बेटा और बेटी मेरी आंखों के सामने मर गए। उनका क्या कसूर था। मेरी आंखों के सामने दोनों ने दम तोड़ दिया। मैं कुछ न कर सकी। मेरा तो सब खत्म हो गया। मेरी चार साल की बेटी इच्छा और डेढ़ साल का बेटा अभिनय दोनों मेरे साथ चारपाई पर सोए थे। रात के करीब 10 बजे थे, तभी तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। छत का मलबा अचानक से मेरे ऊपर गिरा। मैं चीख पड़ी। देखा तो मेरे दोनों बच्चे दबे थे। मैं उन्हें लेकर भागी, लेकिन उनके ऊपर कुछ मलबा और गिर गया। दोनों बुरी तरह से घायल हो गए। दोनों दर्द से चीख रहे थे। इसके बाद घर वाले आए। हम लोग बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन, डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। ये दर्द है मां गायत्री का, जिनके दोनों बच्चे अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मर गए। पहले पूरा घटनाक्रम जानते हैं… मकान में भरा था 200 किलो बारूद, 10 किमी तक सुनाई दिया धमाका
सोमवार, 16 सितंबर की रात साढ़े 10 बज रहे थे। जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर नेशनल हाईवे पर नौशहरा गांव में सन्नाटा पसरा था। तभी एक मकान के अंदर रखे पटाखों में अचानक आग लग गई। मकान के अंदर करीब 200 किलो बारुद था। इसी वजह से विस्फोट हुआ और तेज धमाके की आवाज के साथ ही आस-पास के मकानों की दीवारें गिर गईं। धमाके की आवाज लगभग 10 किमी दूर तक सुनाई दी। 1500 की आबादी वाले गांव में करीब 100 मकानों की दीवार में दरार आ गईं। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। मलबे से 11 लोगों को बाहर निकाला गया। 15 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चला। प्रशासन ने मौके पर SDRF और फायर ब्रिगेड की टीम, स्निफर डॉग बुलाए। इधर, ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हादसे के बाद पहुंची पुलिस टीम को लोगों ने दौड़ा लिया। डीएम-एसपी पहुंचे तो उन्होंने माइक पर अनाउंस कर कहा- हम आपकी मदद के लिए हैं। कोई भी दोषी बचेगा नहीं। अफसरों ने आक्रोशित लोगों को किसी तरह से शांत कराया। इसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ। सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 4-4 मुआवजा देने का ऐलान किया। मकान को बनाया आतिशबाजी का अवैध गोदाम
नौशेहरा निवासी चंद्रपाल कुशवाहा के मकान को मोहल्ला बुर्ज के भूरे खान ने किराए पर ले रखा था। उसने आबादी के बीच मकान को आतिशबाजी का अवैध गोदाम बना दिया था। पुलिस ने भूरे और उसके दोनों लड़के ताज और राजा के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। मंगलवार की रात भूरे को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उसके दोनों बेटे अभी फरार हैं। तलाश की जा रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आबादी के बीच अवैध फैक्ट्री चल रही थी, लेकिन आसपास के लोगों को इसका पता नहीं था। शिकोहाबाद में यह तीसरा हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि धमाका इतनी तेज था कि कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। बाहर निकल कर देखा तो मंजर भयानक था। चंद्रपाल कुशवाहा का मकान जमींदोज हो चुका था। आसपास के घरों की दीवारें ढह चुकी थीं। शिकोहाबाद में यह तीसरी बार हादसा हुआ है। इससे पहले दो बार और हादसे हो चुके हैं। वह दोनों भी इसी आरोपी के थे। 11 घायलों का चल रहा इलाज
हादसे में पांच लोगों- मीरा देवी (45) पत्नी महेश, गौतम कुशवाहा (16) पुत्र जगदीश, अमन (17) कुशवाह पुत्र महेश निवासी, इच्छा (4) पुत्री धर्मेन्द्र सिंह, अभिनय (1) पुत्र धर्मेन्द्र सिंह की मौत हो गई। वहीं, घायलों राकेश, सोनी कुशवाह, विष्णु, संजना, ओमप्रकाश, विमलेश, राममूर्ती, लता, अंजली, विष्णु एक अन्य हैं, जिनका इलाज चल रहा है। घरों के खिड़की-दरवाजे टूटे, दीवारों में दरार
