बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में टिकटों को लेकर फिर रार शुरू हो गई है। बसपा ने गाजियाबाद से घोषित प्रत्याशी डॉ. रवि गौतम का टिकट काट दिया है। वहीं, तीन और सीटों पर जल्द ही टिकटों में बदलाव को लेकर सुगबुगाहट है। कैंडिडेट बदले जाने पर बसपा पर किस तरह के आरोप लग रहे हैं? जिन सीटों पर टिकट बदले जाने की चर्चा है, वे कौन सी सीटें हैं? गाजियाबाद के प्रत्याशी ने जिन लोगों पर आरोप लगाए हैं, उनका क्या कहना है? विस्तार से पढ़िए… पहले 2022 की एक तस्वीर देखिए जो, खूब वायरल हुई थी। इस तस्वीर को देखने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बसपा पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं। कुछ नेताओं और राजनीति को करीब से कवर करने वालों का कहना है कि वहां टिकट मिलने के कुछ ‘मापदंड’ तय हैं। जो उस मापदंड को पूरा करता है, उसे टिकट मिल जाता है। हालांकि, हाल के चुनाव के नतीजों के बाद उनके टिकट की मांग कम जरूर हुई है। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की होड़ सबसे ज्यादा 2019 में थी, जब सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था। 2019 के चुनाव के बाद बसपा के टिकटों की मांग गिर गई। वजह 2007 में अपने बलबूते सरकार बनाने वाली बसपा 2022 में सिर्फ 1 सीट पर सिमट गई थी। उससे ज्यादा सीटें यूपी में हाशिए पर जा चुकी कांग्रेस, राजा भइया की नई पार्टी जनसत्ता दल को मिलीं। दोनों को दो-दो सीटों पर जीत मिली। इसके अलावा गठबंधन करके लड़ने वाली छोटी पार्टियों को बसपा से कहीं ज्यादा सीट हासिल हुई थीं। इसमें सुभासपा, निषाद, अपना दल और राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियों को ठीक-ठाक सफलता मिली थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा एक बार फिर शून्य हो गई। इस बार उसका वोट प्रतिशत घटकर 10 से भी नीचे चला गया। अरसे बाद उप-चुनाव लड़ रही है बसपा
बहुजन समाज पार्टी लंबे समय बाद उप चुनाव लड़ रही है। इससे पहले 2010 में पार्टी उप चुनाव लड़ी थी। उसके बाद से कभी भी बसपा उप चुनाव में नहीं उतरी। हालांकि, 2022 में अखिलेश यादव विधानसभा का चुनाव जीत कर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से इस्तीफा दिया तो बसपा ने आजमगढ़ से गुड्डू जमाली काे अपना प्रत्याशी बनाकर उप चुनाव में प्रत्याशी न उतारने के मिथक को तोड़ दिया था। इन सीटों पर भी टिकटों में फेरबदल की सुगबुगाहट
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। हालांकि, इसकी अभी तारीख घोषित नहीं हुई है, लेकिन बसपा ने आधे से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी घोषित भी कर दिए हैं। इसमें मझवां, फूलपुर, मिल्कीपुर, कटेहरी, गाजियाबाद सदर और मीरापुर सीट शामिल हैं। गाजियाबाद के बाद अब चर्चा है कि फूलपुर, कटेहरी और मझवां के घोषित किए गए प्रत्याशियों के टिकटों में भी फेरबदल की गुंजाइश तलाशी जा रही है। इन क्षेत्रों में चर्चा है कि पहले से घोषित किए गए प्रत्याशियों का टिकट कट सकता है। यह वे प्रत्याशी हैं, जिनके खिलाफ कोई न कोई केस चल रहा है। बताया जा रहा है कि बसपा अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए ऐसे नेताओं को टिकट देने पर विचार कर रही है, जिनके खिलाफ कोई केस न हों। रवि गौतम ने बसपा नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप
