केलाडांडी गांव में जुमे की नमाज के दौरान खुराफातियों ने सील किए विवादित परिसर (मस्जिद) की दीवार तोड़ दी। पहरेदारी कर रहे होमगार्ड प्रेमपाल और छत्रपाल को पीट दिया। SDM और CO दीवार को बनवाने लगे तो BJP विधायक डॉ. एमपी आर्य धरने पर बैठ गए। गांव के लोगों ने चारों तरफ ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर एरिया डेढ़ घंटे तक सील रखा। अफसरों ने निर्माण रुकवा दिया। इस बवाल के बाद पूरा विवाद समझने के लिए दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। बरेली मुख्यालय से 67 किमी दूर नवाबगंज में दाखिल होते ही तनाव की स्थिति साफ झलकने लगी। केलाडांडी गांव में दाखिल होते ही हमें पुलिस गश्त नजर आई। साफ था, अभी हालात पूरी तरह से ठीक नहीं है। 6 घंटे के बवाल के बाद पुलिस ने जिन 12 लोगों को हिरासत में लिया है, उनकी परिवार के चेहरे पर गुस्सा है। हिंदू हो या मुस्लिम, दोनों इलाकों में लोगों का जमावड़ा था। क्या हुआ, क्यों हुआ? किसका दोष था? यही चर्चाएं चल रही थी। कुछ बुजुर्ग समझा भी रहे थे कि नवाबगंज की हवा में मोहब्बत है, कुछ लोग बहकावे में आकर गलत कदम उठा गए। मुस्लिम इलाके में 1 ही बात थी, हम तो वहां सिर्फ नमाज अदा करते थे। इबादत करते थे। हिंदू लोगों के बीच एक जगह को अवैध तरीके से मस्जिद में तब्दील करने की चर्चा थी। अब हमने गांव के लोगों से बात करके मूल विवाद को समझने का प्रयास शुरू किया… 190 गज दान की जमीन पर मुस्लिम बताते हैं मस्जिद
केला डांडी गांव में रहने वाले हसन अली ने कहा- यह 190 गज जमीन है। जहां एक तरफ गांव का मुख्य रास्ता है। दूसरी तरफ गली है। जमीन को 2002 में मोहम्मद बासिक ने मस्जिद के लिए दान में दिया था, उनके कोई बेटा नहीं था। दो बेटी हैं, उनकी बहुत पहले शादी हो चुकी है। करीब 20 साल पहले मोहम्मद बासिक की मौत हुई। उनके भाई फिदा हुसैन यहां की देखरेख करने लगे। करीब 20 साल पहले इसकी बाउंड्री वॉल बनवाई गई थी। जिसके बाद अंदर टीनशेड पड़ा। यहां पर मौलाना फिदा हुसैन नमाज अदा करते थे, लेकिन वह इस समय गांव में नहीं हैं। 3 महीने पहले यहां दोनों पक्षों में तनाव हुआ। जिसके बाद मस्जिद के गेट पर पुलिस ने ताला लगवा दिया था। तभी से 2 पुलिसकर्मी यहां तैनात किए गए। गांव में कोई दूसरी मस्जिद नहीं है, मुस्लिम समुदाय के लोग 3 महीने से पास के गांव क्यूलड़िया में नमाज अदा करने जाते हैं। शुक्रवार शाम को हिंदू पक्ष के लोगों ने ताला लगे होने के बावजूद मस्जिद की दीवार तोड़ दी। पथराव कर हमला बोला। दीवार तोड़ने की वीडियो भी है। जो लोग पुलिस ने पकड़े थे, उन्हें न जाने क्यों रात में छोड़ दिया गया। मुस्लिम महिलाएं बोलीं- हमारे घर पर हमला बोला