घटना के वक्त फैक्ट्री में कोई नहीं था। सभी मरने वाले आसपास के घरों के हैं। इस वजह से लोग प्रशासन से नाराज हैं। धमाका इतना तेज था कि 10 किमी तक आवाज सुनाई दी। घरों के खिड़की-दरवाजे टूट गए और दीवारों में दरारें तक पड़ गईं। 100 घरों में दरारें आई हैं। पूरा का पूरा गांव क्षतिग्रस्त है। गांव के हर एक घर में कुछ न कुछ नुकसान हुआ है। हादसे के बाद सबसे पहले सीओ प्रवीण कुमार तिवारी, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। थोड़ी देर में डीएम रमेश रंजन और एसएसपी सौरभ दीक्षित भी आ गए। डीएम आए तो लोगों से बचाव कार्य में सहयोग करने की अपील की। मौके पर जेसीबी और हाइड्रा जैसी भारी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम किया गया। अब ड्रोन से देखिए विस्फोट के बाद की तस्वीरें… ड्रोन के जरिए देखा जा सकता है कि चारों ओर तबाही नजर आ रही है। हर तरफ टूटे घरेलू सामान के साथ ईंट बिखरी पड़ी हैं। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटनास्थल से 250 मीटर दूर स्थित दुकान, मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। धमाके की तीव्रता से दुकानों के शटर बाहर आ गए हैं। किसी की दीवार खिसक गई है तो किसी के लेंटर दीवार छोड़ चुके हैं। अभी कई घरों के सामान धमाके से घटनास्थल से दूर जा गिरे हैं। ग्रामीणों ने सड़क पर काटी रात
सोमवार की रात नौशहरा में विस्फोट से ग्रामीणों में इतना भय व्याप्त था कि ग्रामीणों ने अपने परिवार के साथ सड़क पर जाग कर रात काटी। लोगों ने सड़क पर चारपाई डाल रखी थी। वह पूरी रात बैठकर डर के साए में जागते रहे। उन्हें डर था कि कहीं अन्य विस्फोट न हो जाए, क्योंकि गांव में जगह-जगह गोदाम बने हुए थे। बच्चे सहमे नजर आ रहे थे। अब पढ़िए स्थानीय लोगों ने क्या कहा…. जब से हादसा हुआ, गांव में चूल्हा नहीं जला
गांव के नाजिम ने बताया- कम से कम 100 से ज्यादा मकानों में नुकसान हुआ है। 20-25 मकान ऐसे हैं, जो पूरी तरीके से ध्वस्त हो गए हैं। सभी के दरवाजे और खिड़कियां टूट गई हैं। जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनको मुआवजा देना चाहिए, नहीं तो वह लोग कहां रहेंगे। जब से हादसा हुआ है, तब से किसी के घर में चूल्हा नहीं जला है। हम लोग डरे हुए हैं कि कहीं बारूद न पड़ी हो, जिससे फिर आग लग जाए। हम लोगों ने रात भर सड़क पर बैठकर रात काटी है। कई लोग तो बेघर हो गए हैं। प्रशासन को उनकी मदद करनी चाहिए। मां बोली- बेटा-बेटी हादसे में खत्म हो गए
मां गायत्री ने कहा- मेरा डेढ़ साल का बेटा अभिनय और 3 साल की बेटी दीक्षा की मौत हो गई। मेरा तो सब खत्म हो गया। सीएम योगी आएंगे, तभी अंतिम संस्कार करेंगे। डीएम रमेश रंजन मौके पर पहुंचे। डीएम ने परिजनों को समझाया, मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए। मेरे मकान में भी दरार आई, आग का गोला गिरा
स्थानीय महिला ने बताया- मैं अपने घर पर बैठी थी, तभी तेज धमाका हुआ। मेरे घर पर एक आग के गोले जैसा कुछ गिरा। हम लोग डर गए। इसके बाद बहुत सा कचरा, पटाखे आकर गिरे। भागकर बाहर आए तो अफरा-तफरी मची हुई थी। मेरे मकान में भी दरार आई है। बचा लो..बचा लो चिल्लात हुए भागे लोग
पड़ोसी जितेंद्र ने बताया- मैं अपने घर पर था। खाना खा रहा था, तभी अचानक बहुत तेज आवाज हुई। पहले मेरी किराएदार चिल्लाती हुई आई। कहा- बचा लो..बचा लो। आस-पास के करीब 6 से ज्यादा मकान गिरे हैं। पुलिस ने समय से मदद नहीं की। 3 घंटे बाद बुलडोजर आया। हम लोगों ने 4 शवों को निकाला। अगर गांव में भंडारा नहीं होता तो चली जाती कई जानें
घटनास्थल से कुछ दूरी पर गणेश जी की स्थापना की गई है। सोमवार की शाम से गांव में भंडारा चल रहा था। ज्यादातर लोग भंडारे में मौजूद थे। गांव के लोग भोजन बना रहे थे। कुछ लोग भंडारा खा रहे थे। करीब 10 बजे भीषण विस्फोट हुआ, जिससे ग्रामीणों में अफ़रा तफरी मच गई। अगर गांव में भंडारा नहीं होता तो दर्जनों लोगों की हादसे में जान जा सकती थी। मकान में बनाए जा रहे थे पटाखा
एसएसपी सौरभ दीक्षित के मुताबिक- नौशेहरा गांव में चंद्रपाल के मकान में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। धमाका इतना तेज था कि आसपास के तीन मकानों की दीवारें ढह गईं। अन्य मकानों की दीवारों में दरारें आ गईं। इस हादसे में भूरे उनके दोनों लड़के ताज और राजा के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। भूरे को पकड़ लिया गया है। 2 अन्य आरोपी अभी फरार है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। ये भी पढ़ें.. फिरोजाबाद में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 5 मौत:6 मकान ढहे; 2 बच्चे खोने वाली मां बोलीं- योगी आएंगे तभी अंतिम संस्कार करेंगे
फिरोजाबाद में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। सोमवार देर रात हुए धमाके से आसपास के 6 मकान ढह गए। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। मलबे से 11 लोगों को बाहर निकाला गया। 15 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पढ़ें पूरी खबर…

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