सुल्तानपुर में ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े डकैती डालने वाला एनकाउंटर में ढेर हो गया। 1 लाख का इनामी बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग रहा था। STF ने उसे घेरा तो वह फायरिंग करने लगा, पुलिस ने जवाबी फायरिंग में उसे गोली मार दी। पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बदमाश की पहचान मंगेश यादव के रूप में हुई है। वह जौनपुर जिले के अंगरौरा का रहने वाला था। उसके खिलाफ चोरी-लूट के 7 मुकदमे दर्ज हैं। लखनऊ जोन के ADG एसबी शिरडकर ने बुधवार रात को ही मंगेश पर 1 लाख का इनाम घोषित किया था। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को फेक बताते हुए जाति देखकर जान लेने का आरोप लगाया है। 28 अगस्त को कोतवाली नगर के चौक ठठेरी बाजार में सर्राफा कारोबारी भरत जी सोनी की शॉप में डेढ़ करोड़ की डकैती हुई थी। 10 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था। सोमवार को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि 3 दिन पहले एक आरोपी विकास ने रायबरेली में सरेंडर कर दिया था। 5 आरोपी अभी भी फरार हैं। एनकाउंटर स्पॉट की 3 तस्वीरें… जौनपुर भागने की फिराक में था
STF के डिप्टी एसपी DK शाही ने बताया- मंगेश यादव और उसका साथी सुल्तानपुर से जौनपुर भागने की फिराक में थे। इनपुट के आधार पर टीम ने हनुमानगंज बाईपास पर उन्हें घेरा। सुबह 5 बजे दोनों बदमाश बाइक से जा रहे थे। हमने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने टीम पर फायर कर दिया। टीम ने खुद को बचाने के लिए जवाबी फायरिंग की, जिसमें मंगेश यादव घायल हो गया। जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। STF ने मंगेश के पास से 32 बोर की पिस्टल, 315 बोर का तमंचा, बाइक और लूटे गए जेवर बरामद किए हैं। 28 अगस्त को हुई डकैती की 4 तस्वीरें… अब लूट की घटना… सुल्तानपुर कोतवाली से 500 मीटर की दूरी पर चौक क्षेत्र का मेजरगंज एरिया है। यह इलाका सोनार मंडी के नाम से जाना जाता है। इसी इलाके में भरतजी सर्राफ की दुकान है। यह शहर की प्रतिष्ठित और बड़ी ज्वेलरी शॉप है। बुधवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे भरत सोनी अपने बेटे के साथ आए और शॉप खोली। इसी बीच 2 कस्टमर आ गए। बेटा उनको जेवर दिखाने लगा। ज्वेलरी शॉप में लगे CCTV में दिख रहा है कि दोपहर करीब 12 बजे शॉप में भरत सोनी, उनका बेटा और 2 कस्टमर बैठे हैं। तभी मुंह पर गमछा बांधे एक बदमाश अंदर आया। अंदर पहुंचते ही उसने भरत सोनी पर हथियार तान दिया। जब तक भरत सोनी कुछ समझ पाते, पीछे से दौड़ता हुआ एक और बदमाश आ गया। वह काले रंग का बैग लिए था। इसके बाद एक-एक कर 3 बदमाश और अंदर आए। इस तरह पलक झपकते ही बदमाशों ने दुकान को कब्जे में ले लिया। इसके बाद 3 बदमाश तेजी से सामान समेटने लगे, जबकि 2 असलहा लिए दुकान में मौजूद लोगों को कवर किए रहे। पांचों बदमाशों के हाथ में असलहे थे। मालिक भरत सोनी ने विरोध करने की कोशिश की, तो उनकी कनपटी पर पिस्टल सटा दी। इस दौरान दोनों कस्टमर हाथ जोड़े बैठे रहे। बदमाशों ने 4 मिनट में पूरी शॉप खाली कर दी
CCTV में दिख रहा है, बदमाशों ने बमुश्किल से 4 मिनट में पूरी वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने इतनी तेजी से पूरी दुकान में लूट-पाट की, जैसे उनको यह पता था कि कहां पर क्या रखा हुआ है? उन्होंने दुकान मालिक के पीछे रखी तिजोरी से सबसे पहले सामान उठाना शुरू किया। फिर एक-एक दराज खोलकर ज्वेलरी बैग में भरी। डकैती की खबर मिलते ही अन्य सर्राफा कारोबारी भी भरत सोनी की शॉप पर पहुंच गए। डकैती डालने के लिए बदमाशों ने तीन ग्रुप बनाए… पहला- इसमें पुष्पेंद्र, त्रिभुवन और सचिन थे। सचिन ने पुष्पेंद्र के सहयोग से त्रिभुवन की बोलेरो का इंतजाम किया। डकैती के बाद बदमाश जेवरात लेकर बोलेरो से रायबरेली भागे थे। दूसरा- इसमें विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अजय यादव, अरविंद्र यादव, विवेक सिंह, दुर्गेश सिंह शामिल थे। ये लोग ज्वेलरी शॉप के बाहर खड़े थे और अन्य अपराधियों को बैकअप दे रहे थे। तीसरा- इसमें फुरकान, अनुज प्रताप, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव शामिल थे। इन लोगों ने शॉप में घुसकर डकैती डाली थी। अखिलेश बोले- नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं एनकाउंटर के बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। जिसमें लिखा- लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गई। जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए, क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है और उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है।
ये खबर भी पढ़ें.. ज्वेलर्स की दुकान लूटने वालों का एनकाउंटर:3 बदमाशों के पैर में मारी गोली, सुल्तानपुर में 4 मिनट में डेढ़ करोड़ की लूट की थी सुल्तानपुर में सोमवार देर रात पुलिस ने आभूषण कारोबारी से डेढ़ करोड़ लूट के 3 आरोपियों को एनकाउंटर के बाद पकड़ा। तीनों बदमाशों के पैर में गोली मारी। उनकी पहचान सचिन सिंह, पुष्पेंद्र और त्रिभुवन के रूप में हुई है। तीनों अमेठी के रहने वाले हैं। बदमाशों की गोली से SOG के सिपाही शैलेश राजभर भी घायल हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर