‘हम सभी दिन भर लंका से लेकर विजया सिनेमा तक भीख मांगते हैं। उस दिन रात में 9 बजे के आस-पास हम और चार-पांच दोस्त और दीदी विजया के पास खाना खा रहे थे। अचानक दो लड़के बाइक से आए और हम सबको मारने लगे। हम लोग वहां से भागने लगे। उन्होंने मुझे मारा और दीदी को भी मारा। वो कह रहे थे कि तुम सब चोरी करते हो। दीदी मार के डर से भागने लगी। वो दोनों लोग उसे मारते हुए-दौड़ाते हुए कीनाराम आश्रम तक ले गए। फिर दीदी दिखाई नहीं दी। हम सब उन्हें ढूंढते रहे रात भर। तीन बजे भोर में विजया के पास आया तो भीड़ लगी थी पार्क में। अंदर गया तो दीदी का शव लटक रहा था। उसके पैर और हाथ से खून टपक रहा था। उसके कपड़े बदले हुए थे।’ ये कहकर मृतिका प्रिया का भाई भोला शंकर खामोश हो गया। बगल में ही उसकी मां सिसक रही थी। ये उस किशोरी की मां हैं जिसकी लाश विजया चौराहे पर स्थित बहादुर शाह जफर पार्क के अंदर 29 अगस्त को हरसिंगार के पेड़ से लटकती मिली थी। 1 सितंबर को एक सामाजिक संस्था के सहयोग से परिजनों ने थाने का घेराव किया तो पुलिस ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, ACP भेलूपुर धनंजय मिश्रा का कहना है कि जब शव मिला, तब परिवार वालों ने कुछ नहीं कहा। अब उन्होंने हत्या का आरोप लगाया है। परिवार के लगाए आरोपों की जांच हो रही है। घटनास्थल पर अभी हैं खून के निशान सबसे पहले दैनिक भास्कर वहां पहुंचा जहां किशोरी की लाश मिली थी। विजया सिनेमा के पास बहादुर शाह जफर की मूर्ति लगी है। इस पार्क में विजया सिनेमा की तरफ हरसिंगार का पेड़ है। उसकी 8 फुट ऊंची जिस डाल पर लटकता प्रिया का शव मिला था हमने उस जगह की पड़ताल की। वहां चारों तरफ शीशियां। कुछ इंजेक्शन सिरिंज और कपड़े पड़े हुए थे। इसके अलावा उस पेड़ के ठीक नीचे ब्लड का निशान था जो दो से तीन दिन पुराना था। इसके अलावा बहादुर शाह जफर की मूर्ति को बारिश से बचाने के लिए बनाए गए स्ट्रक्चर की सीढ़ी और पिलर पर ब्लड का निशान था। जो दो से तीन दिन पुराना था। ऐसा लग रहा था कि किसी ने हाथ से उसे पकड़ा है और फिर हाथ सरकता चला गया है। यहां से हम सीधे मृतिका के घर पहुंचे। आखिर उस दिन क्या हुआ था। मां और भाई ने क्या देखा। इस पर दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने किशोरी की मां और भाई से बात की और सच्चाई जानी… हम, दीदी और दोस्त विजया के पास खा रहे थे खाना, तभी…
प्रिया के भाई भोला शंकर की आंखों में उस रात का मंजर अभी भी घूम रहा था। हमसे बात करने में संकोच कर रहे भोला को हमने समझाया तो वह मान गया। बोला रात का 9 बजा होगा। हम सभी खाना खा रहे थे। दो लोग विजया माल से निकले और हमें मारने लगे। बोले चोरी करते हो। उनकी मार से अन्य बच्चे घबरा गए और खाना छोड़कर भागने लगे। कोई विजया काम्प्लेक्स कोई माल और कोई सड़क और पार्क की तरफ भाग गया। दीदी को पकड़ा और मारने लगे, फिर…