मस्जिद का जिस गली में गेट है। इस गली में मस्जिद से सटा आखिरी घर हाजी रहीम बख्श का है। यहां घर की चार महिलाएं दरवाजे पर खड़ी मिलीं। पहले तो बात करने से मना कर दिया, फिर कहने लगीं कि हिंदुओं ने हम पर हमला बोला। हमारे लोगों को पीटा। घरों की छत पर चढ़कर मस्जिद में आ गए, जिसके बाद हमें धमकी दी गई। दिन में सरेआम लाठी-डंडे लेकर दीवार तोड़ दी गई। हमारी घर की लड़कियों को भी खींचा गया। गली में मस्जिद के गेट के सामने इसरार हुसैन का घर है, यहां मुस्लिम लोगों की भीड़ लगी थी, लेकिन कैमरे के आगे बोलने से यह कहकर बचते रहे कि पुलिस है, उल्टा हमें ही उठाकर ले जाएगी। मस्जिद में गंगवार और दूसरे लोगों ने तोड़फोड़ की
तालिम हुसैन ने कहा- गंगवार और दूसरे लोगों ने तोड़फोड़ की मस्जिद के पास के रहने वाले तालिम हुसैन ने कहा- यहां गंगवार और दूसरे लोगों ने तोड़फोड़ की है। यह मस्जिद है। करीब 20 साल से हम यहां मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते थे। शुक्रवार को हम नमाज पढ़ने दूसरे गांव में गए थे। जिसके बाद बाद हिंदुओं ने तोड़फोड़ की। यह जमीन एक मौलाना साहब की है, 3 माह पहले पुलिस ने यहां ताला डलवा दिया है। मस्जिद से सटे घर में रहने वाली नंगनी ने कहा- हिंदू पक्ष की सभी बिरादरियों के लोगों ने तोड़फोड़ की गई। चारों तरफ से घर पर ईंट बरसाई गईं। हम महिलाएं थीं, आखिर कितने लोगों को रोक लेती। घरों की छत से लोग घुसकर आए। सारी जाति के लोग थे, जिन्होंने दीवार तोड़कर मस्जिद में तोड़फोड़ की। गली में रहने वाले रईस अहमद ने बताया- हम बर्दाश्त कर रहे हैं। दबाव अधिक पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन सुन नहीं रहा है। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हिंदुओं ने यही तोड़फोड़ की गई है। पहले इसी मस्जिद में नमाज अदा करते थे, जब 3 महीने पहले पुलिस ने ताला डलवाया तो दूसरे गांव में नमाज पढ़ने के लिए जाने लगे। समशुल हसीन मंसूरी ने बताया – यह होशियारी मस्जिद है। 20 साल से मुस्लिम नमाज पढ़ रहे हैं। गंगवार लोगों ने प्लान बनाया। जब हम नमाज अदा करने दूसरे गांव में गए। उस समय मस्जिद की दीवार तोड़ी गई। मौलाना हुसैन हमारी कम्युनिटी के सचिव हैं, वह नमाज पढ़ाते थे। यहां पर कुरान शरीफ थीं, उन्हें भी फाड़ दिया गया। गांव के रहने वाले हसन अली ने कहा- यह मस्जिद ही है। गांव के गरीब लोग हैं, इसलिए इसकी सही से देखरेख नहीं होती थी। चारों तरफ दीवार व गेट है। नमाज अदा करने का एक स्थल है। जहां शुक्रवार और दूसरे समय हम नमाज अदा करते थे। इसी बीच जमील अहमद भी बनियान पहने यहां पहुंच जाते हैं। उन्होंने पूछा कि मीडिया से हो, लेकिन सच दिखाना। मैं पूरी सच्चाई बताता हूं। गांव में मुस्लिम और हिंदू बराबर हैं। लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही। जुलाई में हमने रजिस्ट्रेशन कराया। जिसके बाद भी प्रशासन ने ताला नहीं खुलवा रहा है। अब दीवार तोड़कर गांव का माहौल खराब किया गया। हिंदू पक्ष से रामपाल ने कहा- अजान से पता चला मस्जिद खड़ी हो गई
