लखनऊ में डेंगू फिर बढ़ने लगा है। राजधानी के पॉश इलाकों सहित कई कॉलोनियों में डेंगू के नए मामले सामने आए हैं। महज एक दिन यानी 24 घंटे में डेंगू के 21 मामले रिपोर्ट हुए हैं। अचानक से केस बढ़ने के बाद विभाग में विभागीय अफसर भी अलर्ट मोड़ में दिख रहे हैं। जिन इलाके से मरीज मिल रहे हैं वहां पर एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। वहीं सरकारी व निजी अस्पतालों में करीब डेंगू के 50 मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जनवरी से 20 सितंबर तक डेंगू के 263 मामले मिले थे। इसमें ग्रामीण इलाकों में केस कम थे। सभी मामले शहरी क्षेत्र के हैं। बारिश के बाद डेंगू के केस बढ़ने लगे हैं। जिले में डेंगू के 284 मरीज मिल चुके हैं। अफसरों का कहना है एक हफ्ते पहले तक कम मामले सामने आ रहे थे मगर अब मरीजों की तादाद बढ़ी है। लखनऊ के पॉश इलाकों में बढ़ा अटैक अधिकांश नए मामले आलमबाग, इंदिरानगर, गोमतीनगर एक्सटेंशन, गोसाईंगंज, मॉल और चिनहट क्षेत्रों के हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पॉजिटिव आए चार मरीजों की प्लेटलेट कम होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि अन्य मरीज घर पर हैं। सिविल अस्पताल में 24 मरीज भर्ती सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। सिविल अस्पताल में डेंगू के 24 मरीज भर्ती हैं। वहीं, लोकबंधु और बलरामपुर अस्पताल में 4-4 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में करीब 2 दर्जन मरीज भर्ती हैं। लखनऊ CMO बोले – हालात पर नजर, अभी पैनिक जैसी स्थिति नही लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.मनोज अग्रवाल ने कहा कि डेंगू को लेकर कोई पैनिक जैसे हालात नही हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में हैं। केस थोड़ा बढ़े जरूर हैं पर हमारा फोकस सभी को इलाज मुहैया कराने से लेकर लोगों को जागरूक करना हैं। अस्पतालों को अलर्ट किया गया हैं। हालांकि भर्ती होने वालों की संख्या बेहद कम हैं। फॉगिंग और एंटीलार्वा के छिड़काव पर जोर नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए फॉगिंग के साथ ही एंटीलाां का भी छिड़काव कराया जा रहा है। बड़े तालाबों में ड्रोन से एंटीलार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। तालाब व फव्वारों के पानी में गम्बूजिया मछलियां डाली गई हैं। स्कूल, कोचिंग और अन्य संस्थानों में जाकर छात्रों को जागरूक किया जा रहा है। पार्षदों का भी सहयोग लिया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि डेंगू से बचाव को लेकर घर व छतों पर पानी न जमा होने दें। डेंगू को लेकर अलर्ट होने की जरूरत मेयो हॉस्पिटल के डॉ.वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि डेंगू को लेकर लापरवाही बरतना ठीक नही हैं। हालात बिगड़े उससे पहले अलर्ट होना जरूरी हैं। पहले पूरी ताकत बचाव पर लगानी होगी। साथ ही ट्रीटमेंट को लेकर भी सही एक्शन प्लान करना जरूरी हैं। ऐसे मरीजों को उपचार के साथ डाइट प्लान को भी फॉलो करना पड़ता हैं। शरीर में पानी की कमी से डेंगू का असर बढ़ जाता हैं। सोसाइटी और पब्लिक प्लेस पर छिड़काव भी जरूरी हैं। इसके अलावा सबसे अहम ये हैं कि डेंगू होने पर सेल्फ मेडिकेशन यानी खुद से दवा नही लेना चाहिए। साथ ही यदि डॉक्टर भर्ती होने की सलाह दे तो इसमें देरी नही करना चाहिए। बुजुर्गों के अलावा बच्चों, गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को भी ज्यादा अलर्ट रहना होगा। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हैं, उन्हें लापरवाही नही बरतना। इसके अलावा बेहतर होगा बचाव के तरीकों पर फोकस करते हुए डेंगू से खुद को बचाया जाए।