बाराबंकी में गल्ला व्यापारी के बेटे ने किशोरी का अपहरण कर लिया। इसके बाद होटल में बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया। फिर किशोरी को गाजियाबाद ले गया। वहां भी एक होटल में रखकर गलत काम किया। चार दिनों के बाद किशोरी को उसके गांव के बाहर छोड़कर फरार हो गया। किशोरी के मामा का आरोप है कि जब उसने इसकी शिकायत पुलिस के पास की तो चौकी इंचार्ज ने जबरन सुलह करा दिया। सुलह के बदले एक लाख रुपया भी दिए। जिसमें से 50 हजार खाते में ऑनलाइन भेजा और बाकी नकद दिया। परिजनों का आरोप है कि किशोरी के मां बाप नहीं हैं। वह हम लोगों के पास ही रहती है। पुलिस ने जबरन उन पर सुलह के लिए दबाव बनाया। पीड़िता के मामा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर घटना की शिकायत की। साथ ही एसपी से मामले की शिकायत की। तो उनके आदेश के बाद भी थाने की पुलिस ने तहरीर बदल कर मुकदमा दर्ज किया। एसपी दिनेश कुमार ने मसौली थाना प्रभारी अरुण प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया है। वहीं त्रिलोकपुर चौकी इंचार्ज मनोज कुमार को लाइन हाजिर किया है। कार में खींच कर बैठाया
पूरा मामला मसौली थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर पुलिस चौकी के एक गांव से जुड़ा है। गांव की रहने वाली 16 साल की दलित किशोरी 22 अगस्त 2024 को खेत से घर वापस लौट रही थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने एक कार में पीड़िता को खींच कर बैठा लिया। तीन दिन तक बंधक बनाकर किया रेप
अपहरणकर्ता अंकित वर्मा ने शहर के एक होटल में ले जाकर उससे रेप किया। वहां से गाजियाबाद ले जाकर तीन दिनों तक फिर दुष्कर्म किया। आरोपी 25 अगस्त को किशोरी को गांव के बाहर छोड़कर चला गया। इसके बाद मामले की जानकारी होने पर पीड़िता के मामा ने चौकी त्रिलोकपुर आकर तहरीर दी। आरोपी अंकित पीड़ित के पास के गांव का रहने वाला है। उसके पिता बड़े गल्ला व्यापारी हैं। जबरन चौकी इंचार्ज करा दिया सुलह
पीड़िता के मामा का आरोप है कि 28 अगस्त को सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चौकी पर बैठाकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। चौकी इंचार्ज मनोज कुमार ने पीड़ित पक्ष का जबरन आरोपियों से सुलह करा दिया। सुलह के बदले एक लाख रुपया भी दिया। जिसमें से 50 हजार खाते में ऑनलाइन भेजा और बाकी नकद दिया गया। एसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज
पीड़िता के मामा ने बताया- सुनवाई न होने पर हम लोगों ने 30 अगस्त को पूरे मामले की शिकायत एसपी से की। एसपी ने तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके मेडिकल कराने का आदेश दिया। एसपी ने थाना प्रभारी को फोन भी किया। दो घंटे बाद पुलिस पीड़िता के घर पहुंचकर मामा और पीड़िता को थाने ले आई। इसके बाद थाने में मनमानी तहरीर लिखवा कर पीड़िता के साथ हुए कई तरह के अपराध हटाकर साइन बनवा कर मुकदमा दर्ज करके पीड़िता को थाने में ही बैठाए रखा। इसके अलावा तहरीर से त्रिलोकपुर पुलिस चौकी इंचार्ज मनोज कुमार का नाम भी निकलवा दिया। इसके साथ ही करीब 42 घंटे के बाद किशोरी का मेडिकल अभी तक नहीं हो पाया है। एएसपी चिरंजीवी नाथ सिन्हा ने बताया पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर आरोपी अंकित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। मामले में लापरवाही करने वाले मसौली थाना प्रभारी अरुण प्रताप सिंह का सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं तिलोकपुर चौकी इंचार्ज मनोज कुमार को लाइन हाजिर किया गया है। इस खबर को भी पढ़ें IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों को कैसे मिली जमानत:पीड़ित लड़की को धमकाएंगे, सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…कोर्ट में साबित नहीं कर पाए IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी जेल से बाहर आकर पीड़ित लड़की को धमकाएंगे या सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…पीड़ित पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये साबित नहीं कर पाया। कमजोर पैरवी की वजह से 2 आरोपियों को जमानत मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और 4 जुलाई को कुणाल पांडेय को जमानत दी। वाराणसी जिला जेल से कुणाल की 24 और आनंद की 29 अगस्त को रिहाई हुई। जमानत की शर्तें पूरा करने में आरोपियों को करीब 2 महीने का समय लग गया। पढ़ें पूरी खबर…