रात को पौने 10 बजे का समय था। पुलिस का फोन आया, उन्होंने कहा कि निधि तुम्हारी बेटी है। मैंने कहा हां। उन्होंने कहा स्कूल चले आओ। जब वहां पर पहुंचा, तो पुलिस ही पुलिस नजर आ रही थी। हम समझ नहीं पा रहे थे, कि क्या हो रहा है। पुलिस ने हमें गेट पर रोका और बताया कि तुम्हारी बेटी ने सुसाइड कर लिया है। यह सुनकर मेरे हाथ-पैर कांपने लगे। उसके बाद पुलिस मुझे बेटी के कमरे तक लेकर गयी। दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की हल्की सी खुली हुई थी। दरवाजा तोड़कर जब अंदर घुसे तो कोतवाल ने फांसी के फंदे पर झूल रही बिटिया को गोद में लेने को कहा। मैं बिटिया को डेढ़ मिनट तक गोद में उठाए रहा। पुलिस फंदे को काटती रही। अब एक पिता के लिए इससे ज्यादा बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा, कि जिस बिटिया को गोद में खिलाया हो, उसके शव को गोद में लेकर फांसी के फंदे से उतारा, यह कहना है प्रमोद यादव का। निधि का शव 4 सितम्बर को लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी थाना क्षेत्र के रेहरिया साहब गंज स्थित पण्डित दीनदयाल आश्रम पद्वति विद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में पंखे से लटकता मिला था। वह कक्षा 11वीं की छात्रा थी। घटना के 20 दिन हो गए। लेकिन, अब तक पुलिस खुलासा नही कर सकी और न ही कोई तथ्य निकलकर सामने आया हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैंगिग की पुष्टि हुई। इस मामले की हकीकत जानने दैनिक भास्कर की टीम जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर पड़रिया गांव पहुंचकर परिजनों से बातचीत की… पिता प्रमोद यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी निधि का दाखिला स्कूल में कक्षा 6 में कराया था। इस बार वह कक्षा 11वीं की पढ़ कर रही थी। 2 सितम्बर को वह अपनी बेटी को स्कूल में छोड़कर आया था। 3 सितम्बर को दोपहर उनकी पत्नी के पास किसी मैडम का फोन आया था। वह कह रही थी कि बेटी का कॉलेज से नाम काट देंगे। इसको यहां आकर ले जाओ। जब निधि की मां ने कारण पूछा, तो कहा कालेज आओ यही पता चलेगा। उसके कुछ देर बाद जब फोन आया, तो बताया गया कि कल शिक्षक दिवस है मत आना। वहीं दूसरे दिन रात को पौने 10 बजे फोन आया और विद्यालय आने को कहा गया। लेकिन बताया कुछ नहीं गया। इतनी रात में विद्यालय बुलाने को लेकर मन में कुछ शंका जरूर आयी। जिसके बाद मैं अपने रिश्तेदार रामशरन के साथ स्कूल पहुंचा। विद्यालय के गेट पर काफी भीड़ थी। जब अंदर घुसे तो पता चला की यह हादसा हुआ है। बेटी को सोमवार को हंसते-हंसते किया था विदा वहीं जब निधि की मां पद्मावती से बात की, तो उन्होंने नम आंखों से बताया कि उनको पता ही नहीं चला कि रात में क्या हो गया। बिटिया के शव को रात में ही स्कूल से पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। वह तो उसका चेहरा भी नहीं देख पायी। सोमवार को उसे घर से हंसते-हंसते विदा किया था। क्या पता था कि फूल सी उनकी बेटी का मुरझाया हुआ चेहरा आंखों के सामने आएगा। सारा राज स्कूल की मैडम ही जानती है। शव को दूसरे रास्ते से गांव में कराया प्रवेश निधि के चचेरे भाई सर्वेश यादव ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद गांव से लेकर स्कूल तक के गेट को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। जब निधि का शव वापस लेकर आ रहे थे, तो पुलिस को धरना-प्रदर्शन के बारे में जानकारी हो गयी थी, तो उन्होंने शव को दूसरे रास्ते से गांव में प्रवेश कराया। निधि यादव के कमरे में 12 छात्राएं रुकती हैं। पुलिस ने निधि और उसकी सहेली की अलमारी ही चेक की। बाकी