लखनऊ में पिछले 6 दिन में डेंगू के 185 मरीज मिले हैं। इसमें प्रतिदिन संख्या बढ़ती ही जा ही है। स्थिति यह है कि निजी और सरकारी बैंक में वायरल के बाद डेंगू मरीज से वार्ड भरने लगे हैं। यहां तक की अस्पतालों में प्लेटलेट की मांग करीब 40 फीसदी तक बढ़ गई है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह खुद मानते हैं कि डेंगू हर चार साल पर काफी तेजी से आता है। साल 2016 में लखनऊ शहर में सैकड़ों लोगों की मौत डेंगू और वायरल से हुई थी। हालांकि सरकारी आंकड़ों में इसके साथ खेल कर दिया गया था। साल 2020 में स्थिति में सुधार आया, इसके लिए कोविड और लॉकडाउन जिम्मेदार था। सफाई का स्तर बेहतर हुआ और कोविड के वजह से फॉगिंग और पूरे शहर में सैनिटाइजेशन का काम बहुत बड़े पैमाने पर किया गया।लेकिन इस बार स्थिति खराब होते जा रही है। कहने के लिए नगर निगम ने तालाब में मछली छोड़ने से लेकर ड्रोन कैमरे से फॉगिंग तक कराया था। लेकिन उसका फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। शहर के कुछ प्रमुख इलाकों में क्या स्थिति यह है देखने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कई इलाके का दौरा किया। पेश उसकी रिपोर्ट – सबसे पहले 4 प्रमुख इलाके VIP सोसाइटी ओमेक्स आर – 2 में मिला लार्वा गोमती नगर शहीद पथ के नजदीक बनी ओमेक्स आर – 2 बिल्डिंग में भी डेंगू का लार्वा मिला है। यहां 16 टावर बने हैं। जिसमें 1500 से ज्यादा परिवार रहता है। पिछले कुछ दिनों में यहां डेंगू के मरीज काफी तेजी से बढ़ने लगे है। यहां रहने वाले स्थानीय निवासी अविनाश सिंह ने बताया कि उनके परिवार में तीन लोगों को डेंगू हुआ है। इसमें उनकी मां अभी मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि बेटी और उनको भी डेंगू हो गया है। सोसाइटी में सफाई और अन्य सुविधाओं के नाम पर करीब 3500 रुपए चार्ज किया जाता है। उसके बाद भी वहां डेंगू का लार्वा मिल रहा है। सोमवार को यहां मलेरिया विभाग की टीम भी पहुंची थी। इसमें गमले के नीचे रखे जाने वाले प्लेट में भरे पानी में डेंगू का लार्वा मिला है। पानी की मात्रा मुश्किल से 100 एमएल भी नहीं होगी, लेकिन वहां भी लार्वा निकल आया है। अजय नगर में 15 दिन पहले से निकल रहे मरीज अजय नगर इलाके में पिछले 15 दिन से वायरल तेजी से बढ़ा है। इसमें डेंगू के मरीज भी मिले हैं। यहां रहने वाले जितेंद्र बताते हैं कि पिछले साल भी यहां डेंगू काफी तेजी से बढ़ा था। सफाई खासकर नालियों और खुले प्लाट में जमे पानी और गंदगी की वजह से बीमारी बढ़ती है। यहां एक परिवार में डेंगू हुआ था। उसके बाद इलाके में मलेरिया विभाग से लोग आए लेकिन सफाई के नाम पर स्थिति वैसे ही बनी है। हालात यह है कि खुले प्लाट सबसे ज्यादा गंदगी का अड्डा बने हुए हैं। फैजुल्लागंज में स्थिति बिगड़ते जा रही है फैजुल्लागंज में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिलते हैं। साल 2016 में यहां हर घर से डेंगू के मरीज मिले थे। उसके बाद इलाके के लोग अपने रिश्तेदारों के यहां रहने चले गए थे। यहां एक बार फिर से वह स्थिति बनते जा रही है। ममता त्रिपाठी ने बताया कि केशव नगर फैजुल्लागंज का सबसे वीआईपी इलाका है। पिछले दिनों डेंगू से एक मरीज श्रेयांस की मौत भी हो गई थी। हालांकि उसमें बलरामपुर अस्पताल प्रशासन भी जिम्मेदार है, जिसको लेकर भी यहां के स्थानीय लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है। ममता त्रिपाठी ने बताया कि समय रहते इसको कंट्रोल नहीं किया गया तो स्थिति काफी ज्यादा खराब हो जाएगी। मुलायम नगर की मंडी से बढ़ी परेशानी ईस्माईलगंज द्वितीय वार्ड में मुलायम नगर मछली मंडी के आस-पास भी वायरल के मरीज बढ़ने लगे हैं। यहां के पूर्व पार्षद आरपी सिंह का कहना है कि पूरे वार्ड की स्थिति बद से बदतर हो गई है। यह सब नगर निगम की देन है। फॉगिंग भी नहीं हुई है। एंटी लार्वा का छिड़काव भी नहीं हो रहा है। खाली प्लाट में कूड़े का अंबार लगा हुआ है जो बीमारियों को दावत देते हैं। बारिश का पानी जमा है। शिकायत के बाद काम नहीं होता है लेकिन अधिकारी गलत रिपोर्ट लगा देते हैं। मछली मंडी का पानी नलियों में बह रहा है। इन सबके कारण वार्ड में बहुत तेजी से वायरल और डेंगू फैला हुआ है। वार्ड के करीब 10 से ज्यादा मोहल्लों में इसका बड़ा असर है। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह के बाद इसका सेवन कर सकते हैं डेंगू के लक्षण , इनको अनदेखा न करे। डेंगू से बचाव के उपाय