लखनऊ का केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां संस्कृत के साथ-साथ सिविल सर्विसेस की तैयारी कराएगा। यहां ट्रेडिशनल स्कॉलरशिप और मॉडर्न टेक्नीक के आधार पर पढ़ाई हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि यूनिवर्सिटी में छात्रों को 18 रुपए खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां स्टूडेंट्स को संस्कृत के साथ मल्टी डिसिप्लिन रिसर्च करने का मौका भी मिल रहा है। IT कंपनी HCL के साथ कॉलेब्रेशन कर स्टूडेंट्स को कोडिंग भी सिखाई जा रही है। संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र IIT रुड़की के छात्रों के साथ मिलकर सिविल इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई कर रहे हैं। कैंपस@लखनऊ सीरीज के पांचवें एपिसोड में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के डायरेक्टर प्रो. सर्वनारायण झा से खास बातचीत… प्रो. झा कहते हैं, यूनिवर्सिटी में पढ़ाई फ्री में होती है। NAAC ++ का रैंक मिला है। विदेशी स्टूडेंट्स के लिए एक डेडिकेटेड फ्लोर भी बनाने की तैयारी है। यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में जज फैसला देने से पहले शास्त्रों और उपनिषदों का अध्ययन करने आते हैं। यहां से पढ़ कर निकले लॉ के स्टूडेंट कोर्ट में संस्कृत में बहस करेंगे। अगर जज बनते हैं तो जजमेंट भी संस्कृत में लिख सकेंगे।

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