भदोही में प्राचीन हनुमान मंदिर के पुजारी की बदमाशों ने गला रेतकर हत्या कर दी। सुबह मंदिर में दर्शन करने आए लोगों ने खून से लथपथ पुजारी का शव देखा। ग्रामीणों ने देखा की मंदिर में लगा घंटा भी चोरी हो गया है। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस शव पोस्टमार्टम को भेज मामले की छानबीन में जुट गई है। घटना दुर्गागंज के 52 बीघा तालाब पर प्राचीन हनुमान मंदिर की है। जहां रह रहे पुजारी सीताराम की रविवार रात गला रेतकर हत्या कर दी गई। सीताराम पिछले 20 सालों से इस मंदिर के पुजारी थे। पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया की मंदिर पर कुछ नशेड़ियों का अड्डा जमने लगा था। पुजारी ने पुलिस से इसकी कई बार शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिकायत करने से मंदर में बैठने वाले बदमाशों ने पुजारी को जान से मारने की धमकी दी थी। इसी के चलते रविवार देर रात को बदमाशों ने पुजारी की हत्या कर दी। ​​​​​​ सुबह पूजा के दौरान हुआ खुलासा
सुबह मंदिर दर्शन करने आए एक ग्रामीण ने मंदिर का मुख्य गेट खुला हुआ देखा, जब वह अंदर गया तो देखा की पुजारी का शव खून से लथपथ जमीन पर पड़ा हुआ था। पुजारी के गले के पास धारदार हथियार से काटने का निशान दिखाई दे रहा था। ग्रामीण ने गांव के लोगों को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद मंदिर परिसर में लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस-फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंची
सूचना मिलने पर पुलिस फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस ने गांव के लोगों से पूछताछ की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सुरियावां कोतवाल बृजेश सिंह ने बताया की शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। पुलिस कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। ये भी पढ़ेंः- झांसी में 14 साल की छात्रा का सुसाइड…पिता का दर्द:बोले- बेटी IPS बनना चाहती थी, खाकी वर्दी की जगह कफन में लिपटकर घर लौटी झांसी के नवोदय विद्यालय में 9वीं कक्षा की छात्रा ने सुसाइड कर लिया था। 14 साल की छात्रा का शव हॉस्टल की सीढ़ियों पर बनी रेलिंग पर लटका मिला था। उसे 12वीं कक्षा की 2 छात्राएं परेशान कर रही थीं। इसी वजह से उसने दुपट्‌टे से फांसी लगा ली थी। अनुष्का पटेल इकलौती बेटी थी। उसके इस कदम से माता-पिता टूट चुके हैं। पिता कहते हैं- बेटी पढ़ने में बहुत होशियार थी। वो IPS बनना चाहती थी। पढ़ने में उसकी ललक देखकर बेटी के ख्वाब अब मेरे भी सपने बन चुके थे। सोचा था कि बड़ी होकर वो खाकी वर्दी पहनकर घर आएगी, लेकिन आज कफन में लिपटी उसकी लाश को घर ले जा रहा हूं। पढ़ें पूरी खबर

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