गाजियाबाद से टिकट कटने से झल्लाए डॉ. रवि गौतम ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- पहले पार्टी के नेताओं ने चुनाव लड़ाने की बात कही। पार्टी फंड में पैसा जमा किया। एक सितंबर को टिकट की घोषणा कर दी गई। पार्टी के कुछ दलालों ने पैसे की मांग की। कभी मुकदमों के नाम पर और कभी मीडिया के नाम पर पैसों की मांग की गई। रवि गौतम ने खुले तौर पर आरोप लगाया कि शमसुद्दीन राईन, मुनकाद अली, राज कुमार, रवि जाटव ने पैसे मांगे और उन्हें टार्चर किया। आज जब लखनऊ पहुंचा तो यह लोग मायावती के पास पहले से मौजूद थे। इन लोगों ने कह दिया कि इनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। रवि गौतम ने कहा कि टिकट की घोषणा के लिए जो मंच लगा, जिसमें आठ लाख रुपए खर्च हुए, वह किसने दिए? पार्टी के दलालों ने इसका पैसा नहीं दिया। 15 साल तक सब कुछ लुटाकर पार्टी के पास पहुंचा तो पार्टी के लोगों ने उन्हें ठगने का काम किया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो दो मुकदमे हैं, वह भी पार्टी के चलते लिखे गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती दलालों से घिरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मेरा समाज मेरे साथ खड़ा है। रवि गौतम ने सोशल मीडिया साइट ‘X’ पर लिखा-आत्मसम्मान की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे ‘आज बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि दलालों, विश्वासघाती लोगों ने इकट्ठा होकर मेरा विधानसभा-56 से विधायक का टिकट कटवा दिया। आज संघर्ष, त्याग, बलिदान के आगे पैसा जीत गया, बहुजन समाज पार्टी को हमेशा मैंने अपना घर माना, जिसमें मेरी तीन-तीन पीढ़ियों ने अपना खून, पसीना बहाया। मेरे जैसे नौजवान को समाज ने काम करने का हमेशा मौका दिया, पर आज पार्टी के कुछ दलालों ने समाज का मनोबल तोड़ने का काम किया।’ ‘मेरी आप सब से प्रार्थना हैं कि जो मेरे साथ हुआ, आगे भविष्य में किसी नौजवान के साथ न हो, इस पर हमें जरूर विचार करना चाहिए। जब तक इस शरीर में जान है, खून का एक-एक कतरा समाज के नाम होगा। ना झुके हैं, ना झुकेंगे, आत्मसम्मान की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे।’ हालांकि पार्टी के एक बड़े नेता का कहना है कि रवि का टिकट इसलिए कटा, क्योंकि उन्होंने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को छिपा लिया था, जिससे मायावती नाराज हो गईं और उनका टिकट काट दिया। न मुझे टिकट मिलने का पता, न कटने का पता
मेरठ मंडल के कोऑर्डिनेटर मुनकाद अली ने दैनिक भास्कर को बताया- उन्हें रवि गौतम को टिकट मिलने या कटने की कोई जानकारी नहीं है। वे एक दिन घर पर आए जरूर थे। टिकट मिलने की बात बता रहे थे। अब उन्होंने जो आरोप लगाया है, वह बेबुनियाद है। कोई किसी पर कुछ भी आरोप लगा सकता है। मुझे नहीं पता कि उनको टिकट मिला भी था और यह भी नहीं पता कि उनका टिकट कटा है या क्यों कटा है? इस बाबत शमसुद्दीन राईनी से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। राजनीतिक विश्लेषक और दलित चिंतक प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि बसपा इस वक्त बुरे दौर से गुजर रही है। पार्टी को बामसेफ जैसी विंग को मजबूत करना होगा। आकाश आनंद को खुली छूट देनी होगी। ये भी पढ़ें… गाजियाबाद से बसपा प्रत्याशी रवि गौतम का टिकट कटा:रवि बोले- 50 लाख खर्च कर चुका, 30 लाख रुपए और मांगे गए गाजियाबाद विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी रवि गौतम का टिकट कट गया है। शनिवार को रवि ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बसपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि अब तक मैं पार्टी के लिए 50 लाख रुपए खर्च कर चुका हूं। मुझ पर दो मुकदमे दर्ज हैं। मुकदमों की आड़ में मुझसे 30 लाख रुपए मांगे गए और फिर मेरा टिकट काट दिया गया। अब समाज तय करेगा कि मुझे चुप बैठना है या न्याय की लड़ाई लड़नी है। पढ़ें पूरी खबर…