लखनऊ के रहीमाबाद इलाके के विष्णुनगर में दो बच्चे पानी में डूब गए। दोनों घर से खेलने के लिए गए थे। घर वालों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना के बाद SDRF को 8 किलोमीटर की दूरी तय करने में 4 घंटे लग गए। SDRF मौके पर पहुंची भी, तो कहा कि रात में रेस्क्यू नहीं करेंगे। वहां पहुंचे करीब एक हजार लोगों ने पुलिस और SDRF के खिलाफ नारेबाजी की। SDRF के मना करने के बाद गांव के दो युवक पानी में उतर गए। दोनों बच्चों को पानी से बाहर निकाला। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गांव और परिवार के लोगों ने SDRF पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृत बच्चों, दुर्गेश और मानस के पिता ने कहा कि SDRF समय से पहुंचती तो हमारे बच्चों की जान बच जाती। सबसे पहले 3 तस्वीरें देखिए… दुर्गेश और मानस रोज खेलने जाते थे
विष्णु नगर निवासी मनोहर सिंह का बेटा दुर्गेश (13) और मुरली विहार निवासी मनोज सिंह का बेटा मानस (15) अच्छे दोस्त थे। दोनों कक्षा 9 में पढ़ाई करते थे। दुर्गेश इलाके के सेंट निखलेश्वर स्कूल में पढ़ता था और मानस लिटिल एंजल स्कूल में पढ़ाई करता था। दोनों में गहरी दोस्ती थी। रोज एक साथ खेलने जाते थे। इन दोनों का एक और दोस्त था। गुरुवार की शाम करीब 5 बजे दुर्गेश और मानस तीसरे दोस्त के साथ गांव के बाहर खेलने गए थे। अवैध खनन के बाद हुए गड्ढे में पानी भरा था
दोनों जहां खेल रहे थे, वहां अवैध खनन से तालाबनुमा तीन बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिसकी गहराई 10 फीट से ज्यादा है। गड्ढे में बारिश का पानी भर गया है। दुर्गेश और मानस इसी गड्ढे में नहाने उतर गए। गांव के लड़के ने डूबते देखा
जिस समय दोनों तालाब में नहाने उतर रहे थे। उसी समय गांव का एक लड़का कोचिंग पढ़कर लौट रहा था। वो दुर्गेश और मानस का दोस्त था। वो भी वहीं खड़ा हो गया। थोड़ी ही देर में दुर्गेश और मानस गहरे पानी में उतरे और डूबने लगा। इन दोनों का तीसरा दोस्त इन्हें डूबते देखकर घबरा गया। वो वहां से भागकर दुर्गेश के घर जाकर दुर्गेश और मानस के डूबने की जानकारी दी। दुर्गेश के पिता ने तुरंत मानस के पिता को फोन कर बताया। पुलिस को घटना की जानकारी दी। गांव में घटना के बाद हाहाकार मच गया। जो भी सुना वो भागकर मौके पर पहुंचा। पुलिस की टीम भी आ गई
गांव के रहने वाले अनुपम मिश्र ने भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में बताया कि जब हम लोग भागकर तालाब के पास पहुंचे तो वहां पुलिस आ चुकी थी। हमने तुरंत बच्चों को निकालने के लिए कहा। पुलिस ने बताया कि SDRF को सूचना दे दी गई है। टीम आ रही है। SDRF का इंतजार करते रहे
अनुपम ने बताया कि जहां बच्चे डूबे थे, वहां काफी दलदल है। हम इंतजार करते रहे कि SDRF की टीम आ जाती, तो बच्चों को निकाल पाती। लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी टीम नहीं आई। दो घंटे भी बीत गए। बच्चों के परिजन रोते बिलखते रहे। पुलिस वालों के हाथ जोड़ते रहे परिजन
गांव के लोगों ने बताया कि बच्चों के परिजन पुलिस वालों के सामने हाथ जोड़ते रहे। कहते रहे, मेरे बच्चों को बचा लो। पुलिस की टीम ने जवाब दिया, इंतजार कर लीजिए। ये काम SDRF का है। टीम आ रही है। देर हुई तो लोगों ने नारेबाजी की
बच्चे शाम 5 बजे डूबे थे। शाम ढ़लती जा रही थी, मौके पर भीड़ भी बढ़ रही थी। लेकिन SDRF का कहीं अता-पता नहीं था। 8 बजे तो लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। जमकर हंगामा किया। 8 किमी. का रास्ता तय करने में लगे 4 घंटे
गांव वालों ने बताया कि बिजनौर इलाके में SDRF का कैंप ऑफिस है। जिसकी दूरी हमारे यहां से महज 8 किमी है। पुलिस ने करीब 5.15 बजे SDRF को बच्चों के डूबने की जानकारी दी। लेकिन टीम यहां करीब 8.45 बजे पहुंची। महज 8 किमी की दूरी तय करने में SDRF को करीब 4 घंटे लग गए। ये कैसी सुरक्षा व्यवस्था है? देर से आए, बोले- रात में रेस्क्यू नहीं करेंगे
SDRF की टीम रात में पहले तो देर से पहुंची। जब लोगों ने बच्चों को निकालने की बात कही, तो टीम ने कहा कि रात में रेस्क्यू नहीं कर सकते, सुबह होने का इंतजार करिए। गांव के लोग बार-बार बच्चों को तलाशने की बात करते रहे, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। गांव के शुभम और संजय खुद उतर गए
जब SDRF ने पानी में उतरने से मना कर दिया तो गांव के रहने वाले संजय और शुभम नाम के दो युवक पानी में उतर गए। दोनों ने करीब आधे घंटे तक बच्चों की तलाश की। दोनों को पानी से बाहर निकाला। दोनों बच्चों की सांसें थम गईं थीं। इसके साथ ही परिवार और इलाके के लोगों की उम्मीदें भी मर गईं। लोग पुलिस और SDRF को कोसते रहे। सबने कहा कि SDRF अगर समय से आती तो बच्चों की जिंदगी बच जाती। जहां बच्चे डूबे वो एयरपोर्ट की जमीन
इलाके के लोगों ने बताया कि जहां बच्चे डूबे वो एयरपोर्ट की जमीन है। करीब 3 साल पहले अवैध खनन करने वालों ने यहां से मिट्टी निकलवाई थी। उसके बाद से ही यहां बारिश में पानी जमा हो जाता है। आखिरकार यह गड्ढा जानलेवा बन गया। यह भी पढ़ें लखनऊ में अवैध खनन के गड्ढे में दो बच्चे डूबे..मौत:डेड बॉडी पहुंची गांव तो लोगों में मची चीख-पुकार; एक साथ जलेंगी दोनों चिताएं लखनऊ के सरोजनी नगर मुरली बिहार में दो लड़कों की डूबने के मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव शुक्रवार को घर पहुंचा। पूरे परिवार में मातम का माहौल है। पुलिस मौके पर तैनात है।परिजनों का आरोप है कि अवैध खनन की वजह से बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। पुलिस प्रशासन से लगातार कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन अभी तक की कोई ठोस कार्रवाई हुई। पढ़ें पूरी खबर…