प्रयागराज में पिता ने अपनी दो मासूम बेटियों की हत्या के बाद उसी कमरे में खुद फांसी लगाकर जान दे दी। बड़ी बेटी पांच साल की, तो छोटी बेटी तीन साल की थी। जो पिता दोनों बेटियों से इतना प्यार-दुलार करता था, वही उन मासूमों का हत्यारा कैसे बन गया? ऐसा क्या हुआ कि दोनों को चाकू से गोद दिया और खुद जान दे दी। दैनिक भास्कर टीम इन सवालों के जवाब के लिए प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में स्थित रम्मन का पुरा गांव पहुंची। मौके पर दोनों मासूम बेटियों के साथ पिता मनीष की डेडबॉडी कमरे से बाहर निकाली जा रही थी, तो वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। आइए जानते हैं पूरा मामला… पहले देखिए बच्चियों की फोटो… आंतें बाहर आ गई थीं
मनीष किराए के जिस घर में रहता था, वह फर्स्ट फ्लोर पर है। ग्राउंड फ्लोर पर मकान मालिक रहते हैं। जब मनीष ने अपनी बेटियों को मारा तो वह दोनों सो रही थीं। वह किचन से चाकू लाकर बेटियों के पेट में घोंपा। दोनों की रोने की तेज आवाज भी आई, लेकिन वह उनके पेट में तब तक चाकू घाेंपता रहा, जब दोनों का रोना बंद नहीं हो गया। 5 साल की नैंसी और 3 साल की खुशबू को जिस दरिंदगी से मारा गया, वह नफरत की कहानी बयां करती है। खून से सनी लाशों को कमरे में देख आसपास के लोगों के साथ पुलिस अफसरों के कलेजे भी कांप गए। 30 साल के मनीष ने बच्चियों पर चाकू के इतने वार किए कि उनकी आंतें पेट से बाहर आकर, नीचे लटकने लगीं। पूरा कमरा खून से सना था। 7 साल पहले संगीता से की थी लव मैरिज
मनीष तीन भाइयों में सबसे छोटा था। करीब 7 साल पहले उसने संगीता के साथ लव मैरिज की थी। संगीता कानपुर की रहने वाली है। दरअसल, संगीता की बड़ी बहन रम्मन का पुरा में ही किराए पर रहती थी, वहीं पर संगीता और मनीष एक दूसरे से मिले थे और फिर कोर्ट मैरिज कर लिया। परिवार के लोग भी इससे खुश नहीं थे। उसे घर से निकाल दिया गया था। मनीष की मां गीता ने बताया कि बेटा सात साल से अलग रह रहा था। परिवार वाले, दूसरे किराएदार, मकान मालिक सभी ने इस बात को माना है कि पत्नी और इसके रहन सहन में काफी फर्क था। पत्नी हमेशा सजी-धजी, मेकअप में नजर आती थी। जबकि ये पेंटिंग का काम करने के साथ ही बिजली मिस्त्री भी था। जांच में जुटे एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की बात पर बताया- पूरा मामला अफेयर से जुड़ा है। मनीष अपनी पत्नी पर शक करता था। शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह हर समय पत्नी पर निगाह रखता था। इसी शक में उसने अपनी बेटियों की जान ले ली और खुद भी सुसाइड कर लिया। हालांकि आधिकारिक रूप से पुलिस ने सिर्फ पारिवारिक विवाद बताया है। आगे की जांच के बाद ही खुलासे की बात कही है। चचेरे भाई से बोला था- अभी आ रहा हूं घर
मनीष रविवार की सुबह करीब 11 बजे सुलेमसराय की तरफ जा रहा था। रास्ते में उसकी मुलाकात चचेरे भाई हिमांशु से हुई थी। हिमांशु को घर में पंखा लगवाना था तो उसने मनीष से घर आने को कहा था। मनीष ने कहा था- वह कुछ देर में आ रहा है, तब वह पंखा सेट कर देगा। लेकिन, कुछ देर बाद इस तरह की घटना हो गई। दरअसल, मनीष पेंटिंग का काम करता था। इसके अलावा उसे इलेक्ट्रॉनिक्स की भी जानकारी थी। आसपास के लोगों ने कहा- मनीष बहुत ही मिलनसार था, उसके सबसे अच्छे संबंध थे। मोबाइल ही बताएगा सब कुछ