गांव के रहने रहने वाले रामपाल और अन्य लोग भी गांव के बाहर सड़क किनारे बैठे हुए थे। जहां रामपाल ने कहा- हमने तो इन मुस्लिमों की पहले में जमानत भी कराई है। जिनकी जमीन है, वह खत्म हो चुके हैं। इन लोगों ने आपस में बैठकर समझौता कर लिया। एक साल से विवाद बढ़ा। हमारा उधर आना-जाना बंद हुआ। तभी इन्होंने इन्होंने मस्जिद का नमूना तैयार किया। दीवार पर चिन्ह बनाए। 3 महीने पहले जब लाउड स्पीकर से अजान की आवाज लगाई, तब पता चला कि मस्जिद बन गई। हमने एसडीएम और पुलिस को बताया। जिसके बाद यहां पुलिस ने ताला डलवा दिया। यह गलत कहते हैं कि 20 साल पुरानी मस्जिद है, यह सभी झूठ बोल रहे हैं। सरकार से अनुमति लें और मस्जिद बना लें। चोरी छिपे मस्जिद बनाकर अजान शुरू की
गांव के रहने वाले 65 साल के तुलाराम ने बताया मुस्लिम लोग मस्जिद बना रहे हैं। इन्होंने ही दीवार बनाई हैं, इन्होंने ही चोरी छिपे मस्जिद खड़ी कर दी। गांव के बाहर ही एक मंदिर है। यह जिनकी जगह थी, उनकी 2 दशक पहले माैत हो चुकी है। गांव के रहने वाले राजेश कुमार कहते हैं- इस गांव में मस्जिद का क्या मतलब। यह निजी जमीन है, मस्जिद बना रहे हैं, लेकिन हम नहीं बना देंगे। हमारे पक्ष के लोगों ने इन्हें समझाया, लेकिन यह नहीं माने। जिसके बाद हिंदु पक्ष के लोगों ने दीवार गिराई है। गांव के रहने वाले वीरेंद्र ने कहा – मुस्लिमों ने अवैध तरह से मस्जिद बनाई है। इनका पूरा समुदाय है, यह गांव का माहौल मस्जिद बनाकर बिगाड़ना चाहते हैं। पूरा हिंदू समुदाय एक साथ है, हमारा समुदाय पूरा एक साथ है। हिंदू विरोध कर करे हैं, हम विरोध करेंगे और मस्जिद नहीं बनने देंगे। अब गांव पर एक नजर
केला डांडी गांव क्यूलड़िया थाना क्षेत्र का गांव है। यह गांव डेम के किनारे है। नदी के एक तट पर क्यूलड़िया थाना है, तो करीब 1200 मीटर की दूरी पर केला डांडी गांव है। इस गांव का अपना प्रधान नहीं चुना जाता। यहां तीन गांव को मिलकर ( क्यूलडिया, केला डांडी और हरैया) एक प्रधान बनता है। इस समय क्यूलडिया गांव के रविंद्र प्रधान हैं। केला डांडी गांव की 3200 की आबादी है। गांव में हिंदू व मुस्लिम आबादी आधी आधी है। हिंदू आबादी में सबसे अधिक गंगवार हैं, दलित बहुत थोड़ी संख्या में हैं। यह भी पढ़िए… मैं सुनसान सड़क पर अकेली खड़ी हूं…मदद कीजिए: महिला की कॉल पर एक्टिव हुई आगरा पुलिस; 1 घंटे बाद पता चला ACP हैं आगरा में पुलिस कंट्रोल रूम में एक लड़की का फोन आता है। मदद मांगी जाती है, जो 15 मिनट में मिल भी जाती है। इसके बाद जो कुछ पता चलता है, वह काफी चौंकाने वाला होता है। लेकिन वह सब जानने से पहले फोन पर क्या बात हुई..। इस बातचीत के 15 मिनट में लड़की तक मदद पहुंच गई। लेकिन तब पता चला कि फोन करने वाली कोई आम लड़की नहीं, आगरा की ACP सुकन्या शर्मा हैं। शुक्रवार रात 11.30 बजे उन्होंने सदर बाजार से पुलिस-112 कंट्रोल रूम में फोन किया। पुलिस वाले का रिस्पॉन्स चेक किया। मदद मिलने की टाइमिंग से लेकर बात करने का तरीका तक, टेस्ट में सब कुछ ठीक मिला। पढ़िए पूरी खबर…

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