जब मैं घर पहुंची तो देखा चारों तरफ ईंट के टुकड़े पड़े थे। घर के बाहर के पुलिस खड़ी थी। काफी भीड़ थी। कुछ देर तक मैं समझ ही नहीं पाया कि क्या हो रहा है। किससे क्या बात करूं। न पापा दिख रहे थे न मम्मी दिख रही थी। मेरा छोटा भाई ऐसा मंजर देख करके रोने लगा। मेरी भी आंख भर आई, मैंने किसी तरह खुद को संम्भाला। तभी किसी के रोने की आवाज सुनी। तब मुझे बताया गया कि तुम्हारे घर में विस्फोट हो गया। पूरा घर गिर गया। मैंने तुंरत मां पापा के बारे में पूछा। तो मुझे पता चला वो मलबे में दब गए थे। किसी तरह उनको बाहर निकाला गया। अभी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया। ये कहना है 13 वर्षीय खुशी की जिसके घर में गुरुवार सुबह विस्फोट हो गया। उन्नाव में गुरुवार सुबह अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। धमाका इतना भयानक था कि दो मंजिला मकान ढह गया। धमाके की आवाज लोगों ने 5 किलोमीटर दूर तक सुनी। हादसे में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और 3 थानों की पुलिस मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू किया। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। घटना बीते गुरुवार सुबह 11 बजे बारासगवर के करनाईपुर गांव की है। बता दें कि उन्नाव शहर से 60 किमी दूर बारासगवर थाना क्षेत्र के टेढ़ा गांव में दीपावली में बिक्री के लिए अवैध पटाखे व प्रतिबंधित आतिशबाजी का सामान घर में ही बनाया जा रहा था। दो मंजिला मकान में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में अचानक तेज धमाका हुआ। थोड़ी ही देर में आग और धुंए का गुब्बार उठने लगा। विस्फोट होते ही हड़कंप मच गया। आग की चपेट में आने से युवक झुलसा आस-पास के लोग धमाके व धुएं का गुब्बार देख घर छोड़कर सड़क पर भाग खड़े हुए। विस्फोट होते ही घर भी भरभरा कर गिर गया। जिसके मलबे में महिला सहित 4 लोग दब गए ।एक युवक आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया था। जिसे पुलिस ने सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घर में अवैध तरीके से पटाखे बनाते समय हादसा हुआ। पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के वक्त घर में 4 लोग मौजूद थे। दीपावली त्योहार के लिए बनाया जा रहा था आतिशबाजी उन्नाव-भोजपुर सड़क मार्ग स्थित करनईपुर गांव के रहने वाले सुनील पटाखा बेचने का काम करता है। अपने दो मंजिला घर में अवैध रूप से गोला, सुतली बम व अन्य प्रतिबंधित आतिशबाजी दीपावली त्योहार को लेकर बनवाकर भंडारण कर रहा था। बारासगवर थाना से 3 किमी दूर चल रहे अवैध पटाखा फैक्ट्री के बारे में पुलिस को भनक तक नहीं लगी। वहीं आतिशबाज सुनील के पिता की 17 साल पहले पटाखा बनाते समय विस्फोट में मौत हो चुकी है। सुनील पत्नी के साथ कर रहा था बारूद का भंडारण गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सुनील अपनी पत्नी बीना व एक अन्य सहयोगी के साथ बारूद का भंडारण कर रहा था। इस दौरान गैस सिलेंडर की चिंगारी से पूरा घर पल भर में बारूद के ढेर में तब्दील हो गया। तेज धमाके के साथ आसमान पर काले धुंए के गुब्बार से हड़कंप मच गया। इस बीच रुक-रुक कर हो रहे धमाके से आसपास के लोग घर छोड़कर सड़क पर आ खड़े हुए। घर में हो रहे विस्फोट को देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई। मुख्य मार्ग पर वाहनों की रफ्तार थम गई। पुलिसकर्मी राहत व बचाव कार्य में जुटे रहे घटना की सूचना पर सीओ ऋषी कांत शुक्ला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फायर बिग्रेड भी पहुंच गई। दमकल के साथ पुलिसकर्मी राहत व बचाव कार्य में जुटे। पुलिस अफसरों के अलावा एसडीएम क्षितिज द्विवेदी भी घटनास्थल पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। मलबे में दबी आतिशबाज की पत्नी बीना को डेढ़ घंटे के रेस्क्यू में कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। महिला की हालत गंभीर होने पर कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया है। बरामद हुआ था एक लोडर पटाखा
सुनील के घर से 2 साल पहले पुलिस ने छापेमारी करके एक लोडर पटाखा बरामद किया था। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वह जेल भी गया था। लेकिन जमानत मिलने के बाद वह बाहर आ गया और फिर से उसने दोबारा कारोबार शुरू कर दिया। शादी पार्टियों में वह आतिशबाजी का बुकिंग भी करता था। पिता की मौत के बाद सुनील ने गांव से बाहर रोड के किनारे दो बिस्वा प्लाट खरीदा। जिसमें एक बिस्वा जमीन में मकान बनवाया। जिसमें नीचे के हिस्से में बारूद इकट्ठा था। वह पटाखे बनाने का कारोबार करता था। गुरुवार को विस्फोट होने के बाद घर में रखें दो गैस सिलेंडर भी फट गए। घायल बोला- बच्चे स्कूल गए थे
हादसे में घायल हुए सुनील के बच्चे घटना के वक्त स्कूल पढ़ने गए थे। प्रियांशु, खुशी और मयंक छुट्टी होने के बाद जब वापस लौटे, तो उनका घर मलबे में तब्दील मिला। बच्चे यह स्थिति देखकर रोने लगे। 5 किमी दूर तक पहुंची धमाके की आवाज
विनय अवस्थी ने बताया कि वह दोपहर में घर पर मौजूद थे। तभी अचानक उन्हें विस्फोट की आवाज सुनाई दी। वह अपनी बाइक से टेढ़ा गांव के लिए रवाना हुए। तब तक आसपास के और गांव के लोग इकट्ठा हो गए। करीब 5 किलोमीटर की दूरी तक विस्फोट की आवाज पहुंचती रही। इसके बाद दमकल विभाग के कर्मचारी अधिकारी मौके पर पहुंचते रहे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनूप सिंह ने बताया कि पटाखा बनाने और बेचने का लाइसेंस देने वाले विभाग से जब पता किया गया, तो अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है। वहीं कर्मचारियों ने बताया कि जितने लोग घायल हैं। उनके नाम से कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। यहां अवैध पटाखा बेचने या बनाने का काम चल रहा था। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हादसे में 3 लोग घायल हुए हैं। जिनका इलाज चल रहा है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये भी पढ़ें… चलती कार में रेप किया, शिकायत करने पर पागलखाने भेजा: लखनऊ की इंजीनियरिंग की जिस छात्रा से आगरा में रेप हुआ, उसकी आपबीती आगरा की दयालबाग पुलिस चौकी में 23 अगस्त को एक इंजीनियरिंग की छात्रा ने जमकर हंगामा किया। उसने अपने कपड़े तक उतार दिए। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर मेंटल अस्पताल में दाखिल कराया। छात्रा के इस हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दरअसल, छात्रा ने अपने एक सीनियर (शिवांश) पर रेप का केस दर्ज कराया था। उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज थी। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है। छात्रा मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली है और अब अपने घर आ गई है। पढ़ें पूरी खबर…