लखनऊ में लगातार VIP सड़कें धंस रही हैं। पिछले चार महीने में विकास नगर, लखनऊ विश्वविद्यालय, तेलीबाग, आलमबाग और रहीम नगर की सड़कें धंस चुकीं हैं। ये वो सड़कें हैं, जो हाई प्रोफाइल हैं, मतलब ये शहर के पॉश इलाके हैं। यहां से रोजाना एक लाख से पांच लाख लोग गुजरते हैं। विकास नगर में 10 करोड़ रुपए से बनी सड़क 5 बार धंस चुकी है। वजह, सीवर लाइन में घटिया क्वालिटी की पाइप का इस्तेमाल किया जाना है। जिसके चलते पानी अंदर ही अंदर लीक करता रहा और सड़क जगह-जगह धंसती रही। बांस-बल्ली लगाकर पूरी सड़क को बंद कर दिया गया। ऐसा ही लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने भी किया गया। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने सड़कों के धंसने की पड़ताल की, जिसमें कई अहम बातें निकलकर आई हैं, पढ़िए पूरी रिपोर्ट… विकास नगर: दो साल में 5 बार धंसी सड़क
विकास नगर शिव मंदिर से सेक्टर-4 को जाने वाली सड़क दो किलोमीटर लंबी है। यह सड़क पिछले दो साल में 5 बार धंस चुकी है। बड़ी बात यह है कि बारिश का मौसम न होने के बाद भी यह सड़क धंस जाती है। इसको लेकर वहां मुआयना किया गया, तो पता चला कि सड़क की क्वालिटी से ज्यादा पुराने काम ज्यादा जिम्मेदार हैं। 2010 में पड़ी सीवर लाइन 14 साल में हुई खराब
यहां साल 2010 में सीवर लाइन डाली गई थी। उस समय निर्माण के दौरान मानकों का ठीक से पालन नहीं किया गया। इसकी वजह अब जमीन के अंदर पानी का रिसाव बढ़ गया है। ऐसे में जहां भी पानी का रिसाव ज्यादा होता है, वहां की सड़क अपने आप धंस रही है। लोक निर्माण विभाग की जांच में यह बात सामने आई है, कि सीवर लाइन डालते समय 100 फीसदी मानक का पालन नहीं किया गया। 10 करोड़ रुपए खर्च, भ्रष्टाचार ने काम बर्बाद किया
2010 में जिस कंपनी को काम मिला था, उसने 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट तैयार किया था। दरअसल, विकास नगर, डंडैया और आसपास के इलाकों को मिलाकर JNURM योजना के तहत करीब 122 करोड़ रुपए का बजट तब मायावती सरकार ने जारी किया था। इसमें से 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च अकेले विकास नगर में हुआ था। उस समय हुए भ्रष्टाचार का नुकसान अब हो रहा है। बार-बार यह सड़क धंसने से स्थानीय लोग परेशान हैं। पाइप लाइन ठीक किए बगैर समाधान संभव नहीं
लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों कहा कहना है कि यहां पाइप लाइन और सीवर लाइन ठीक किए बगैर स्थायी हल नहीं निकाला जा सकता है। इसको लेकर शासन स्तर पर भी बात रख दी गई है। स्थिति यह है कि यहां कोई बीच सड़क पर सफर न करे, उसके लिए हर 50 और 100 मीटर पर बल्ली लगा दी गई है। दो लाख से ज्याद लोग यहां से गुजरते हैं
इस सड़क से विकास नगर, महानगर, कुर्सी रोड, अलीगंज, इंजीनियरिंग कॉलेज, डंडैया, रहीमनगर जाने के लोगों का अक्सर गुजरना होता है। कम से कम दो लाख लोगों का प्रतिदिन गुजरना होता है। ऐसे में अब जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया तो लोगों की परेशानी बढ़ती जाएगी। इस सड़क पर यातायात प्रभावित होने से आस-पास के इलाकों में जाम लगना शुरू हो जाता है। लखनऊ विश्वविद्यालय: सड़क धंसने से 20 इलाके प्रभावित
लखनऊ विश्वविद्यालय के पास धंसी सड़क की स्थिति देखने पहुंचे तो हमारे पास ट्रैफिक का एक सिपाही आया। उसने कहा कि आप लोग इस मुद्दे को उठाइए पूरे दिन ड्यूटी करके यहां पैरों में दर्द होने लगता है। 5 मिनट के लिए आराम नहीं मिलता है। हर समय जाम लगा रहता है। सड़क धंसने से 20 इलाके कटे
लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 20 हजार छात्र पढ़ते हैं। इसके अलावा 20 इलाकों के लोगों के लिए यह सबसे प्रमुख सड़क है। करीब 5 लाख लोगों का यहां से प्रतिदिन आना-जाना होता है। अभी यहां जलकल के स्तर पर काम हो रहा है। उसके बाद सड़क लोक निर्माण विभाग को हैंड ओवर होगी और उनके लोग इसका निर्माण कराएंगे। ऐसे में करीब 15 दिन अभी भी सड़क पर यातायात प्रभावित रहेगा। पुराने ड्रेनेज की कभी सफाई नहीं हुई
