लखनऊ में डेंगू के मामलों में कई गुना इजाफा हो रहा है। हालात तेजी से बेकाबू होते दिख रहे हैं। बड़ी संख्या में इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। सितंबर महीने के आखरी सप्ताह के शुरुआत में 2 दर्जन मामले रोजाना रिपोर्ट हुए। 24 सितंबर को 25 और 25 सितंबर को 26 डेंगू में केस सामने आए। वहीं, अब ये संख्या 50 पार करते हुए 62 तक पहुंच गई हैं। महज 8 दिन के अंदर डेंगू के 246 नए मरीज दर्ज हुए हैं। इसी के साथ शहर में कुल डेंगू संक्रमितों का आंकड़ा 539 तक पहुंच गया है। राजधानी में ऐसे बढ़ा डेंगू का ग्राफ लखनऊ में डेंगू-बुखार से हो चुकी हैं कई मौतें
बीते सप्ताह 24 सितंबर को चंदन हॉस्पिटल निजी में इलाज के दौरान 58 साल की महिला सामंती की मौत हो गई थी। महिला का डेंगू कार्ड टेस्ट पॉजिटिव था। महिला को कई दिनों से बुखार आ रहा था। पहले उसे होप हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। बाद में चंदन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। 26 सितंबर को 12वीं के छात्र की डेंगू से हुई मौत
12वीं में पढ़ रहे श्रेयांश को बुखार आया। परिजनों ने क्लीनिक से दवा दी, पर राहत नहीं मिली। हालत बिगड़ने पर उसे बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसे ICU में शिफ्ट करके वेंटिलेटर सपोर्ट दिया। स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ गई। परिजनों ने उसे मेदांता हॉस्पिटल लेकर पहुंचे पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डेंगू के कारण मेदांता में बीते 26 सितंबर को उसकी मौत हो गई। मल्टी ऑर्गन फेलियर से हुई थी मौत
बुजुर्ग महिला के बेटे मयंक बाजपेई ने बताया कि करीब 3-4 दिन से बुखार आ रहा था। अचानक से बीपी लो होने लगा। इस बीच उन्हें घर के नजदीक उत्तम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। पर राहत नही मिली। 26 सितंबर देर शाम करीब 8 बजे उन्हें विवेकानंद पॉलिक्लिनिक में भर्ती कराया गया। यहां उनकी एक्स-रे,अल्ट्रासाउंड की जांच हुई। जांच रिपोर्ट में लंग्स में पानी भरने की पुष्टि हुई। उनकी तबियत तेजी से बिगड़ रही थी। डॉक्टरों ने डेंगू जैसे लक्षण होने की बात कही। पहले ICU का बेड खाली नही था। बाद में ICU बेड मिला, पर बीपी कंट्रोल नही हो पाया। शुक्रवार शाम को मल्टीपल ऑर्गन फेल होने से उनकी मौत हो गई। काकोरी में भी बुखार से युवक की मौत
काकोरी के कुशमौरा गांव में बुखार से पीड़ित युवक की मौत हो गई। उसका निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था। बुखार से पीड़ित पवन पाल (34) को करीब 10 दिनों से तेज बुखार आ रहा था। भाई काका पाल के मुताबिक हालत बिगड़ने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार से राहत मिलने पर 3 दिन पहले घर ले आए थे। 24 सितंबर को पवन की अचानक तबीयत खराब होने पर परिजन अस्पताल ले गए। जांच के बाद डॉक्टर ने प्लेट्लेटस काउंट कम होना बताया। जिसके बाद भर्ती करना पड़ेगा। इलाज शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही पवन की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि पवन को बुखार के साथ लिवर से जुड़ी समस्या थी। इंदिरा नगर, आलमबाग और अलीगंज में सबसे ज्यादा मरीज
लखनऊ के पॉश इलाकों में सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट हो रहे हैं। इनमें के इंदिरानगर में 11, चिनहट में तीन, चंदरनगर में 10, सरोजनीनगर में पांच, रेडक्रास में दो, एनके रोड में पांच, अलीगंज में 11, सिल्वर जुबली में दो, बीकेटी में तीन, टूड़ियागंज में चार, ऐशबाग में तीन और अन्य स्थानों पर तीन मरीज मिले। इससे पहले इस सीजन एक दिन में सबसे ज्यादा डेंगू के 39 मरीज 28 सितंबर को मिले थे। 10 घरों को थमाई नोटिस
थोड़ी राहत की बात ये रही कि मंगलवार को लगातार दूसरे दिन मलेरिया का नया रोगी नहीं मिला। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 1854 घरों के आसपास सर्वे किया। इसमें से 10 घरों में लार्वा पाए जाने पर नोटिस जारी की गई। सिविल में 8 बच्चों सहित कुल 2 दर्जन डेंगू मरीज भर्ती
लखनऊ के डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में 25 डेंगू के मरीज भर्ती हैं। इनमें 8 बच्चे भी शामिल हैं। सिविल अस्पताल के CMS डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि डेंगू से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा के साथ भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी हैं। पर पैनिक होने जैसे हालात नही हैं। डेंगू के मरीजों को बेस्ट ट्रीटमेंट उपलब्ध कराया जा रहा हैं। कही कोई बड़ी समस्या नही हैं, इलाज कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल टीम को अलर्ट मोड़ पर रखा गया हैं। लोकबंधु अस्पताल में डेंगू के 22 मरीज भर्तीराजनारायण लोकबंधु संयुक्त अस्पताल में भी डेंगू के 22 मरीज भर्ती हैं। यहां के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.राजीव दीक्षित ने बताया कि डेंगू वॉर्ड में ही डेंगू संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा हैं। गंभीर होने के कारण कुछ मरीजों को अस्पताल में लाया गया था। पर अब उनकी हालत गंभीर हैं। अस्पताल में एलाइजा जांच की सुविधा भी उपलब्ध हैं। राजधानी में ऐसे बढ़ा डेंगू का ग्राफ दस्तक अभियान का आगाज
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक संचारी रोग नियंत्रण अभियान का आगाज किया है। अभियान के तहत शहर से लेकर गांव तक घर-घर मरीजों की स्क्रीनिंग होगी। बीमारी के लक्षण मिलने पर उपचार कराया जाएगा और लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को राजधानी स्थित अलीगंज सीएचसी से संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के साथ ही 11 से 31 तक दस्तक अभियान भी चलेगा। 13 विभाग मिलकर चलाएंगे अभियान
1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान में वेक्टर जनित और संचारी रोगों व दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण की गतिविधियां चलाई जाएंगी। अभियान को 13 विभाग मिलकर चलाएंगे। सभी जिलों में टीमें घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार समेत दूसरे रोगों के बारे में जागरूक करेंगे। स्क्रीनिंग में बीमारी से ग्रसित मरीजों को रिपोर्ट कर सूची बनाएंगे और जरूरत के मुताबिक इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्थानों में भेजा जाएगा। अभियान के दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार फॉगिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाएगा। सफाई अभियान चलाया जाएगा।