पीलीभीत में भाजपा विधायक विवेक वर्मा के पिता रामसरन वर्मा ने सीएम योगी पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, बिना किसी ऊपर वाले के भरोसे से कोई रिश्वत ले सकता है? लेखपाल पैसा लेता है तो इसमें ऊपर वाले भी मिले होते हैं। तभी इतना पैसा चलता है। मैं तो कहूंगा, सभी मुख्यमंत्रियों में सबसे ज्यादा नाकारा और बेकार सीएम योगी हैं। इन से अच्छी तो मायावती थी, कम से कम पैसा चलवाना तो बंद कर दिया था। मैं सब कुछ बोल देता हूं, मुझे किसी का डर नहीं है। मैं भाजपा का हूं, तब भी सच ही बोलूंगा। पीलीभीत में मंगलवार को रामसरन वर्मा आवारा पशुओं और अन्य स्थानीय समस्याओं को लेकर बीसलपुर मंडी में धरने पर बैठे। रामसरन वर्मा खुद भी पूर्व में भाजपा के विधायक और यूपी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। लेकिन अब वह खुद भाजपा की सरकार के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएम योगी के लिए बयान उन्होंने धरने में बैठने के बाद दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है- रामसरन रामसरन वर्मा का धरना प्रदर्शन बीसलपुर मंडी में शुरू हुआ। जहां उन्होंने आवारा पशुओं की समस्या, नगर पालिका द्वारा तीन गुना बढ़ाए जा रहे वॉटर टैक्स, हाउस टैक्स और नगर पालिका में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष के पति की संपत्ति की जांच की मांग भी की है। उनके इस धरने में दूर-दूर से लोग शामिल हो रहे हैं। रामसरन वर्मा ने इसे अनिश्चितकालीन बताया है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वे धरना जारी रखेंगे। खुद को मुख्यमंत्री बने के काबिल बता चुके हैं रामसरन साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने से पहले जब भाजपा मुख्यमंत्री बनाने के लिए उचित नाम पर विचार कर रही थी तो खुद विधायक का चुनाव जीते रामसरन ने बयान देते हुए कहा था कि मैं सरकार में मंत्री और विधायक रह चुका हूं मैं भी मुख्यमंत्री बनने के काबिल हूं। वर्तमान में बेटा विवेक वर्मा हैं बीसलपुर सीट से विधायक पूर्व राज्य मंत्री रहे रामसरन वर्मा ने बीते विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। भाजपा से बेटे को टिकट देने की सिफारिश की थी। जिसके बाद भाजपा ने उनके बेटे विवेक वर्मा को टिकट दिया। विवेक वर्मा पिता की छवि पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। ऐसे में बेटे के विधायक रहते हुए पूर्व राज्य मंत्री ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वह आवारा पशुओं से लेकर तमाम अन्य समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।

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