समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव के लिए अधिकतर सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं। उन्हें कह दिया गया है कि क्षेत्र में तैयारी करें। कार्यकर्ताओं को भी बता दिया गया है कि कौन-सी सीट से किसे टिकट मिल सकता है। हालांकि सार्वजनिक तौर पर नामों का ऐलान प्रदेश में चुनाव की तारीखें सामने आने के बाद किया जाएगा। ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवार उसी परिवार से तय किया गया है, जो पहले वहां चुनाव लड़ चुका है। पार्टी में चर्चा यह भी है कि जहां प्रत्याशी तय किए गए, वहां अंतिम समय में कुछ फेरबदल भी हाे सकता है। पढ़िए, सपा की ओर से किस सीट पर किसका नाम तय किया गया है? मिल्कीपुर: यह सीट फैजाबाद से चुनाव जीते अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई है। अब इस सीट से सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद का नाम प्रत्याशी के रूप में फाइनल किया है। करहल: मैनपुरी की करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद चुने जाने से खाली हुई है। सपा यहां से मैनपुरी के सांसद रह चुके तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाएगी। तेज प्रताप की सक्रियता करहल क्षेत्र में काफी बढ़ गई है। तेज प्रताप अगर करहल से जीत हासिल करने में कामयाब होते हैं, तो वह मुलायम परिवार के 8वें सदस्य होंगे जो मौजूदा समय में किसी न किसी सदन के सदस्य होंगे। लोकसभा में अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव, आदित्य यादव, राज्यसभा में राम गोपाल यादव और यूपी विधानसभा में शिवपाल यादव पहले से सदस्य हैं। कटहरी: अंबेडकर नगर की कटहरी सीट लालजी वर्मा के सांसद चुने जाने से खाली हुई। यहां से लालजी वर्मा की पत्नी सुभावती वर्मा प्रत्याशी होंगी। वह ब्लॉक प्रमुख रह चुकी हैं। हालांकि इस सीट से कई और दावेदार थे, जिनकी दावेदारी को फिलहाल खारिज कर दिया गया है। सीसामऊ: सीसामऊ से विधायक रहे इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा होने के कारण यह सीट खाली हुई। यहां से सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया जाएगा। सिर्फ घोषणा भर बाकी है। मझवां: मिर्जापुर जिले की इस सीट पर भदोही के पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाएगी। रमेश बिंद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ सपा में आ गए थे। सपा ने उन्हें मिर्जापुर से टिकट दिया था। रमेश बिंद मिर्जापुर सीट से हार गए थे। कुंदरकी: इस सीट से सपा पूर्व विधायक हाजी रिजवान पर दांव लगाने जा रही है। हाजी रिजवान 2012 और 2017 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं। 2022 के चुनाव में सपा ने यहां से शफीकुर्रहमान बर्क के पौत्र को टिकट दिया था। जियाउर्रहमान वर्क यहां से पहले विधायक चुने गए। शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हुआ, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके पौत्र को टिकट दे दिया। उनके सांसद चुने जाने के बाद कुंदरकी सीट खाली हुई। दो सीटों पर तय नहीं हो पाए हैं नाम
सूत्रों का कहना है, मीरापुर और फूलपुर सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम तय नहीं हो सके हैं। जल्द ही इन दोनों सीटों पर भी अखिलेश यादव फैसला ले लेंगे। बाकी दो सीटें गाजियाबाद और खैर पर कांग्रेस को गठबंधन में दे सकती है। इसलिए इस पर अभी नाम तय नहीं किया है। कांग्रेस और सपा के बीच मीरापुर सीट को लेकर पेंच फंसा है। कांग्रेस इस सीट पर अपनी दावेदारी कर रही, सपा यहां से किसी मुस्लिम कैंडिडेट को लड़ाने के पक्ष में है। सपा ने 2022 में यह सीट RLD के साथ गठबंधन कर जीती थी। इसलिए भी यह सीट चाहती है। सपा उसे गाजियाबाद और खैर सीट देना चाहती है। कांग्रेस का मानना है, ये दोनों सीटें लंबे समय से भाजपा के पास हैं। यहां उसे उपचुनाव में हरा पाना आसान नहीं होगा। ऐसे में कम से कम एक सीट ऐसी हो, जहां वह मजबूती से चुनाव लड़ सके और 2027 में होने वाले चुनाव के लिए एक संदेश दे सके। कांग्रेस के साथ गठबंधन की उम्मीद बरकरार
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की उम्मीद बरकरार है। कौन पार्टी कितनी सीट और किन-किन सीट पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सपा से 5 सीट लेने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, सपा कांग्रेस को दो सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है। ऐसे में दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व की आपस में बातचीत के बाद ही यह तय हो सकेगा कि किसे कितनी सीट मिलेगी? अखिलेश यादव अलग-अलग मौकों पर कह चुके हैं कि यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में इंडी गठबंधन चुनाव लड़ेगा। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई ने दैनिक भास्कर से कहा कि समाजवादी पार्टी उपचुनाव ही नहीं, आम चुनाव की भी तैयारी कर रही है। किस सीट से कौन प्रत्याशी होगा, यह राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तय करेंगे। उनका जो भी निर्णय होगा, उसे सबको मानना होगा। दूसरे राज्यों का नहीं पड़ेगा असर
सपा हरियाणा और महाराष्ट्र में सीट चाहती थी। लेकिन कांग्रेस से इसे लेकर समझौता नहीं हो सका। सपा ने कश्मीर में 20 प्रत्याशी भी उतारे। सपा के करीबियों का कहना है कि इसका असर यूपी के उपचुनावों पर नहीं पड़ेगा। सपा खुले मन से यहां समझौता करना चाहती है। कश्मीर में सपा ने अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रत्याशी उतारे हैं। हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा की सीधी लड़ाई है, इसलिए वहां भी सपा ने सीट न मिलने पर न तो कोई खास ऐतराज जताया और न ही इसे लेकर सार्वजनिक नाराजगी जताई। ये खबर भी पढ़ें… अयोध्या गैंगरेप केस में DNA मैच, क्या सपा नेता बचेगा? मोईद के नौकर राजू का सैंपल मैच, अब पीड़िता का केस कितना मजबूत? अयोध्या में 12 साल की लड़की से गैंगरेप मामले में सपा नेता मोईद खान और उसके नौकर राजू पर केस चल रहा है। 21 सितंबर को कोर्ट ने फोरेंसिक लैब के डायरेक्टर को एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। 30 सितंबर को कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट पेश की गई। पढ़िए पूरी खबर…

By

Subscribe for notification