साइबर ठगी की वारदातों का नया नेटवर्क पाकिस्तान बॉर्डर से जुड़ा है। पाकिस्तान सीमा से महज 30 किमी दूर गांव में ठगों ने अपना सेटअप बनाया था। वाराणसी पुलिस ने बुधवार को 4 ठगों को पकड़ा है। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि श्री गंगा नगर, सूरतगढ़ और हिंदूमलकोट (पाकिस्तान बॉर्डर के गांव) में ठगों ने अड्‌डा बना रखा था। यहां पर एक से एक हाईटेक सिस्टम लगे थे। ये VPN एड्रेस के जरिए एजेंसी को गुमराह कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को एक रिजॉर्ट से पकड़ा है। ये लोग 5 साल में अब तक 10 हजार करोड़ की ठगी कर चुके हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला… वाराणसी के साड़ी कारोबारी ने की शिकायत
8 अगस्त को वाराणसी के साड़ी कारोबारी अजय श्रीवास्तव के खाते से 4 बार में 27 लाख रुपए कट गए। तब उन्हें ठगी की जानकारी हुई। इसकी शिकायत साइबर सेल में की। कारोबारी ने बताया कि उनके टेलीग्राफ एकाउंट पर एक लिंक आया। उस पर क्लिक किया, तो पैसे डबल करने का ऑफर और कई सारे गिफ्ट दिखे। मैंने लालच में उस पर क्लिक किया। कारोबारी के मुताबिक, ऑप्शन में मुझे पैन कार्ड और बैंक खाता भरने के लिए कहा गया। मैंने भर दिया, थोड़ी देर बाद अलग-अलग खाते से 27.25 लाख उड़ गए। बाद में सिर्फ 30 हजार रुपए की रकम ही मिल सकी। इसके बाद साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की। जिसके तार पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गांव के पास में निकले। पुलिस हिंदूमलकोट पहुंची। ऐसे पहुंची अपराधियों तक पुलिस
साइबर पुलिस ने उस लिंक पर क्लिक किया, उस वेबसाइट को कोड किया। इससे पता चला कि साइट पर करीब 4 हजार लोग क्लिक कर चुके हैं। यहां से करीब 50 संदिग्ध नंबर निकाले, जिन्हें ट्रेस किया। ये राजस्थान के गांव सूरतगढ़, हिंदूमलकोट और श्री गंगा नगर के पास के निकले, जो पाकिस्तानी बॉर्डर से महज 30 किमी दूर थे। साइबर सेल की टीम लोकेशन पर पहुंची। यहां होटल चेक किए। इसके बाद पुलिस एक रिजॉर्ट तक पहुंची। यहां पर आशीष विश्नोई और प्रिंस खोड को पकड़ा। फिर इनकी निशानदेही पर हरीश विश्नोई, मनदीप सिंह तक पहुंची। अपराधियों का विदेश में नेटवर्क, अक्टूबर में भागने वाले थे
DCP प्रमोद कुमार ने बताया- चारो आरोपी फर्जी वेबसाइट से ठगी करते थे। इनके नेटवर्क विदेशों तक फैले हैं। ये एक देश से दूसरे देश जाकर भी ठगी करने का ठेका लेते थे। कहीं पर भी वारदात करने के बाद ये विदेश भाग जाते थे। अक्टूबर में ठगी करने के बाद सभी का अलग-अलग देशों में भागने का प्लान था। इसमें आशीष विश्नोई कनाडा, प्रिंस अमेरिका, हरीश दुबई और मनदीप US जाने वाला था। इनके पासपोर्ट और टिकट पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। अपराधी कम पढ़े लिखे लेकिन काफी शातिर
पुलिस के मुताबिक, अपराधी कम पढ़े-लिखे हैं, लेकिन साइबर बारीकियों के मास्टर माइंड हैं। ये ब्रांडेड कंपनियों की वेबसाइट बनाकर अब तक कई लोगों को शिकार बना चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल, एटीएम, सिम कार्ड और नकदी बरामद की है। इन आरोपियों के खिलाफ पहले से दो केस दर्ज हैं। इसमें आशीष, प्रिंस और तीसरा हरीश केवल 12वीं पास हैं। वहीं, मनदीप 10वीं पास है। लेकिन, इसका दस्तावेज नहीं मिला। इन लोगों ने कभी किसी IT कंपनी में काम भी नहीं किया। लेकिन, इंटरनेट, यूट्यूब और गूगल के सहारे साइबर हैकिंग सीख ली। आशीष सॉफ्टवेयर हैक करने में माहिर
पकड़े गए आरोपियों में सबसे शातिर आशीष और प्रिंस हैं, जो विदेशों में बड़े गैंग के साथ मिलकर काम चुके हैं। आशीष के पास सॉफ्टवेयर और साइट हैक करने का हुनर है। वह वाई-फाई पासवर्ड के जरिए किसी भी सॉफ्टवेयर की सेटिंग में जाकर परमिशन ले लेता है। मोबाइल का पासवर्ड तोड़ना और परमिशन देकर क्रैक करना, उसके लिए छोटी बात है। दुबई, कनाडा में बड़े गैंग के बदमाशों के साथ इनका संबंध भी पता चला है, जिसके लिए बड़े परसेंट पर गैंग के साथ मिलकर करते हैं। आशीष ने पिछले दिनों विदेश से ही अपने खाते में 97 लाख का ट्रांजैक्शन किया था। वह अब तक करोड़ों रुपए का हेरफेर कर चुका है।

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