पुलिस को मामले में सारी लीड मनीष के मोबाइल से ही मिलने की उम्मीद है। मनीष के मोबाइल को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। उसकी जांच, कॉल डिटेल, फोटो, वीडियो कई कहानी को सामने ला सकते हैं। पुलिस भी मान रही है कि कातिल पिता के मोबाइल में काफी कुछ मिल सकता है। इसके बाद पुलिस पत्नी से पूछताछ करेगी। मनीष मर चुका है, इसलिए पत्नी जो बताएगी, वही सच माना जाएगा। ऐसे में मोबाइल कई नए राज खोलेगा। पिता की मौत के बाद 17 दिन घर पर रहा मनीष
मां गीता देवी ने बताया- मेरे पति की मौत करीब 16 महीने हो गई। उस समय पिता की मौत पर बेटा मनीष घर आया था और करीब 17 दिन तक था। फिर किराए के घर में रहने चला गया। मनीष के दो भाई मां के साथ घर पर ही रहते हैं। मनीष के बड़े भाई आनंद कुमार प्रजापति ने बताया- मनीष मेरा छोटा भाई था। वह किराए के मकान में रहता था। मेरी उससे बहुत ज्यादा बात नहीं होती थी। किसी ने आकर मुझे इसकी जानकारी दी। मुझे यह जानकारी नहीं है कि उसने ऐसा क्यों किया? नौकरी की उम्मीद टूट गई तो खूब रोया
मनीष के पिता रोशन लाल गवर्नमेंट प्रेस में नौकरी करते थे। दिसंबर 2023 में ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक आश्रित कोर्ट में बेटे को नौकरी मिलनी थी। मनीष और उसकी पत्नी घर जाकर लड़े भी थे कि उसे नौकरी दिला दी जाए। ऐसा नहीं हुआ। घरवालों ने उन्हें भगा दिया। नौकरी मनीष से बड़े भाई अमित को मिल गई। पिता के पास तीन बड़े मकान हैं। अलग रहने की वजह से उसमें भी अब तक हिस्सा नहीं मिला था। मनीष तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटा था। सबसे बड़ा आनंद कुमार, फिर अमित कुमार, उसके बाद बहन रजनी और फिर मनीष था। पत्नी ने कहा- फोन पर पूछा कहां हो…
पुलिस की पूछताछ में पत्नी संगीता ने बताया- वह कपड़े खरीदने के लिए सुलेमसराय गई थी। इसी बीच पति का काॅल आया और उन्होंने पूछा कि कहां हो और कब तक आओगी? हमने जवाब दिया कि कुछ काम है। फिर आती हूं। इसके बाद जब वह कुछ देर बाद घर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला था, उसने किसी तरह कमरे के अंदर झांका तो उसके होश उड़ गए। दोनों मासूम बेटियां जमीन पर खून में सनी पड़ी थीं और पति फांसी पर लटके हुए थे। बेटियों का गला चाकू से रेतकर पिता फंदे से झूला:प्रयागराज में पत्नी को बाजार भेजा; लौटी तो लाशें देखकर बेहोश हुई प्रयागराज में रविवार को पिता ने 2 नाबालिग बेटियों की हत्या कर दी। इसके बाद खुद फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। एक बेटी की उम्र 5 साल तो दूसरी की 3 साल थी। वारदात के वक्त मां बाजार सामान लेने गई थी। पति ने उसे फोन कर लोकेशन ली। पूछा- कितनी देर में आ रही हो। फिर फोन काट दिया। इसके बाद अचानक घर पहुंचा। दोनों बेटियों का चाकू से गला रेतकर मार डाला। जब पत्नी घर पहुंची, तो जमीन पर खून फैला हुआ था। बेटियां खून से लथपथ जमीन पर पड़ी थीं, जबकि पति फंदे से लटका मिला। पढ़ें पूरी खबर

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