मैंने अपनी जय नहीं चाही, क्योंकि मैं किसी को परेशान करके आगे बढ़ना नहीं चाहता। सिर्फ धर्म के रास्ते पर चलता हूं। हम सब महंत दिग्विजयनाथ जी के जीवन से बहुत कुछ सीख सकते हैं।उनका पूरा जीवन देश और धर्म के लिए समर्पित था। धर्म का मतलब उन्होंने केवल उपासना विधि नहीं मानी। धर्म के संपूर्ण स्वरूप के अनुरूप उन्होंने अपना पूरा जीवन जिया। हमने अपने जीवन को चार पुरुषार्थ में बांटा है। लेकिन धर्म से मार्ग प्राप्त होता है। इसका अंतिम मार्ग मोक्ष है। ये कहना है CM योगी का। मौका था गोरखपुर में महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं पुण्यतिथि का। इसके श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए। स्वतंत्र भारत में नई सरकार थी, पैसा नहीं था
सीएम योगी ने कहा-जब गोरखपुर में यूनिवर्सिटी की मांग हुई। स्वतंत्र भारत में नई सरकार थी। पैसा नहीं था। उस समय की सरकार ने कहा था कि 50 लाख रुपए कैश या प्रॉपर्टी जहां से उपलब्ध होगी। वहां हम विश्वविद्यालय बनाएंगे। उस समय भी कोई सामने आया, तो वह ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी थे। उन्होंने कहा था कि ठीक है हम लोग पैसा देते हैं, यूनिवर्सिटी बनाते हैं। उस समय 50 लाख रुपए का मतलब आज का 500 करोड़ रुपए हैं। उस समय यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई। स्वतंत्र भारत में नई सरकार थी…पैसा नहीं था
सीएम योगी ने कहा- यह संकल्प नाम के लिए नहीं होते, पूरे होने के लिए होते हैं। हृदय प्रफ्फुलित होता है। सनातन धर्म मजबूत हो रहा है। अपनी ताकत का अहसास करा रहा है। लेकिन यह किसी को तोड़ने के लिए नहीं हो रहा है। लोक कल्याण के लिए है। आज भी हमारे यहां कोई कथा या कार्यक्रम होता है, तो कोई यह नहीं कहता कि दूसरे प्रताड़ित हो। हम कहते हैं धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो। हम देश या धर्म की जय किसी के उत्पीड़न के लिए नहीं करते हैं। हम सभी के कल्याण की बात करते हैं। विश्व कल्याण और मानवता का कल्याण कर सकें। सिर्फ विश्व का नहीं, सनातन धर्म पूरी श्रृष्टि का कल्याण करता है। यही कारण है कि सनातन धर्म सम-विषम परिस्थितियों से लड़ते हुए आज भी जिंदा है और आगे भी जीवंत रहेगा। जीवन में कई आपदा आती है
सीएम योगी ने कहा-जीवन में कई आपदा आती है, लेकिन आपदाओं में भी उठकर चलने वाला धर्म सिर्फ सनातन है। प्राकृतिक आपदाओं को इस धर्म ने झेला है, उसी तरह मानव आक्रांताओं को भी खदेड़ा है। हम विपरीत परिस्थितियों का सामना करने का दम रखते हैं। दुनिया कोरोना महामारी से उभर नहीं पा रही है, लेकिन भारत तेजी के साथ दौड़ रहा है। दुनिया अस्त हो चुकी थी लेकिन भारत के अंदर ग्रामीण क्षेत्रों में दूर-दूर तक यह बीमारी भटक नहीं पाई. क्योंकि हमारी पूजा पद्धति, हमारा रहन सहन, हमारी संस्कृति धर्म से जुड़ी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- हमारे नियम और संयम से रहने की व्यवस्था हर परिस्थितियों का सामना करने के लिए मजबूत बनाती है। न जाने कोरोना जैसे कितने वायरल आते हैं। ऐसे ही आक्रांतओं के लिए कोई आतंकवाद, कोई नक्सलवाद, तो कोई किसी नाम से सामने आता है। लेकिन हम उनसे लड़ते हैं और भारत से खदेड़ देते हैं।