पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। हरियाणा चुनाव के दरम्यान वेस्ट यूपी को उत्तर प्रदेश से अलग करने का मुद्दा गरमा रहा है। वहीं इस मुद्दे पर भाजपा और सपा के दो नेता आमने-सामने हैं। भाजपा से मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद रहे डॉ. संजीव बालियान ने मेरठ में दो दिन पहले हुए एक आयोजन में पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई है। वहीं सपा सरकार में मंत्री रहे वर्तमान में सपा से किठौर विधायक शाहिद मंजूर का कहना है कि ये मांग तो बरसों पुरानी है। अब तक तो पश्चिमी यूपी अलग राज्य बन जाना चाहिए था। आम नागरिक के तौर पर चाहता हूं वेस्ट यूपी अलग राज्य बने
मेरठ में पश्चिमी प्रदेश निर्माण मोर्चा की बैठक के दौरान पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने कहा- 35 सालों से मांग चली आ रही है। बहन मायावती ने कई बार पश्श्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने के लिए पत्र भी लिखा। वो केंद्र सरकारों के पास भी गया लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। कहा- वेस्ट यूपी अलग राज्य बने ये मांग नहीं जरूरत है। बात पूरब- पश्चिम की नहीं है बल्कि जनसुविधाओं और जन विकास की है। इसमें पूरब पश्चिम और जाति धर्म की लड़ाई न हो बल्कि बैठकर बात की जाए और इस मांग को पूरा किया जाए। मैं सरकार तक इस बात को पहुंचाऊंगा। सरकार से इस मांग का समर्थन करता हूं। यूपी के भविष्य के लिए यूपी का डिवीजन जरूरी है। मैं सरकार का नुमाइंदा नहीं बल्कि एक आम नागरिक के तौर पर चाहता हूं कि वेस्ट यूपी अलग राज्य बने। सपा विधायक बोले- सरकार में मंत्री रहे बालियान तभी मांग हो जानी चाहिए थी पूरी पूर्व मंत्री और मेरठ-किठौर सीट से सपा विधायक शाहिद मंजूर ने कहा- पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग बहुत पुरानी है। 1986 में भी इस पर आंदोलन हुआ। दिल्ली के पूर्व सीएम चौधरी ब्रह्मप्रकाश मेरठ आए थे। गर्वनर रहे वीरेंद्र सिंह भी इसके समर्थन थे। हम भी इसके समर्थन में हैं। हाईकोर्ट बेंच की जो मांग सालों से चली आ रही है अगर वेस्ट यूपी अलग राज्य बना तो ये मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा- पश्चिमी यूपी अलग राज्य बने जरूरी है। सरकार को इस पर फैसला लेना है। संजीव बालियान तो अपनी सरकार में मंत्री रहे हैं तब यह मांग पूरी हो जानी चाहिए थी।​​​​​​ शाहिद मंजूर ने कहा-पूर्वांचल भारी पड़ रहा
शाहिद मंजूर ने कहा- कहते हैं कि इलाहाबाद की एडवोकेसी काफी मजबूत है, इलाहाबाद हाईकोर्ट क्षेत्र से यूपी के ज्यादातर मंत्री आते हैं। वो पूर्वांचल को नाराज नहीं कर सकते। कहते हैं कि एटा, इटावा, बरेली तक पश्चिमी यूपी राज्य हो उसके आगे दूसरा राज्य रहे। सरकार को ही इस पर फैसला लेना है। जब संजीव बालियान स्वयं सरकार में मंत्री थे तभी इस मुद्दे पर फैसला हो जाना चाहिए था। सरकार को इस पर निर्णय लेना चाहिए। ये हमारा हक है लेकर रहेंगे
पश्चिमी प्रदेश निर्माण मोर्चा के जनरल सेक्रेटरी कर्नल सुधीर चौधरी ने कहा कि पूर्व सीएम बसपा चीफ मायावती ने 2011 में ये प्रस्ताव पास कराया था। केंद्र सरकार ने इसे तब ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। 1995 से ये मांग पिछले 35 सालों से उठती आ रही है। अब ये मांग नहीं रुकेगी अब ये जनांदोलन बनेगी। क्योंकि अब हर उम्र, हर वर्ग, हर पार्टी, बिरादरी के लोग इससे जुड़ गए हैं। ये हमारा हक हम इसे लेकर रहेंगे। हमारे अधिकारों को हाशिए पर रखा गया
पूर्व राज्यमंत्री यूपी सरकार हरिशचंद भाटी ने कहा- यह नई मांग नहीं है, कई बार हो चुकी है। अंबेडकर जी ने संविधान में ये बात लिखी है कि सबके समान अधिकार हों लेकिन जो बड़े सूबे हैं उनमें हर प्रदेश में कोई न कोई भाग हाशिए पर रहता है। संविधान से आशय वहां के लोगों की सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, सरकारी सचिवालय में भागीदारी हो। मांग अब तक पूरी नहीं होने का कारण पार्टियां अपने समय के अनुसार फैसला लेती हैं। बसपा ने फैसला लिया, भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 6 स्टेट बने थे। ये हमारे अधिकारों को जो हाशिए पर रखा गया है। संवैधानिक संस्थाओं के अंदर हमें प्रदेश में अलग किया गया है। हम चाहते हैं हमारा हक हमें मिले। 27 जिलों में लगातार होंगे आयोजन
पश्चिमी प्रदेश मांग मोर्चा राजनैतिक दलों का संगठन नहीं उससे ऊपर है। इसमें हर पार्टी, हर दल और हर वर्ग के लोग शामिल हैं। सब चाहते हैं पश्चिमी यूपी अलग राज्य जल्दी बने। 27 जिलों में ज्ञापन दिया गया। इसे लेकर सेमिनार और यात्राएं की गई हैं। सारे सांसदों को ज्ञापन दिया है। सारे संगठन मिलकर काम कर रहे हैं। ये खबर भी पढ़ें… BJP से नाराज अपर्णा की योगी से मुलाकात:पति प्रतीक यादव भी साथ; क्या अब उपाध्यक्ष पद संभालेंगी? भाजपा से नाराजगी की खबरों के बीच अपर्णा यादव ने सोमवार देर शाम सीएम योगी से मुलाकात की। अपर्णा के साथ उनके पति प्रतीक यादव भी साथ थे। सूत्रों के मुताबिक, योगी ने उन्हें पार्टी का निर्णय स्वीकार करते हुए महिला आयोग की उपाध्यक्ष का जॉइन करने की सलाह दी। मुलायम की बहू अपर्णा यादव को भाजपा ने 3 सितंबर को महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया। हालांकि, इस पद से वह नाराज चल रही हैं। पढ़ें पूरी खबर

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