प्रयागराज में SRN अस्पताल में मिली डॉक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव की डेडबॉडी का मामला मर्डर और सुसाइड में उलझता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, गले की मांसपेशियों में चोट के निशान हैं। सांस की नली भी टूटी पाई गई है। वहीं, परिवार वालों ने भी हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वो घर आने की बात कहकर गए। ऐसे में वो सुसाइड कैसे कर सकते हैं। हालांकि पुलिस सुसाइड और हत्या दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है। अब जानिए पूरा मामला… कार में मिली थी डॉक्टर की लाश
28 सिंतबर को देर रात डॉ. कार्तिकेय अपनी कार में मृत पाए गए। रात में उनके कुछ साथियों की नजर एसआईसी ऑफिस के पास खड़ी कार (HR26 DF 2434) पर पड़ी। वहां जाकर देखा, तो वह अंदर अचेतावस्था में पड़े थे। कार का गेट भी लॉक नहीं था। पुलिस को कार में से एनेस्थीसिया के इंजेक्शन मिले। डॉ. कार्तिकेय श्रीवास्तव उत्तराखंड के कोटद्वार के अपार कालावड़ इलाके के रहने वाले थे। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट-2 थे। वह ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में थे। वह शनिवार को सुबह करीब 8 बजे अस्पताल की ओटी में पहुंचे थे। अपने जूनियर से कहा था- ‘मेरे हाथ में वीगो लगा दो हम इंजेक्शन बाद में लेंगे’ वीगो लगाने के बाद वह सीधे ओटी से निकल गए। दिन भर उनका कोई पता नहीं चला। ओटी के साथ दूसरे साथी उनसे संपर्क करने का प्रयास करते रहे लेकिन, मोबाइल पर संपर्क नहीं हो सका। अब जानिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या रहा
29 सितंबर को देर शाम डॉ. कार्तिकेय श्रीवास्तव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कार्तिकेय श्रीवास्तव के गले की मांसपेशियों में चोट के निशान हैं। सांस की नली भी टूटी है। निशान इस तरह के हैं कि उसे देखकर हत्या या आत्महत्या कहना मुश्किल है। हो सकता है कि गला दबाकर डॉक्टर की हत्या की गई हो। कुछ सैंपल लेकर लैब में भेजे गए हैं। पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट पता चल सकेगा। आखिर में है क्या? अब बात पिता और रिश्तेदारों से डॉक्टर कार्तिकेय के पिता कृष्ण कुमार श्रीवास्तव प्रोफेसर थे। बेटे की मौत के बाद पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर रोते रहे। उनका इकलौता बेटा छोड़ गया। यह कहकर वह रोने लगते । उन्होंने बताया- रोज की तरह ही मेरा बेटा सोकर सुबह उठा। अपनी दीदी और जीजा को छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन गया। लौटकर फिर घर आया। हम लोगों के साथ ही काफी पी। हास्पिटल जाने के लिए तैयार हो गया। जाते समय बेटे ने कहा कि मैं जल्दी आता हूं। फिर मम्मी के साथ आपको लेकर अस्पताल चलूंगा और चेकअप कराऊंगा। फिर ये खबर मिली। रिश्तेदार आत्माराम ने कहा- डॉ. कार्तिकेय अपने मां-बाप से यह कहकर घर से निकलते हैं कि वह ओटी से आकर उनकी जांच कराने के लिए अस्पताल ले चलेंगे। वो ड्रेस पहनकर भी पहनकर गए थे। इसके बाद उनकी मौत की खबर मिली। मैं बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं कि ये सुसाइड है। इसमें कोई साजिश है, उनकी हत्या हुई है। रिश्तेदार आनंद ने बताया-अस्पताल में डॉक्टरों की पार्किंग है। यहां पर 4 CCTV कैमरे लगे हैं। लेकिन, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह कैमरे बंद थे। मुझे नहीं पता बंद थे या खराब थे। ये गलत है। इतने बड़े अस्पताल में कैमरे बंद है। कई चीजें हत्या की साजिश की ओर इशारा करती है। इस मामले में हाई लेवल जांच होनी चाहिए। पोस्टमॉर्टम हाउस में रोती रहीं बहनें व पिता
कार्तिकेय दो बहनों में इकलौते भाई थे। सबसे छोटे थे। डॉ. दीप्ति जेल अधीक्षक, बिजनौर हैं। दूसरी बहन अंकिता भी डॉक्टर हैं। छोटे भाई की मौत की सूचना मिलने पर सब प्रयागराज आ गए। पोस्टमॉर्टम के बाहर दोनों बहनों को रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। पिता कृष्ण कुमार श्रीवास्तव मोबाइल में बेटे की फोटो देखकर रो रहे हैं। पुलिस इन 4 प्वाइंट पर कर रही जांच ये खबर भी पढ़ें… झांसी में 14 साल की छात्रा का सुसाइड…पिता का दर्द:बोले- बेटी IPS बनना चाहती थी, खाकी वर्दी की जगह कफन में लिपटकर घर लौटी झांसी के नवोदय विद्यालय में 9वीं कक्षा की छात्रा ने सुसाइड कर लिया था। 14 साल की छात्रा का शव हॉस्टल की सीढ़ियों पर बनी रेलिंग पर लटका मिला था। उसे 12वीं कक्षा की 2 छात्राएं परेशान कर रही थीं। इसी वजह से उसने दुपट्टे से फांसी लगा ली थी। अनुष्का पटेल इकलौती बेटी थी। उसके इस कदम से माता-पिता टूट चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर