पटरी पर दौड़ती हमसफर एक्सप्रेस में डेढ़ घंटे तक 50 से ज्यादा लोगों ने रेलवे कर्मचारी की पिटाई की। बोगी में मौजूद यात्री प्रशांत को तब तक पीटते रहे। जब तक कि कानपुर GRP ने उसे कस्टडी में नहीं ले लिया। प्रशांत को कानपुर सेंट्रल स्टेशन के GRP थाने लाया गया। वह यहां करीब 6 घंटे तक तड़पता रहा। मेडिकल फैसिलिटी मिलने में देरी की वजह से प्रशांत की सांसें थम गईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में प्रशांत की बॉडी पर 13 बाहरी चोट मिली हैं। वहीं कई अंदरूनी चोट भी हैं। पहले हमसफर एक्सप्रेस में क्या हुआ, ये पढ़िए…
बुधवार रात करीब 11:30 बजे बिहार के सिवान से दिल्ली के लिए हमसफर एक्सप्रेस (02563) रवाना हुई। रेलवे में ग्रुप-डी में नौकरी करने वाला प्रशांत कुमार (34) सिवान से दिल्ली जा रहा था। वह बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला था। AC थर्ड इकोनॉमी कोच में सफर कर रहा था। पुलिस को उसके पास से जनरल टिकट मिला। TTE ने उसे बर्थ अलॉट की थी। इसी कोच में एक परिवार अपनी 11 साल की बच्ची के साथ सफर कर रहा था। बुधवार देर रात बच्ची के परिवार के लोग सो गए। मां टॉयलेट गई तो प्रशांत ने 11 साल की बच्ची को दबोच लिया। बच्ची को धमकी भी दी कि अगर किसी को बताया तो पूरे परिवार को मार देंगे। इससे बच्ची सहम गई। मां पहुंची तो बच्ची लिपट गई और फफककर रोने लगी। इसके बाद बोगी में मौजूद लोगों को भी इस बात की भनक लगी। यात्री भड़क गए। प्रशांत को सीट से खींच लिया। 2 कोच की भीड़ इकट्ठा हो गई। लखनऊ के ऐशबाग स्टेशन से गुरुवार रात 3 बजे प्रशांत के साथ मारपीट शुरू हुई थी। सुबह 4:35 बजे ट्रेन कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची। तब तक भीड़ प्रशांत को बेरहमी से पीटती रही। GRP ने भीड़ के कब्जे से प्रशांत को हिरासत में लिया और थाने लेकर पहुंची। इस दौरान करीब 6 घंटे यानी दोपहर 12 बजे तक प्रशांत कराहता रहा और दर्द से तड़पता रहा। लेकिन GRP ने उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया। GRP ने पीड़ित से तहरीर ली। बच्ची का बयान दर्ज किया। मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। यह सारी प्रक्रिया होने के बाद दोपहर 12 बजे प्रशांत की तबीयत बिगड़ने लगी। तब GRP वाले आनन-फानन में उसे KPM हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां 2 बजे डॉक्टरों ने प्रशांत को मृत घोषित कर दिया। 2 लापरवाही सामने आईं गुरुवार रात 11 बजे से सुबह 4:30 बजे तक सरसौल CHC प्रभारी डॉ. विशाल गौतम, बिधनू CHC के स्वदेश यादव के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। वीडियोग्राफी भी कराई गई। साढ़े पांच घंटे तक चले प्रशांत के शव के पोस्टमॉर्टम में सामने आया कि शरीर में 13 गंभीर चोटें सामने आई हैं। इसके साथ ही सीने की 8 पसलियों में फ्रैक्चर हो गया। पसलियां टूटकर फेफड़े में धंस गई। आंतरिक ब्लीडिंग ज्यादा होने से प्रशांत की मौत हो गई। सिर, आंख, पेट और पैर के साथ ही शरीर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं था, जहां पर प्रशांत को चोट न लगी हो। आक्रोशित भीड़ ने उसे इस कदर पीटा कि प्राइवेट पार्ट में भी गंभीर चोट आई थी। ऐसा लग रहा था कि लोगों ने जूते से प्राइवेट पार्ट और शरीर पर कई वार किए। GRP ने इस तरह दबाया कस्टोडियल डेथ केस
प्रशांत की मौत दोपहर 2 बजे हो गई थी। इसके बाद GRP मामले को दबाए रही। दिल्ली से प्रशांत के मामा प्रमोद कुमार रिश्तेदारों के साथ पहुंचे। इसके बाद रात में ही डीएम से पोस्टमॉर्टम को लेकर अनुमति कराई गई। आनन-फानन में गुरुवार रात 11 से 4:30 बजे तक पोस्टमार्टम होने के बाद शव को बिहार भिजवा दिया। इससे किसी को केस की भनक तक नहीं लगी। बिहार पुलिस में प्रशांत का भाई
प्रशांत के मामा प्रमोद कुमार ने बताया कि उसके पिता दिवंगत अरुण कुमार भी रेलवे में कर्मचारी थे। प्रशांत को मृतक आश्रित कोटे से रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी मिली थी। मां का भी निधन हो चुका है। प्रशांत का भाई जयंत बिहार पुलिस में कार्यरत है। प्रशांत ने लव मैरिज की थी, लेकिन कुछ समय बाद उसकी शादी टूट गई। वह अभी अकेले ही रहता था। यह भी पढ़ें… गाजियाबाद में यूरिन मिलाकर लोगों को पिलाए जूस: पब्लिक ने दुकानदारों को जमकर पीटा; तलाशी में बोतल में भरा मिला यूरिन गाजियाबाद में शुक्रवार की शाम लोगों ने जूस दुकानदार को जमकर पीटा। आरोप है- दुकानदार जूस में यूरिन मिलाकर लोगों को पिला रहा था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो दुकानदार को छुड़ाया। पुलिस को दुकान के अंदर से प्लास्टिक की कैन में करीब एक लीटर यूरिन मिली है। पुलिस ने दुकानदार आमिर और उसके एक नाबालिग साथी को गिरफ्तार कर लिया है। पढ़िए पूरी खबर…

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