लखनऊ यूनिवर्सिटी की सड़क के नीचे ड्रेनेज डाला गया है। अंडरग्राउंड यह नाला करीब पांच दशक से भी ज्यादा पुराना है। बताया जा रहा है कि इसकी कभी सफाई नहीं हुई। ऐसे में यह समय के साथ ब्लॉक हो गया है। अब पानी का रिसाव होने लगा। पास में लेसा का ट्रंच था, वह भी मानक के हिसाब से नहीं बना। पानी उसमें गया और अंदर ही अंदर फैलने लगा। रिसाव के पानी ने सड़क को अंदर से कमजोर कर दिया और बारिश के दौरान सड़क में करीब 10 फीट गड्ढा हो गया। रात के समय यह हादसा हुआ, जिसकी वजह से कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। 5 दिन समस्या पकड़ने में लग गया
लेसा, जलकल, जल निगम, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम करीब 5 दिन तक लीकेज वाली लोकेशन को पकड़ नहीं पाई। उसके बाद गलती पकड़ में आई तो अब काम शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि इसको सही करने में कम से कम 25 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च आएगा। अभी अंडरग्राउंड नाले के दोनों तरफ काम हो रहा है, जिससे की भविष्य में कोई लीकेज न हो। यह काम नगर निगम की तरफ से कराया जा रहा है। उसके बाद सड़क निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग कराएगा। लेसा ने नहीं शिफ्ट किए तार
यहां लेसा से तार शिफ्ट करने को कहा गया लेकिन विभाग ने यह काम नहीं किया। बताया जा रहा है कि तार शिफ्ट करने में करीब 10 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अब बजट के अभाव में यह काम नहीं किया गया है। हालांकि लेसा की तरफ से ट्रंच लाइन का काम मानक के हिसाब से नहीं हुआ है। ऐसे में भविष्य में हो सकता है फिर से पानी का रिसाव हो जाए। इन जगहों पर भी सड़क धंस चुकी है 3 अगस्त को वृंदावन योजना सेक्टर-9 में करीब 10 मीटर लंबी और 7 मीटर गहरी सड़क धंस गई थी। इसकी वजह से 50 हजार की आबादी को परेशानी झेलनी पड़ी। दरअसल, यह सड़क पीजीआई और सेक्टर 9 से 18 तक जाने वाले लोगों की मुख्य मार्ग है। बताया कि बारिश की वजह से सड़क खराब हो गई थी। इसकी वजह से धंस गई। 31 जुलाई को हुई बारिश के बाद सर्वोदय नगर बंधे के पास सड़क धंस गई। बताया जा रहा है कि लखनऊ-कुर्सी-महमूदाबाद सड़क पर लेबर अड्डा जाने वाले रास्ते पर दो साल में चार बार सड़क धंसी है। बताया जा रहा है कि यहां बिना अनुमति सड़क की कटिंग की दी गई थी। दावा है कि सड़क धंसने से उसकी गुणवत्ता का कोई संबंध नहीं है। कुकरैल बंधा सर्वोदय नगर के पास बिना PWD विभाग की अनुमति के सड़क की कटिंग करने और इसके बाद बारिश में जलभराव के चलते सड़क धंसने की बात कही गई। ग्राउंड रिपोर्ट- लखनऊ की 4 VIP सड़कों का रियलिटी चेक:गोल मार्केट-कपूरथला सड़क पर 500 मीटर में गड्ढे ही गड्ढे, मैनहोल खुले; मेट्रो तक पर खतरा लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नंबर चार के पास 15 फीट सड़क धंस गई। यह खतरनाक तब हो गया, जब पता चला कि इससे मेट्रो के पिलर को भी खतरा है। दो विभागों के बीच लेटर वॉर चल रहा है, लेकिन घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी सड़क सही नहीं हो पाई। लखनऊ शहर का यह पहला गड्ढा नहीं है। इससे पहले भी कई प्रमुख सड़कें धंस चुकी है। सरकारी विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपकर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं, लेकिन मुसीबत जनता को झेलनी होती है। आज इंजीनियर डे है और ऐसे में दैनिक भास्कर टीम ने रात में शहर की 4 मेन सड़कों का जायजा लिया। ग्राउंड पर जाकर रियलिटी चेक की। कहीं सड़क की जगह गड्ढे मिले तो कहीं कंकरीट उखड़े मिले। पूरी खबर पढ़ें…

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