गाजियाबाद में एक महापंचायत हुई। ‘मूत्र और थूक जिहाद’ पर इस महापंचायत में तमाम लोग जुटे। साध्वी प्राची, स्वामी दीपांकर, स्वामी यशवीर महाराज सहित कई हिंदू संगठनों के पदाधिकारी भी आए। गाजियाबाद में जूस में यूरिन मिलाने जैसी घटना के मद्देनजर महापंचायत में 4 प्रस्ताव पास हुए। सभी ने इस तरह की मिलावट करने वाले लोगों को मृत्युदंड देने का कानून बनाने की मांग केंद्र सरकार से की। पंचायत में लोगों ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के फैसले को सही ठहराया है। लोगों का कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एकदम ठीक फैसला लिया था। कहा गया कि जो लोग खाने-पीने की चीजों में मिलावट करते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई हो। ऐसे लोगों को फांसी दी जानी चाहिए। यह महापंचायत लोनी स्थित शिव मंदिर टीला कोठी में हुई। महापंचायत की 3 तस्वीरें देखिए… वो 4 प्रस्ताव पढ़िए, जो महापंचायत में पास हुए वीडियोग्राफी और ड्रोन से निगरानी
अपर पुलिस आयुक्त भास्कर वर्मा ने बताया- आज के कार्यक्रम के लिए पर्याप्त पुलिस बल और पीएसी तैनात है। परिसर के आसपास ड्यूटियां लगाई गई हैं। इस पर निगरानी रखने के लिए वीडियोग्राफी और ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। एलआईयू की रिपोर्ट के अनुसार- करीब एक हजार लोगों के पहुंचने की बात सामने आई है। सतर्कता बरती जा रही है। जूस में यूरिन मिलाने से शुरू हुआ विवाद
ये महापंचायत क्यों हो रही है, इसे समझने के लिए 10 दिन पीछे जाना होगा। लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में इंदरपुरी पुलिस चौकी के नजदीक ‘खुशी जूस एंड शेक’ नाम से दुकान है। 13 सितंबर को कुछ लोग यहां जूस पीने पहुंचे। उन्होंने दुकान संचालक आमिर पर आरोप लगाया कि वो जूस में यूरिन मिलाकर लोगों को पिला रहा था। हंगामा हुआ तो पब्लिक ने आमिर की पिटाई कर दी। सूचना पर पुलिस आई। पुलिस ने दुकान की तलाशी ली। यहां से एक प्लास्टिक कैन रिकवर हुई। इसमें करीब एक लीटर पीले रंग का द्रव्य पदार्थ मिला। शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे यूरिन बताया। हालांकि लैब से जांच रिपोर्ट अभी नहीं आ सकी है। इसके बाद से स्थानीय लोग जूस बेचने वाले मुस्लिम दुकानदारों का विरोध कर रहे हैं। तीन दिन पहले BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी मुस्लिम जूस विक्रेताओं के यहां पहुंचे थे और लाइसेंस नहीं होने पर उन्हें दो दिन में दुकान बंद करने के लिए कहा था।

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