मेरठ में डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी का नया मामला सामने आया है। यहां बुजुर्ग को मनी लॉड्रिंग मामले में फंसा बताकर सीबीआई जांच के नाम पर डराया गया। उससे पौने दो करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी की गई। चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया गया। पीड़ित ने मेरठ साइबर थाने में मामले की शिकायत की है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू की है। वहीं मेरठ से महाराष्ट्र के लिए पुलिस टीम को जांच के लिए भेजा गया है। 4 दिन तक किया डिजिटल अरेस्ट
सिविल लाइन थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी निवासी बुजुर्ग सूरज प्रकाश को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल भेजने का खौफ दिखाकर साइबर अपराधियों ने चार दिन डिजिटल अरेस्ट कर 1.73 करोड़ की ठगी कर ली। उनसे चार खातों में यह रकम ट्रांसफर कराई गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। महाराष्ट्र में मनीलॉड्रिंग करने का आरोप
सूरज प्रकाश के पास 17 सितंबर को कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को टेलिकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके कैनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। इसमें 6.80 करोड़ रुपए मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं। इसके बाद उनके वॉट्सऐप नंबर पर कॉल आई। कॉलर ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी। उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर डराया। उन्हें घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोका गया। लगातार खाते से जाती रही रकम
18 सितंबर को उनके एक बैंक खाते में एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपए, 21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपए और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सूरज प्रकाश ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर थाना प्रभारी सुबोध सक्सेना ने बताया कि साइबर ठगों के बैंक अकाउंट फ्रीज करने की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है। आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। डिजिटल अरेस्ट पर एक्सपर्ट की राय पढ़िए…

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