तरफ दलपतपुर…। यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर बसा वह गांव है, जहां शुक्रवार सुबह मुरादाबाद पुलिस को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस गांव से महज 600 कदम चलने पर उत्तराखंड की सीमा शुरू हो जाती है। सिर्फ दलपतपुर गांव ही नहीं, इसके आसपास बॉर्डर के दोनों साइड का एरिया अवैध खनन और खनन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए दशकों से बदनाम है। अवैध खनन को लेकर ही करीब 2 साल पहले इसी एरिया में यूपी पुलिस की फायरिंग में उत्तराखंड के भाजपा नेता गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरमीत कौर की मौत हो गई थी। इसके बाद न सिर्फ बड़ा बवाल हुआ, बल्कि ये घटना दोनों स्टेट की टॉप ब्यूरोक्रेसी में टकराव की वजह भी बनी थी। इस घटना के बाद सीएम योगी की सख्ती पर यहां अवैध खनन पर कड़ा एक्शन हुआ। ये सख्ती अभी तक जारी है। तो अब ऐसा क्या हो गया कि गांव वाले पुलिसवालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने पर आमादा हो गए? ट्रैक्टर के पहिए के नीचे दबे मिले लोकेश उर्फ मोनू की मौत का सच आखिर क्या है? इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। मामले में अभी तक 2 पुलिस कर्मियों को नामजद करते हुए 4 के खिलाफ मर्डर की FIR हो चुकी है। मुरादाबाद के पुलिस कप्तान सतपाल अंतिल ने सख्त लहजे में कहा- ऐसी घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। आधी रात SSP ने ठाकुरद्वारा थाने के SHO सुदेशपाल सिंह समेत 7 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। ठाकुरद्वारा सर्किल के CO राजेश सिंह को भी देर रात हटा दिया गया है। सबसे पहले मरने वाले लोकेश उर्फ मोनू के बारे में जानते हैं… ट्रैक्टर-ट्राली से छोटा-मोटा खनन करता था मोनू
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा से करीब 5 किमी दूर जसपुर रोड पर दलपतपुर गांव है। यहां रहने वाले लोकेश सैनी उर्फ मोनू (25) का परिवार पेशे से किसान है। मोनू के पास अपनी ट्रैक्टर ट्राली थी, जिसे वो ठाकुरद्वारा और आसपास के गांवों के लोगों के सामान ढोने के लिए किराए पर भी चलाता था। इसके अलावा कभी-कभार खनन भी करता था। खेतों से मिट्टी उठाकर वो ठाकुरद्वारा या आसपास के गांवों में निर्माणाधीन प्लाट में डालता था। लेकिन, गुरुवार रात वो घर से लकड़ी ढोने के लिए निकला था। जब ये घटना हुई, उस समय मोनू की ट्राली एकदम खाली थी। CCTV में पीछा करती दिखी पुलिस की गाड़ी
गांव के बाहर लगे CCTV में मोनू की ट्रैक्टर ट्राली कैद हुई। गुरुवार/शुक्रवार की रात 3:03 बजे की रिकॉर्डिंग में पुलिस की सफेद रंग की गाड़ी मोनू के ट्रैक्टर-ट्राली का पीछा करती नजर आ रही है। फुटेज में मोनू की ट्राली खाली नजर आ रही है। इससे साफ हाे गया है कि जिस वक्त पुलिस टीम पीछा कर रही थी, उस समय मोनू खनन करके नहीं ले जा रहा था। गांव वालों ने ये फुटेज पुलिस को सौंपी है। इस फुटेज से इतना साफ हाे गया है कि शुक्रवार सुबह 6 बजे अपने गांव के बाहर खेत पर ट्रैक्टर के पहिए के नीचे दबे मिले मोनू की मौत से पुलिस का कोई न कोई कनेक्शन जरूर है। कुछ देर बाद पुलिस की गाड़ी वापस जाते समय भी CCTV में कैद हुई है। सिपाही अनीस के 500 रुपए के लालच ने ली मोनू की जान
लोकेश उर्फ मोनू के ताऊ मनसुख सैनी ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरा भतीजा मोनू खेतों से मिट्टी उठाकर लोगों के प्लाट में डाल देता था। इसके बदले उसे कुछ पैसे मिल जाते थे। ठाकुरद्वारा थाने का सिपाही अनीस और कुछ अन्य पुलिस वाले मोनू से प्रति ट्राली 500 रुपए लेते थे। उनकी डिमांड बढ़ती जा रही थी और वो उससे 2000 रुपए रोजाना तक की डिमांड करने लगे थे। शुक्रवार रात भी सिपाही अनीस ने उसे रोककर 500 रुपए मांगे थे। मोनू ने पैसे नहीं दिए, क्योंकि वो कल रात मिट्टी लेकर नहीं जा रहा था। उसकी ट्राली खाली थी। वो तो खेत से लकड़ी भरकर घर डालकर गया था। शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे जब मोनू घर लौट रहा था, तो उसे ठाकुरद्वारा पुलिस की गाड़ी मिली। जिसमें सिपाही अनीस और उसके साथी थे। मोनू ने ट्रैक्टर नहीं रोका तो सिपाही अनीस ने ट्रैक्टर के पीछे गाड़ी दौड़ा दी। गन्ने के खेत में बेरहमी से पीटा, मरने के बाद ट्रैक्टर के पहिए के नीचे डाला
