प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के करीब 5 लाख शिक्षक और कर्मचारियों को राहत दी है। शिक्षक और कर्मचारियों को अब मेडिकल लीव के लिए सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के मेडिकल सर्टिफिकेट की बाध्यता नहीं होगी। किसी भी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के सर्टिफिकेट से मेडिकल लीव मिल सकेगा। बेसिक शिक्षा विभाग की महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षकों और कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल किया है। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों और कर्मचारियों को मेडिकल लीव, चाइल्ड केयर लीव मंजूर कराने में दिक्कत होती थी। शासन को कई बार इस तरह की शिकायत मिली, जब खंड शिक्षा अधिकारी और बीएसए ने अवकाश स्वीकृत करने के बदले रिश्वत की मांग की। शिक्षकों और कर्मचारियों को ग्रीष्मकाशीन और शीतकालीन अवकाश में काम करने के बदले अर्जित या उपार्जित अवकाश लेने के लिए भी मिन्नतें करनी पड़ती थी। नई व्यवस्था लागू होने से करीब पांच लाख शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी। यह है नई व्यवस्था

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