भोला शंकर ने आगे बताया- इसके बाद उन लोगों ने दीदी को पकड़ लिया और उसे भी मारने लगे। दीदी को उन लोगों ने दौड़ाया और लोलार्क कुंड (कीनाराम स्थल) मोड़ तक ले गए। उसके बाद फिर दीदी वापस नहीं आयी। हमने उसे रात भर ढूंढा लेकिन वो नहीं मिली। हमने मां को भी बताया। वो सभी भी दीदी को ढूंढ रहे थे लेकिन वो नहीं मिली। 3 बजे के बाद विजया सिनेमा के सामने लगी थी भीड़, जहां…
भोला शंकर ने बताया- 3 बजे के बाद मै दीदी को ढूंढता हुआ वापस विजया चौराहे पर पहुंचा तो वहां भीड़ लगी हुई थी। पुलिस की गाड़ियां खड़ी थी। अंदर गया तो दीदी पेड़ के सहारे लटक रही थी। उसके एक पैर से खून टपक रहा था। हाथ से खून टपक रहा था। इसके आलावा दीदी ने अपने कपड़ों की जगह शर्त और लोअर पहन रखा था। जबकि उसने उस दिन ब्लैक शमीज और प्लाजो पहना था। यहां से मै वापस गया और मां और मोहल्ले के लोगों को बताया। अब जानिए मां का दर्द, उसने क्या बताया, आखिर क्यों उसे नही छूने दी गई अंतिम समय में बेटी की लाश… भोला ने बताया तो विजया पहुंची, रास्ते में मिली बेटी की चुनरी
मृतिका प्रिया की मां लीला देवी ने दैनिक भास्कर से बात की; पहले संकोच किया हमने समझाया तो राजी हुई। बोलीं- भोला ने घर आकर बताया कि दीदी गायब है तो हम लोगों ने उसे ढूंढना शुरू किया पर वो नहीं मिली। भोर में 3 बजे के बाद भोला आया और बोला दीदी पेड़ से लटकी हुई है विजया के पास। इस पर मैं भागकर वहां पहुंची, लेकिन उसके पहले ही रास्ते में प्रिया की चुनरी मिली जो उसने उस दिन ओढ़ी थी। बेटी को दिखाया, शिनाख्त कराई और फिर दोपहर बाद मिली लाश
लीला की आंखों से आंसू छलक उठे थे। लीला ने बताया- उसके पांच बच्चे हैं। पति भी छोटा मोटा काम करते हैं। मै जब विजया पहुंची तो वहां भीड़ लगी थी और बेटी की लाश पेड़ से उतारी जा चुकी थी। भीड़ को चीरते हुए अंदर पहुंची तो पुलिस ने कहा- ये तुम्हारी बेटी है। हमने कहा हां और फिर लाश को प्लास्टिक में डालकर सील कर दिया गया। मेरी बेटी के जो कपड़े थे वो बदले गए थे। उसने उस दिन काली शमिज और प्लाजो पहना था पर उसका शव शर्ट और लोअर में मिला। शर्ट के बटन सही से नहीं बंद थे। दोपहर बाद पोस्टमॉर्टम हाउस से मिली लाश
लीला ने बताया- पुलिस से हमने कहा कि हमने एक बार सीने से लगाने दो लाश को तो उन्होंने मन किया और कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद लाश मिलेगी और फिर हमें दोपहर 3 बजे के बाद लाश मिली। लीला ने आरोप लाया कि जल्दीबाजी इतनी थी कि बेटी की लाश को दूसरे की लाश पर जलाना पड़ा। मेरी बेटी की हत्या हुई है, हमें इंसाफ चाहिए
लीला रोने लगी तो लोगों ने उन्हें चुप कराया। लीला ने कहा – मेरी बेटी की हत्या हुई है। इसमें किसकी लापरवाही है। मुझे नहीं पता पर मुझे न्याय चाहिए। हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दे पुलिस।