अलमारी मौके पर हमें खोलकर नहीं दिखाया। हो सकता है कि अन्दर उन अलमारियों में कोई छिपा हो। इससे पहले भी दो लड़कियां की फांसी से मौत हो चुकी है। परिजनों से बात करने के बाद दैनिक भास्कर की टीम स्कूल पहुंची, तो वहां पर अंदर जाने के लिए परमिशन के लिए कहा गया। वहीं जब स्कूल में मौजूद स्टाफ के दो लोग अजीत सिंह राना और सैयद को पास फोन किया गया। उनसे विद्यालय की प्रधानाचार्य सोनम पाण्डेय का नम्बर मांगा गया, तो उन्होंने नम्बर देने से मना कर दिया। दो छात्रा और एक टीचर ने लगाई फांसी स्थानीय युवक पलविंदर सिंह ने बताया कि विद्यालय के अंदर से काफी गड़बड़ी की बात सामने आयी है। जब छात्राओं को यह स्कूल है, तो पुरूष कर्मचारियों की ड्यूटी यहां पर कैसे है। विद्यालय में फांसी वाला यह तीसरा कांड है। विद्यालय के अंदर बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा है। आखिर दो छात्राओं और एक टीचर ने फांसी लगाई। जिसका आज तक मामले का खुलासा नहीं हुआ। इसी प्रकार पुलिस और समाज कल्याण विभाग मिलकर इस मामले को भी दबा देगा। यह पूरा कालेज समाज कल्याण की भूमि पर बना हुआ है। यहां पर जो पहले कर्मचारी थे। वह रिटायर होने के बाद अब भी वहीं टिके हुए हैं। इस के बाद विवेचना कर रहे रेहरिया चौकी इंचार्ज हिमांशु आनंद से बात की… सवाल:- घटना के 20 दिन बाद अब तक विवेचना में क्या निकलकर आया? जवाब:- स्कूल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज किया गया था। स्कूल से 13 बिन्दुओं पर जबाब मांगा गया था। जिसका जबाब मंगलवार की शाम को उन्होंने दिया है। अभी उसको देख भी नहीं पाए हैं, कि उन्होंने क्या लिखा है। सवाल:-निधि यादव के कमरे का एक वीडियो सामने आया है। वह घटना के एक दिन पहले का परिजन बता रहे हैं? क्या छात्रावास में मोबाइल प्रतिबन्ध नहीं है? जवाब:- वीडियो पुराना प्रतीत हो रहा है। बाकी वीडियो किस दिन का है, इसकी जानकारी की जाएगी। हो सकता हो कि छात्राओं ने वीडियो टीचर के मोबाइल से बनाया हो। सवाल:-परिजन कह रहे हैं कि इस पूरी घटना की जानकारी फोन करने वाली मैडम को पता है? जवाब:-जिस नम्बर से परिजन की बात कर रहे हैं, वह नम्बर सोनम पाण्डेय का है। जो विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य हैं। सवाल:-क्या प्रधानाचार्य का नम्बर आप दे सकते हैं? जवाब:-मेरे मोबाइल में सेव नहीं है। जो सूचना में होगी। मैं अभी बाहर हूं, बाद में उपलब्ध करा दूंगा। 28 सितम्बर तक मांगा जबाब इस पूरे मामले को संदिग्ध मानते हुए 23 सितम्बर को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह संधू ने स्कूल के सामने धरना-प्रदर्शन भी किया था। जिसमें उन्होंने कुछ बिन्दुओं को लेकर प्रशासन से जानकारी मांगी है। दिलबाग सिंह ने बताया कि घटना शाम 7:30 बजे हुई थी, तो परिजनों को रात 10 बजे क्यों बुलाया? घटना के दिन कैमरे खराब थे, तो कितने दिन पहले से खराब थे, इस बारे में किसे अवगत कराया गया? घटना के दिन गेट कीपर कौन था। उस दिन कितने लोगों का स्टाफ था? घटना के दिन जो सफेद गाड़ी आयी थी। वह किसकी थी? इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमने 28 सितम्बर तक इन बिन्दुओं पर जबाब मांगा है। उसके बाद किसान यूनियन आन्दोलन करने पर मजबूर होगी। फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैंगिग आयी है। इस मामले में पुलिस को अभी तक दो डायरी और आठ पन्ने मिले हैं। जिनमें निधि ने अपने परिवार के बारे में लिखा है। उसका सपना डॉक्टर बनने का था। घटना के दिन आवासीय परिसर के कैमरे बंद थे। पुलिस डीवीआर को कब्जे में लेकर जांच कर रही है और तथ्यों को जुटाने में लगी हुई है।