वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की जमीन की अदला बदली के खिलाफ जिला कोर्ट की एक अदालत में याचिका दायर की गई है। शनिवार को दायर याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए देर शाम लिस्टेड कर दिया। ज्ञानवापी परिक्षेत्र की जमीन को तीन साल पहले की अदला-बदली किया गया था जिसे कोर्ट में गलत बताया गया। याचिका कर्ता ने विश्वनाथ कॉरिडोर की सारी जमीन बाबा विश्वनाथ के नाम करने की मांग की। विश्वनाथ काॅरिडोर के नाम पर अधिग्रहित जमीन का स्वामित्व विश्वनाथ मंदिर का घोषित करने और मसाजिद कमेटी से जमीन की अदला-बदली को चुनौती देने वाली याचिका बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत में शनिवार को दाखिल की। सुनवाई के लिए वकीलों की दलील के बाद 11 अक्टूबर तक विपक्षियों से जवाब मांगा है, जिसके बाद अदालत 18 अक्टूबर को वाद के बिंदु तय करेगी। अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, उत्तर प्रदेश सरकार (बजरिये डीएम) और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को अदालत ने 11 अक्तूबर को जवाबदेही दाखिल करने के लिए समन भेजने का आदेश दिया है। इससे पहले तीन जुलाई को याचिका को अदालत ने यह कहते हुए वापस कर दिया था कि वादी सरकार को सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस देने के पश्चात दावा दाखिल करे। काशी विश्वनाथ के सीईओ को नोटिस, 60 दिन बाद रिवीजन आदेश के अनुक्रम में नित्यानंद राय ने तीन जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार व मुख्य कार्यपालक अधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस प्रेषित की। नोटिस की मियाद 60 दिन बीत जाने के बाद दावा शनिवार को दाखिल किया गया। दावा में कहा गया है कि वादी आस्थावान हिंदू है। आदि विश्वेश्वर मंदिर जो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के रूप में सार्वजनिक पूजास्थल के रूप में उपयोग में लाया जाता है, उस पर होने वाले किसी भी अतिक्रमण को रोकने के लिए जागरूक रहता है। प्लाट नंबर 8276 का स्वयं को मालिक बताते हुए मसाजिद कमेटी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदे गए भवन से अदला-बदली कर ली। मसाजिद कमेटी ने कॉरिडोर को बनाने में हुई जल्दबाजी का फायदा उठाते हुए अदला-बदली का षड्यंत्र रचा। जल्दबाजी में उत्तर प्रदेश सरकार व मसाजिद कमेटी के बीच 10 जुलाई 2021 को उपनिबंधक द्वितीय के यहां अदला-बदली का निबंधन हुआ, जो गलत था। अदालत से प्रार्थना की कि 10 जुलाई 2021 के विनिमय प्रलेख को शून्य घोषित किया जाए। साथ ही विश्वनाथ मंदिर परकोटे में आने वाले सभी आराजी का स्वामित्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का घोषित किया जाए। परिसर के सर्वे पर 16 को आदेश संभव ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा-पाठ, राग-भोग और मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए अविमुक्तेश्वर भगवान की तरफ से दाखिल वाद में अमीन से सर्वे कराए जाने संबंधी आवेदन पर 16 सितंबर को कोर्ट आदेश देगी। यह वाद विश्व हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता और खजुरी निवासी अजीत सिंह की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन / फास्ट ट्रैक कोर्ट युगल शंभू की अदालत में दाखिल किया गया था।