उत्तर प्रदेश में शिक्षा मंत्री के जिला एटा में बेसिक शिक्षा विभाग में ट्रांसफर, बाहली, फंड और पेंशन के अलग- अलग रेट फिक्स हैं। भास्कर के स्टिंग के बाद अब शासन हरकत में आया है। खबर चलने के बाद एटा के शिक्षा विभाग के दफ्तर में तैनात बाबू विकाश देव और सुरवे यादव को शासन ने निलंबित कर दिया है। जबकि एटा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। हालांकि इस पूरे मामले में शिक्षक और अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं वसूली में हिस्सा रखने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। अपने घर से दफ्तर चलाने वाले एटा बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखा बाबू एसके यादव और तबादले के नाम पर रिश्वत मांगने वाले विकास देव के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने मामले की जांच कराई है। शिक्षा महानिदेशक कांचन वर्मा ने जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया वसूली के आरोप सही पाए है। घर के पास ट्रांसफर के 1 लाख, फंड-पेंशन के 25 हजार भास्कर ने 21 सितंबर को स्टिंग ऑपरेशन कर बीएसए दफ्तर के बाबू विकास देव और एसके यादव के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए थे। जिसमें बाबू अपने घर से दफ्तर चलाते हुए मिले थे। इस पूरे स्टिंग में होने वाली वसूली के खेल में अधिकारी और बाबूओ की संलिप्तता सामने आए थी। जिसमें ट्रांसफर, बाहली, फंड पेंशन इत्यादि सभी के रेट फिक्स थे। इस पड़ताल के बाद शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने मामले की जांच कराई और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार से स्पष्टीकरण मांगा था। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि जांच रिपोर्ट महानिदेशक ऑफिस को मिल गई है। जांच में भी पाया गया है कि बीएसए दफ्तर का लेखा बाबू घर में दफ्तर चला रहा था। उन्होंने बताया कि मामले में दोनों लिपिक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद विभागीय विस्तृत जांच की जाएगी। हालांकि स्कूल न जाने वाले अध्यापकों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। डीएम ने आरोपियों से ही करवा ली जांच अगस्त के पहले सप्ताह में एटा जिला अधिकारी के दफ्तर मे स्कूल न जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ एक शिकायती पत्र पहुंचता है। वह पत्र भास्कर के हाथ लगा और हम पड़ताल करने के लिए एटा पहुंच गए। जिसके बाद हमने वहां पड़ताल की जिसमें शिक्षा विभाग से जुड़े प्रत्येक काम के रेट फिक्स थे। होने वाली इस वसूली का एक हिस्सा अधिकारियों तक पहुंचता है। इस पत्र में जिला अधिकारी से गोपनीय जांच की मांग की गई थी। जिसके बाद जांच जिला अधिकारी के द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नामित कर दिया और ये जांच खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंप दी गई। जिले में तैनात अधिकारियों को बाबुओं ने हिस्सा देने की बात भास्कर के कैमरे पर स्वीकारी थी। वसूली के खेल और स्कूल न जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ अब तक हुई कार्यवाही को जानने के लिए हमने कई बार एटा जिला अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं उठा। यूपी में घर के पास ट्रांसफर के 1 लाख:सरकारी टीचरों की बहाली, फंड, पेंशन के रेट फिक्स; घर में दफ्तर चला रहे बाबू दैनिक भास्कर ने एटा में शिक्षा विभाग में चल रही धांधली का स्टिंग किया। बाबू घर से दफ्तर चला रहे हैं। रिश्वत का पैसा अफसरों तक पहुंचाने का बाबू का कबूलनामा भी कैमरे में कैद हुआ। बाबू रिटायर टीचर से कह रहा है कि 10 हजार ABSA (सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी) ने लिए हैं। अलीगंज में 15-15 हजार लगे हैं। ABSA और BSA (बेसिक शिक्षा अधिकारी) सभी ने पैसे लिए हैं। बाबू ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के रेट फिक्स कर रखे हैं। पढ़ें पूरी खबर

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