मेरठ से लखनऊ के बीच चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस वाराणसी तक चलाई जाएगी। रेलवे ने इसकी तैयारी की है। यात्री न मिलने से रेलवे इस ट्रेन के विस्तार की तैयारी में जुट गया है। विस्तार होने से वाराणसी जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। साथ ही रेलवे के आय में भी इजाफा होगा। मेरठ से लखनऊ तक चलती है मेरठ से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन बीते 31 अगस्त से शुरू हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह ट्रेन मेरठ से सुबह 6:35 बजे रवाना होती है जो दोपहर पौने दो बजे चारबाग स्टेशन पहुंचती है। वापसी में चारबाग स्टेशन से दोपहर पौने तीन बजे रवाना हो कर रात दस बजे मेरठ पहुंच जाती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन में औसतन 65 प्रतिशत तक सीटें खाली ही जा रही हैं। महंगे टिकट के चलते यात्री दूसरी ट्रेनों को कर रहे पसंद महंगे टिकट के चलते राज रानी और नौचंदी यात्रियों को पहली पसंद बनी हुई है। इसी के चलते रेलवे अब इस ट्रेन के विस्तार की योजना तैयार कर रहा है। ट्रेन को बनारस तक चलाये जाने की संभावना है। इसे लेकर मंथन और फीजिबिलिटी चेक की जा रही है। लखनऊ से बनारस के लिए अभी शटल ट्रेन, बरेली वाराणसी सहित कई ट्रेनें चल रही हैं। वंदे भारत में खाली हैं सैंकड़ों सीट ट्रेन नंबर 22489 लखनऊ मेरठ वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयरकार में अगले तीन दिन 15, 16 और 18 सितंबर को 200 से अधिक सीटे खाली हैं। इनकी बुकिंग नहीं हो रही है। एग्जीक्यूटिव क्लास में इन तारीखों में 25 से 30 सीटें खाली हैं। इसके बावजूद इसका किराया 2365 रुपये तक पहुंच गया है। वहीं पहले से मेरठ और लखनऊ के बीच दौड़ रही ट्रेन नंबर 22453 राजरानी एक्सप्रेस की चेयरकार, थर्ड व सेकेंड एसी में 40 वेटिंग पहुंच गई है। प्रयागराज तक ट्रेन बढ़ाने की मांग नौचंदी एक्सप्रेस का भी कुछ यही हाल है। इसमें अगले तीन दिनों तक स्लीपर से लेकर एसी में वेटिंग चल रही हैं। दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल का कहना है कि पश्चिमी यूपी से इलाहाबाद उच्च न्यायालय आने-जाने वालों की सुविधा के लिए वंदे भारत का विस्तार प्रयागराज तक किया जाना चाहिए। बनारस के लिए कई ट्रेनें हैं, इसलिए वंदे भारत को वाराणसी के बजाय प्रयागराज तक चलाने पर विचार करना चाहिए।

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