लखनऊ में डेंगू खतरनाक होता जा रहा है। गुरुवार को निजी अस्पताल में भर्ती छात्र की डेंगू से मौत हो गई। वह पिछले दो दिन से अस्पताल में भर्ती था। हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा था मगर उसकी जान नहीं बची। स्वास्थ्य विभाग की टीम का कहना है छात्र की डेथ ऑडिट कराई जाएगी। फैजुल्लागंज प्रथम के श्री नगर के रहने वाले प्रदीप श्रीवास्तव का 18 साल का बेटा श्रेयांश निजी स्कूल में इंटर का छात्र था। करीब 7 दिन पहले उसे तेज बुखाया था। परिजनों ने नजदीकी क्लीनिक से दवा ली मगर राहत नहीं मिली। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने पहले बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां पर दो दिन तक छात्र भर्ती रहा। वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा था हालत में सुधार नहीं होने पर मंगलवार को परिजनों ने शहीद पथ स्थित कॉरपोरेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। वहां पर सेहत में सुधार नहीं हुआ। बीती रात हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा था। गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है छात्र बेहद गंभीर हालत में आया था। इसी मोहल्ले में हो चुकी है एक और मौत बीते तीन दिनों में डेंगू से ग्रस्त दो मरीजों की मौत बाद दहशत का माहौल बन गया है। मंगलवार को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान फैजुल्लागंज की महिला सामंती की मौत हो गई थी। महिला का डेंगू कार्ड टेस्ट पॉजिटिव था। परिजनों ने निजी अस्पताल में कोताही का आरोप लगाया था। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा था। वहीं दूसरी मौत होने से लोग सहमे हैं। अब पढ़िए अस्पताल में भर्ती मरीजों के केस… केस – 1 लखनऊ के जानकीपुरम निवासी 23 साल की करिश्मा के अचानक चेहरे पर सूजन आ गई। साथ ही तेज बुखार भी आ रहा था। पहले तो परिवार वालों ने बुखार की दवा देकर आराम करने को कहा। पर चेहरे पर सूजन बढ़ने के साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों में भी सूजन का असर दिखा। वहीं, बुखार के साथ बदन दर्द और जलन की परेशानी भी होने लगी। इसके बाद परिजन उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। यहां जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई। फिलहाल डेंगू वॉर्ड में भर्ती कर इलाज चल रहा है। केस – 2 देवरिया के रहने वाले संजय यादव की पत्नी आशा देवी को लगातार कई दिनों से बुखार आ रहा था। टायफाइड की पुष्टि हुई, तो इलाज शुरू किया। जब फायदा नहीं हुआ तो सिविल अस्पताल में दोबारा जांच कराई। इसमें डेंगू निकला। सिविल अस्पताल के डेंगू वॉर्ड में भर्ती हैं। आशा देवी कहती हैं कि उन्हें लगातार तेज बुखार आ रहा था। जिस कारण शरीर में बहुत कमजोरी लग रही थी। इसके अलावा चेहरे समेत शरीर के कई हिस्सों में सूजन भी थी। यहां भर्ती होने के बाद इलाज चला, अब पहले से आराम है। केस – 3 लखनऊ के भानुमति चौराहा निवासी रामलली की बहू ललिता को सिविल अस्पताल के डेंगू वॉर्ड में इलाज चल रहा है। रामलली कहती हैं कि शरीर में अचानक से सूजन आ गई थी। हाथ-पैर में तेज जलन के लक्षण थे। बुखार और शरीर दर्द भी हो रहा था। थोड़ी ही देर में हलक सूखने लगना था। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके बाद पहले निजी अस्पताल में भर्ती किया। राहत नही मिली तो सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया, अब पहले से आराम है पर अभी ठीक नही है। ये तीन केस महज बानगी मात्र हैं। लखनऊ के अस्पतालों में डेंगू संक्रमितों के मामले में अचानक से तेजी आई है। महज 2 दिन के अंदर डेंगू के 51 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है। काकोरी में बुखार से युवक की मौत काकोरी के कुशमौरा गांव में बुखार से पीड़ित युवक की मौत हो गई। उसका निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था। बुखार से पीड़ित पवन पाल (34) को करीब 10 दिनों से तेज बुखार आ रहा था। भाई काका पाल ने बताया, हालत बिगड़ने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया। राहत मिलने पर 3 दिन पहले घर ले आए थे। मंगलवार को पवन की अचानक तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले गए। जांच के बाद डॉक्टर ने प्लेट्लेटस काउंट कम होना बताया। जिसके बाद भर्ती करना पड़ा। इलाज शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही पवन की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि पवन को बुखार के साथ लिवर से जुड़ी समस्या थी। इससे पहले मंगलवार को शहर में डेंगू से पहली मौत हुई है। फैजुल्लागंज की रहने वाली महिला (58) ने निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। महिला की डेंगू टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव थी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि इलाज संबंधी रिकॉर्ड की जांच में पता चला कि महिला कई बीमारियों से पीड़ित थी। मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के चलते उसकी जान गई है। 7 दिन से बुखार के चपेट में थीं जानकारी के मुताबिक, फैजुल्लागंज के प्रीतिनगर निवासी राजमिस्त्री शिवशंकर की पत्नी सामंती देवी को लगभग 7-8 दिन से बुखार आ रहा था। नजदीकी क्लीनिक से दवा लेने पर राहत नहीं मिली। हालत बिगड़ी तो परिजनों ने ताड़ीखाना के होपवेल हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां डेंगू के कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सामंती दो दिन तक भर्ती रहीं। इसके बाद हालत खराब होने पर उन्हें दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। रविवार को चंदन अस्पताल में किया गया था भर्ती 22 सितंबर को उन्हें चंदन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह सामंती देवी की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला बेहद गंभीर हालत में आई थी। डेंगू के कार्ड टेस्ट में पॉजिटिव होने के साथ वह शॉक सिड्रोम से पीड़ित थी।परिजनों के मुताबिक दो निजी अस्पतालों में इलाज चला पर राहत कही भी नही मिली। इलाज के दौरान दोनों ही अस्पताल ने लंबा चौड़ा बिल बना दिया पर मरीज की जान नही बचा सके। खबर में पोल लगा है, आप इस पर अपनी राय दे सकते हैं… 24 घंटे में डेंगू के 26 और मलेरिया के 7 नए मरीज मिले जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बुधवार को भी 26 नए डेंगू के मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई हैं। ये मरीज अलीगंज, चन्दरनगर इन्दिरानगर टूडियागंज, एनके रोड- सिल्वर जुबली, ऐशबाग, रेड क्रॉस,गोसाईगंज सीएचसी क्षेत्र के हैं। इसके साथ ही 7 मरीज मलेरिया से भी पीड़ित भर्ती किये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक शहर में डेंगू के कुल 335 और मलेरिया के 393 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जारी किया हेल्पलाइन नंबर CMO डॉ.मनोज अग्रवाल ने बताया कि कई इलाकों में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा हैं। मौसमी बीमारियों से जुड़ी जानकारी और सहायता के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कन्ट्रोल रूम नंबर 0522-2622080 पर संपर्क किया जा सकता है। फ्लूइड जमने से आती है सूजन KGMU के प्रो.राजेश वर्मा ने बताया कि डेंगू होने पर शरीर के किसी भाग में फ्लूइड जम जाता है। जिसके चलते सूजन आ जाती है। तेज बुखार के साथ बदन दर्द और आंखों में असहनीय दर्द के साथ शरीर में रैशेज आना ये अलार्मिंग लक्षण हैं। जब ये लक्षण दिखे तो बिना देरी किए इलाज शुरू करना चाहिए। सबसे अहम बात ये है कि मरीज को भर्ती करने में देरी नहीं करनी चाहिए। यदि, समय से शरीर में लिक्विड की मात्रा को कंट्रोल कर लिया गया तो गंभीर हालत से बचा जा सकता है। डेंगू पूरी तरह से स्वास्थ्य व्यक्ति को 7 से 10 दिन के भीतर ही बेहद गंभीर स्थिति में ला सकता है। यही कारण है कि हल्की से भी लापरवाही जानलेवा साबित होती है। रोजाना 2 हजार बुखार रोगी पहुंच रहे अस्पताल, कई डॉक्टर भी चपेट में लखनऊ के अस्पतालों में बुखार रोगियों के संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बड़ी संख्या वायरल फीवर सहित बुखार के रोगी अस्पतालों की OPD में पहुंच रहे हैं। अकेले लखनऊ के 3 बड़े सरकारी अस्पताल की OPD में 800 से ज्यादा बुखार रोगी पर्चा बनवाकर फिजिशियन को दिखा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में मरीजों की जांच भी कराई जा रही है। हालांकि अस्पतालों की OPD में पहुंच रहे मरीजों को दवा देकर डॉक्टर घर जाने की सलाह दे रहे हैं। पर इमरजेंसी में आने वाले मरीज और गंभीर लक्षण के मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। अस्पतालों के वॉर्ड फुल लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में 2 दर्जन यानी 24 डेंगू के मरीज भर्ती हैं। यहां 8 बेड महिला, 8 बेड पुरुष के अलावा 8 बेड बच्चों के लिए वॉर्ड में रिजर्व किए गए थे। अब नए सिरे से बेड रिजर्व किए जा रहे हैं। कमोवेश, ऐसे ही हालात बाकी के अस्पतालों के भी हैं। सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभी पैनिक होने जैसे हालत नही है। डेंगू के अलावा मलेरिया के 9, टायफाइड के करीब 14 मरीज भर्ती हैं। कुल करीब 45 मरीज भर्ती हैं। राहत की बात ये है कि अभी किसी में प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत नही पड़ी है। सबसे अहम बात डेंगू से बचाव पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। दूसरा, यदि लक्षण दिखे तो इलाज और जांच में लापरवाही नही बरतनी चाहिए। खुद से दवाई लेने से बचना चाहिए। बलरामपुर में बुखार के 100 से ज्यादा मरीज भर्ती लखनऊ के सबसे बड़े जिला अस्पताल, बलरामपुर चिकित्सालय में करीब 115 बुखार रोगी भर्ती हैं। वायरल, टायफाइड, मलेरिया के गंभीर लक्षण वाले मरीजों को यहां इलाज चल रहा हैं। अस्पताल प्रशासन की माने तो ज्यादातर मरीज की हालत स्थिर हैं, 3 से 4 दिन भर्ती रखने के बाद मरीजों को आराम मिलने पर डिस्चार्ज किया जा रहा है।