मानसून के तीन महीने- जून, जुलाई और अगस्त बीत चुके हैं। सितंबर में भी 6 दिन बीत गया। तीन महीनों में प्रदेश में अब तक सामान्य से 14% कम बारिश हुई है। पिछले साल यानी 2023 में पूरे मानसून सीजन में कुल 17% कम बारिश हुई थी। 75 में से 54 ऐसे जिले हैं, जहां कोटे से कम पानी बरसा। मौसम विभाग की नई भविष्यवाणी ने चिंता और बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अब बारिश की बहुत कम उम्मीद है। मानसून की हवा अब दक्षिण भारत और ओडिशा के आसपास शिफ्ट हो रही है। इस बार कोटे से 15 से 20% कम बारिश की संभावना है। 8 स्लाइड में जानिए पूरे राज्य में अब तक कैसा रहा मानसून, सितंबर में कैसा रहेगा और क्या असर पड़ेगा… मानसून से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… यूपी के 18 डैम आधे खाली..कम पड़ेगा पीने का पानी:बडे़ डैम रिहंद, माता टीला और मेजा 94% तक भरे, बिजली के लिए भरपूर पानी यूपी में 51 छोटे-बड़े डैम हैं। इनमें औसत 60% तक पानी भरा है। वहीं, 18 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50% तक कम पानी है। सबसे ज्यादा खाली मध्यम और छोटे साइज के डैम हैं। पांच सबसे बड़े डैम की स्थिति पिछले साल से अच्छी है। पांचों के गेट इस बार खोलने पड़े हैं। पूरी खबर पढ़ें… 75 जिलों में मानसून का पूरा हिसाब-किताब:12 में जरूरत से ज्यादा बारिश; 43 जिलों में बादल केवल गरजे, बरसे कम मानसून का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन यूपी के जिलों में बारिश की स्थिति ठीक नहीं है। 43 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। सिर्फ 12 जिले ऐसे हैं, जहां अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। हिमालय के तराई और मध्यप्रदेश से सटे जिलों में ही अच्छी बारिश हुई। अब तक प्रदेश में 530.4 MM बारिश हुई, जबकि होना थी 619.7 MM। यह सामान्य से 14% कम है। नेपाल में भारी बारिश का असर नदियों पर पड़ा। गंगा, घाघरा और देवहा नदी में बाढ़ की स्थिति रही। सबसे प्रभावित जिले लखीमपुर खीरी, पीलीभीत रहे। बलिया, गाेंडा, बंदायू, बाराबंकी और अयोध्या के कुछ हिस्से भी बाढ़ प्रभावित रहे। 8 स्लाइड में जानिए यूपी के हर जिले में अब तक हुई बारिश की स्थिति…