल है। देहात में स्वास्थ्य केंद्र हैं। हर दिन शहर में 100 से 150 बच्चे पैदा होते हैं। जन्माष्टमी पर सिजेरियन कराने वाली गर्भवतियों की संख्या बढ़ जाती है। इससे इस बार 250 बच्चे पैदा होने का अनुमान है। लोग अपने घर में कान्हा या राधा के रूप को लाना चाहते हैं। बच्चों को कान्हा और राधा की ड्रेस पहनाकर स्टेटस भी अपलोड कर रहे हैं।