घटनास्थल से करीब 200 मीटर पहले गन्ने के खेत में टूटी फसल दिखाते हुए मनसुख कहते हैं- पुलिस के पीछा करने पर मोनू गांव के बाहर कच्ची चकरोड पर ट्रैक्टर को दौड़ाकर ले गया था। उसे लगा हाेगा कि कच्ची चक रोड पर पुलिस की गाड़ी उसके पीछे नहीं आएगी। लेकिन, पुलिस वाले पीछे गाड़ी दौड़ाते रहे। गन्ने की फसल आने पर उसने ट्रैक्टर का एक पहिया नीचे बरहे (पानी की नाली) में डाला तो ट्रैक्टर की स्पीड कम हो गई। इतने में दौड़कर पहुंचे पुलिस वालों ने उसे पकड़ लिया। पुलिस से बचने के लिए मोनू शायद गन्ने के खेत में भागा होगा। तभी पुलिस वालों ने उसे यहीं दबोच लिया और बेरहमी से पीटा। मनसुख कहते हैं- यहीं गन्ने के खेत में हमें मोनू के चप्पल भी पड़े मिले। अगर मोनू की मौत एक्सीडेंट होती और ट्रैक्टर के पहिए के नीचे दबकर वो मरा होता तो उसके चप्पल घटनास्थल से 200 मीटर दूर गन्ने के खेत में कैसे आते। मनसुख बोले- मोनू को गन्ने के खेत में मारने के बाद पुलिस वालों ने ही उसकी लाश को ट्रैक्टर के पहिए के नीचे डाला, ताकि घटना को हादसे की शक्ल दी जा सके। प्राइवेट पार्ट पर भी चोटों के निशान
मोनू के शरीर पर चोटों के निशान थे। उसके टेस्टिकल पर भी सूजन थी। मोनू के ताऊ सोमनाथ सिंह का कहना है कि पुलिस वालों ने उनके भतीजे मोनू के प्राइवेट पार्ट पर जूते से वार किया, जिससे उसके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट लगी। उनका कहना है कि शायद इसी वजह से मोनू की मौत भी हुई हो। सिपाही कर रहे थे वसूली, CO-SHO बेखबर थे या शामिल
ठाकुरद्वारा थाने के सिपाहियों ने एक ट्रैक्टर वाले से 500 रुपए की वसूली करने के लिए सरकारी जीप को 15 किमी तक दौड़ाया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या थाने का इंस्पेक्टर और सर्किल सीओ इससे अनजान थे। ऐसा भी नहीं है कि ये वसूली की कहानी सिर्फ शुक्रवार रात तक ही सिमटी है। गांव वालों ने खुद माना है कि मोनू ही आसपास के गांवों के और भी युवक इसी तरह ट्रैक्टर ट्राली से खेतों से मिट्टी ले जाते हैं और प्रति ट्राली ठाकुरद्वारा पुलिस का रेट 500 रुपए फिक्स था। सवाल ये भी उठता है कि क्या वसूली की ये रकम सिर्फ सिपाहियों की जेब तक ही रह जाती थी। क्या इंस्पेक्टर और सीओ को विश्वास में लिए बगैर सिर्फ सिपाही ही अपने दम पर वसूली कर सकते हैं। अगर ये बात सच भी है तो भी एसएचओ और सीओ के सुपरविजन की क्षमता को सवालों के घेरे में खड़ा करती है। हंगामा की 2 तस्वीर SSP बोले-ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं, SHO समेत 7 सस्पेंड, सीओ को हटाया
एसएसपी सतपाल अंतिल ने दैनिक भास्कर से कहा- ठाकुरद्वारा के गांव में हुई घटना दुखद है। इस घटना में जिन पुलिस कर्मियों पर आरोप लगे थे, उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साक्ष्य संकलन के बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी। मामले में पुलिस पूरी तरह निष्पक्ष होकर कठोरता से कार्रवाई करेगी। मैं इस तरह की वसूली की घटनाओं को हरगिज बर्दाश्त नहीं करूंगा। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति का कोई साहस न कर सके, इसके लिए इस प्रकरण में कठोर कार्रवाई की जाएगी। मैंने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मामले में 7 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। इनमें ठाकुरद्वारा SHO सुदेश पाल सिंह, एसआई आकाश परमार, ऋषभ शर्मा, हेड कांस्टेबल नरेश लाटियान, अनीस और कांस्टेबल अजीत सिंह और रविंद्र कुमार शामिल हैं। इसके अलावा ठाकुरद्वारा सर्किल के सीओ राजेश सिंह को भी हटा दिया गया है। पोस्टमार्टम् रिपोर्ट: जांघ की हड्‌डी टूटी, सिर में भी चोट एसएसपी सतपाल अंतिल की सिफारिश के बाद डीएम अनुज सिंह ने 3 डॉक्टरों के पैनल को लोकेश सैनी उर्फ मोनू का पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिए। डीएम के आदेश पर पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। डॉ. कुलजीत सिंह, डॉ.आनंद कुमार और डॉ. देवेश ने वीडियोग्राफी के बीच मोनू के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मोनू की जांच की हड्‌डी टूटी हुई मिली है। उसके सिर में भी गंभीर चोट थी। उसके सिर में काफी खून जमा हो चुका था, जो बहकर सूख चुका था। हालांकि ये चोटें एक्सीडेंटल बताई जा रही हैं।
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