झांसी में 5 साल की बच्ची से गैंगरेप के बाद हत्या करने वाले 3 दरिंदों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उनको अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। तीनों पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वे 5 साल पहले बच्चों के साथ खेल रही पीड़िता को पकड़कर ले गए थे। उसके साथ गैंगरेप किया और फिर हत्या कर दी थी। पत्थर से शव को कूच दिया था। बाद में बच्ची का आधा धड़ ही बरामद हो पाया था। इस बहूचर्चित केस का फैसला शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र यादव ने सुनाया है। पिता ने दर्ज कराया था अपहरण का केस विशेष लोक अभियोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा ने बताया कि 6 नवंबर 2019 को पीड़िता के पिता ने नवाबाद थाने में केस दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि 5 नवंबर 2019 की शाम को उसकी 5 साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी। तब वह अचानक गायब हो गई। साथ खेल रहे बच्चों ने बताया था कि गुमनावारा पिछौर निवासी छोटू कुशवाहा पुत्र बल्लू कुशवाहा बच्ची को अपनी बाइक पर बैठाकर ले गया। अपहरण का केस दर्ज कर पुलिस ने जांच की। छोटू को हिरासत में लिया तो खुला भेज जांच में पता चला कि छोटू अपने साथी उन्नाव गेट बाहर स्थित अंजनी नगर निवासी नत्थू कुशवाहा पुत्र परमानंद कुशवाहा और ओरछा गेट बाहर स्थित शांति भवन निवासी आकाश कुशवाहा पुत्र मंगलदास के साथ मिलकर बच्ची को नारायण बाग के पास ले गए। झाड़ियों में गैंगरेप करने के बाद वे डर गए। पोल खुलने के डर से गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद सिर को पत्थर से कूद दिया था। इसके बाद तीनों घर चले गए थे। पहले छोटू और नत्थू को गिरफ्तार कर आरोप पत्र प्रेषित किया गया था। बाद में पुलिस ने आकाश को गिरफ्तार कर आरोप पत्र प्रेषित किया था। खोजते रहे आधा धड़, नहीं मिला 8 नवंबर 2019 को नारायण बाग के पास झड़ियों में बच्ची का शव बरामद हुआ था। बच्ची का आधा धड़ गायब था। घटना को लेकर परिजन और लोगों में काफी रोष था। लंबी सुनवाई के बाद छोटू कुशवाहा, नत्थू कुशवाहा और आकाश कुशवाहा को हत्या, गैंगरेप, अपहरण और लाश को खुर्द बुर्द करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसका अभिप्राय आरोपियों के शेष प्राकृत जीवनकाल से होगा।