उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। कैश नहीं था, इसलिए दोस्त ने 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन, तब तक जज के पति गंगा में बह गए। पैसे ट्रांसफर हुए तो गोताखोर ने नदी में छलांग लगाई। शनिवार शाम 6 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। रविवार सुबह 7 बजे फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ है। हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर हैं आदित्यवर्धन सिंह
जो गंगा में डूब गए, उनका नाम आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव है। वे वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। पुलिस की टीम ने गंगा में शाम 6 बजे तक उनकी तलाश की। अंधेरा होने की वजह से अब कल सुबह फिर से टीम तलाश करेगी। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं। आदित्यवर्धन सिंह के चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार कैडर के सीनियर IAS और मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार के निजी सचिव के रूप में कार्यरत हैं। नहाते समय गहरे पानी में चले गए
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) बांगरमऊ क्षेत्र के कबीरपुर गांव के मूल निवासी हैं। इस समय वे लखनऊ के 16/1435 इंदिरानगर में रहते हैं। शनिवार को वे मोहल्ले के ही अपने दो दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से बिल्हौर (उन्नाव) के नानामऊ घाट पर गंगा स्नान करने पहुंचे। नहाते समय अचानक वे गहरे पानी में समा गए। बहन ऑस्ट्रेलिया में उच्च पद पर तैनात, चचेरे भाई गोरखनाथ मंदिर सर्किल के CO
आदित्यवर्धन की बहन ऑस्ट्रेलिया में उच्च पद पर तैनात हैं। उनके पिता रमेश चंद और मां शशिप्रभा कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया गए थे। पिता नहर विभाग में JE पद से रिटायर हैं। गांव के परिजन ने जब उन्हें घटना की सूचना दी तो माता-पिता बिलख-बिलख कर रोने लगे। फिलहाल माता-पिता ऑस्ट्रेलिया से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। आदित्यवर्धन के कजिन योगेंद्र सिंह नीरज PPS अफसर हैं। वे गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ मंदिर सर्किल के डीएसपी हैं। घटना की सूचना मिलते ही नीरज भी गोरखपुर से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। 3 तस्वीरें: स्थानीय विधायक भी रेस्क्यू का जायजा लेने पहुंचे दोस्त बोले- तैराक चाहता तो आदित्यवर्धन बच सकते थे
घटना के समय मौके पर मौजूद प्रदीप तिवारी ने बताया- गहरे पानी में डूबते देख स्थानीय तैराक ने उन्हें बचाने के लिए 10 हजार रुपए की मांग की। मैंने रुपए ट्रांसफर भी कर दिए, लेकिन तैराक ने जानबूझकर लापरवाही बरती। अगर वह चाहता तो आदित्यवर्धन को बचाया जा सकता था। घटना की जानकारी मिलते ही बांगरमऊ विधायक श्रीकांत कटियार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। कानपुर प्रशासन के कई वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंचे और युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया। प्रशासन ने मोटरबोट और स्थानीय गोताखोरों की मदद से भी उनकी तलाश की। गंगा में डूबे डिप्टी डायरेक्टर के परिजन ने कानपुर नगर के कमिश्नर को फोन कर NDRF टीम भेजने की मांग की। तैराक शैलेश कश्यप बोला- पैसा वापस कर दिया
शैलेश कश्यप ने बताया- घाट के किनारे मेरी दुकान है। 5-6 गोताखोर मेरी दुकान में बैठे थे। यहां पर उन्होंने डूबने वाले के दोस्तों से बात की। उनके पास नकद पैसा नहीं था, इसलिए ऑनलाइन मेरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। बाद में हमने पैसा वापस कर दिया। विधायक जी आए थे, वह नाराज हो रहे थे कि पैसे क्यों लिए? प्रधानपति बोले- गहरे पानी में जाने से हादसा हो गया
प्रधानपति रामसनेही कनौजिया ने बताया- डिप्टी डायरेक्टर मेरी ग्राम सभा के रहने वाले थे। ये लोग शनिवार सुबह 4 बजे लखनऊ से निकले थे। यहां साढ़े 5 बजे आ गए थे। इसके बाद तीनों नहा रहे थे। इसी दौरान गहरे पानी में जाने से हादसा हो गया। टीम उनकी तलाश कर रही है। अभी तक पता नहीं चल पाया है। NDRF और लोकल गोताखोर लगे हैं। पिता ऑस्ट्रेलिया से सुबह तक पहुंचेंगे। वहीं, इनके बड़े पापा और चचेरे भाई दिल्ली से चल चुके हैं और जल्द पहुंचने वाले हैं। ऐसे चल रहा रेस्क्यू यह खबर भी पढ़ें IIT-BHU छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी रिहा:हाईकोर्ट से जमानत; घर पर माला पहनाकर हुआ स्वागत वाराणसी के IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी 7 महीने बाद रिहा हो गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को सशर्त जमानत दी। तीसरे आरोपी सक्षम पटेल की जमानत कोर्ट ने स्वीकार नहीं की। 16 सितंबर को उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी। यहां पढ़ें पूरी खबर म