इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दाखिल जनहित याचिका में भारत सरकार से जवाब मांगा है। राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता और निर्वाचन रद्द करने के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा- हम पहले भारत सरकार का निर्णय जानना चाहेंगे, उन्होंने शिकायत पर क्या एक्शन लिया है। इस मामले में 30 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) सूर्यभान पांडेय को इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट में याचिकाकर्ता कर्नाटक के एस.विग्नेश शिशिर ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दावा किया कि उन्होंने ही PIL दायर की है। निर्वाचन रद्द करने की मांग
रायबरेली लोकसभा से निर्वाचन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में 3 महीने पहले जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें एस.विग्नेश शिशिर ने कहा कि उनके पास तमाम ऐसे दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ई-मेल हैं, जिनसे यह साबित होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं। इस आधार पर उनका निर्वाचन रद्द करना चाहिए। सीबीआई जांच कराने की मांग की थी
बुधवार को सुनवाई के दौरान एस विग्नेश शिशिर ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट में अपनी पिछली याचिका वापस लेने के बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी को दो अभ्यावेदन दिए। इन अभ्यावेदनों में राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की गई थी। जबकि शिशिर ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। दावा- राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी सिर्फ इस बात पर फोकस किया जाए कि क्या केंद्र को अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं और इस संबंध में वह क्या निर्णय या कार्रवाई करेगा। एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि गोपनीय जानकारी मिली है, जिससे पता चला है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिकता रखते हैं। उनकी याचिका के अनुसार, वीएसएस सरमा नाम के व्यक्ति ने 2022 में ब्रिटेन सरकार से राहुल गांधी की नागरिकता के बारे में ब्योरा मांगा था। इस खबर को भी पढ़ें… गर्लफ्रेंड को डराने के लिए लिव-52 दवा खाई:वीडियो पोस्ट से इंस्टाग्राम ने लखनऊ पुलिस को दी सूचना, पुलिस पहुंची तो घर वालों को पता चला लखनऊ में एक छात्र ने लिव-52 की दो गोलियां खा ली। प्रेमिका को डराने के लिए वीडियो बनाया और भेज दिया। किसी और ने वीडियो को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया। अमेरिका के कैलिफोर्निया में बैठे मेटा के कर्मचारियों ने वीडियो देखा तो DGP ऑफिस को सुसाइड का अलर्ट भेज दिया। पढ़ें पूरी खबर…