‘मुख्यमंत्री की जाति वाले अपराध करें, तो 100 खून माफ हैं। दलित, मुस्लिम और पिछड़े समाज के लोगों के साथ कुछ ज्यादा ही घटनाएं हो रही हैं। क्योंकि, अपराधी मुख्यमंत्री के समाज से ज्यादा हैं। ये सभी अपने को मुख्यमंत्री समझते हैं। इसीलिए सब जानते हुए मुख्यमंत्री गूंगे-बहरे और अंधे बनकर सब तमाशा देख रहे हैं।’ यह बात पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी के फतेहपुर में कही। मंगलवार को स्वामी प्रसाद छेड़खानी से परेशान होकर सुसाइड करने वाली छात्रा के घर पहुंचे थे। छात्रा ने छेड़खानी करने वाले बस ड्राइवर की शिकायत प्रधानाचार्य से की थी। लेकिन, उन्होंने ड्राइवर पर कार्रवाई करने की बजाय छात्रा को ही पीट दिया था। इसके बाद छात्रा इंटर कॉलेज की दूसरी मंजिल से कूद गई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया कि बेटी के साथ न्याय दिलाने के लिए वह उनके साथ हैं। अब पढ़िए स्वामी प्रसाद मौर्य के 3 बड़े बयान… 1- न्याय न मिला तो बड़ा आंदोलन होगा, मैं भी रहूंगा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, बेटी के मामले में दोनों आरोपी एक ही जाति के हैं। इसीलिए पुलिस उन्हें बचाने का काम कर रही है। अगर बेटी के साथ न्याय न हुआ, तो फतेहपुर में बड़ा आंदोलन होगा। इसमें मैं खुद मौजूद रहूंगा। प्रदेश में कॉलेज में पढ़ने वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। छेड़खानी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है। 2- सीएम की जाति के लोग खुद को समझते हैं मुख्यमंत्री
पुलिस वाले ने लखीमपुर जिले में एक दलित युवक की थाने के अंदर पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। वर्तमान में दलित, मुस्लिम और पिछड़े समाज के लोगों के साथ कुछ ज्यादा ही घटना हो रही हैं। अपराधी मुख्यमंत्री के समाज से ज्यादा हैं। जितने भी अपराधी हैं, सब मुख्यमंत्री के जाति के हैं। ये सभी अपने को मुख्यमंत्री समझते हैं। इसीलिए सब जानते हुए भी मुख्यमंत्री गूंगे-बहरे और अंधे बनकर तमाशा देख रहे हैं। 3- दलित, मुस्लिम और पिछड़ों पर तुरंत कार्रवाई होती है
अगर किसी ने दलित, मुस्लिम और पिछड़े समाज के लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया, तो तुरंत गिरफ्तारी और मकान गिराने का काम होता है। जबकि ऐसे मामलों में पहले पुलिस को जांच करनी चाहिए। अपराधी किसी जाति-धर्म का नहीं होता। अपराधी, अपराधी होता है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पहले से बहुत खराब हो चुकी है। मुख्यमंत्री की जाति के कोई भी अपराधी हों, चाहे जितना खून किया हो, सब माफ है। आज जाति-धर्म के नाम पर प्रदेश सरकार काम कर रही है। जब वोट लेना होता है तो दलित, मुस्लिम और पिछड़े अपने हैं। जब सत्ता में आते हैं तो यह दलित, मुस्लिम और पिछड़ा समाज दुश्मन नंबर-1 हो जाता है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 20 फरवरी को नई पार्टी का ऐलान किया था। उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी है। स्वामी प्रसाद ने 13 फरवरी को सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। 7 दिन बाद ही उन्होंने पार्टी का ऐलान कर दिया था। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) साहेब सिंह धनगर की है। मौर्य ने इसे री-लॉन्च किया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में भाजपा छोड़कर सपा जॉइन की थी। वह पहली योगी सरकार में मंत्री थे। मौर्य मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा में आए थे। मौर्य इससे पहले बसपा भी अहम पदों पर रह चुके हैं। राजनीति के शुरुआती दिनों में लोकदल और जनता दल में भी स्वामी प्रसाद मौर्य रहे हैं। सपा अध्यक्ष को देंगे रिपोर्ट, सदन में उठेगा मुद्दा
फतेहपुर जिले के सपा सांसद नरेश उत्तम पटेल भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। परिवार के लोगों को न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वह अपनी पूरी रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को देंगे। इस मामले को सदन में उठाया जाएगा। पीड़िता को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा। यह भी पढ़ें:- फीस बाकी होने पर स्कूल से निकाला..धूप में बैठाया, सिद्धार्थनगर में 100 बच्चों को दी सजा सिद्धार्थनगर के एक स्कूल में फीस बकाया होने पर करीब 100 बच्चों को स्कूल के बाहर घंटों धूप में बैठा दिया। फिर उन्हें घर भेज दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि बच्चे धूप में बैठे हैं। स्कूल के टीचर कह रहे हैं कि इन बच्चों को फीस न देने की वजह से स्कूल के बाहर बैठाया गया है। न तो बच्चे नियम का पालन करते हैं, न ही पेरेंट्स बात मानने को तैयार हैं। मामला इटवा के खुनियांव ब्लाक के बरगदवा के श्यामराजी हाईस्कूल का है। पढ़ें पूरी खबर…