‘आज स्कूल में हिंदी का पेपर था, हम लोग जल्दी पहुंच गए। रोल नंबर की लिस्ट इस बार ऊपर लगी थी। लोहे की सीढ़ी से हम लोग ऊपर पहुंचे। वहां एक साथ 50 बच्चे पहुंच गए। अचानक छज्जा भर-भराकर टूट गया। नीचे 5वीं और 6वीं के बच्चे थे, सब उन्हीं के ऊपर गिर पड़े। मेरा सिर एक पत्थर से टकराया और फिर मुझे हॉस्पिटल में होश आया।’ यह बात बाराबंकी के अवध एकेडमी स्कूल में छज्जा गिरने से घायल हुए हर्षित वर्मा ने बताई। हर्षित का सिर फट गया। दाहिना हाथ टूटा और पैर में भी गंभीर चोट आई है। हर्षित की तरह करीब 15 बच्चे हाथ-पैर-सिर की गंभीर चोट के साथ बाराबंकी के जिला हॉस्पिटल में भर्ती हैं। दैनिक भास्कर की टीम घटना के बाद लखनऊ से करीब 35 किमी दूर उस स्कूल पहुंची, जहां हादसा हुआ। उसके बाद पीड़ितों से मिलने हॉस्पिटल पहुंची। स्कूल की मौजूदा और पूर्व टीचर से बात की। हादसे की वजह जानी। सिलसिलेवार पढ़िए… भास्कर टीम जब पहुंची, तब तक स्कूल को सील कर दिया गया था। गेट पर सरकारी सील लगी थी। हम घूमकर पिछले हिस्से से स्कूल के अंदर पहुंचे। छज्जे का टूटा हुआ हिस्सा जमीन पर पड़ा था। उसी के बीच बच्चों के टिफिन और उससे छिटक कर रोटी-सब्जी जमीन पर पड़ी थी। खून के छींटें जगह-जगह दिखाई दे रहे थे। बच्चों के जूते-चप्पल वहीं पड़े थे। साल 2000 में बाराबंकी के अवधेश वर्मा ने इस स्कूल को शुरू किया था। तब बिल्डिंग मौजूदा स्कूल की बिल्डिंग से 400 मीटर दूर थी। 8वीं तक स्कूल था। आमदनी बढ़ने पर अवधेश ने वहां से हटकर यहां पर 5 कमरे बनवाए और 2007 में स्कूल यहां शिफ्ट हो गया। उस वक्त करीब 150 बच्चे थे। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ी और स्कूल में कमरे भी बढ़ते चले गए। मान्यता 8वीं तक की ही रही, लेकिन क्लास 12वीं तक की चलने लगीं। सदरुद्दीनपुर के पायनियर चिल्ड्रन एकेडमी इंटर कॉलेज से 9वीं से 12वीं तक के बच्चों का सर्टिफिकेट आता था। 2018-19 में इस स्कूल के दूसरे फ्लोर का निर्माण हुआ। उस वक्त तक पहले फ्लोर पर ही लेंटर नहीं पड़ा था। लेंटर पड़ा और फिर छज्जा बना। लेंटर भी ईंट का डाला गया। पतली-पतली सरिया एक-एक फीट की दूरी पर लगाई गईं। दूसरे फ्लोर को सीमेंट की सीढ़ियों की जगह लोहे की सीढ़ियों से जोड़ दिया गया। हाईस्कूल-इंटर की परीक्षा ऊपर करवाई गई
शुक्रवार को सुबह 8 बजे से स्कूल में परीक्षा होनी थी। 9वीं से 12वीं तक के बच्चों का परीक्षा हाल ऊपर बनाया गया। रोल नंबर से बैठने की लिस्ट भी ऊपर ही दरवाजे पर लगाई गई। आमतौर पर पहले यह लिस्ट नीचे लगाई जाती थी। करीब साढ़े 7 बजे तक बहुत सारे बच्चे आ गए। रोल नंबर लिस्ट ऊपर लगी होने की सूचना पर एक साथ ऊपर पहुंच गए। ढाई फीट चौड़े और 20 फीट लंबे छज्जे पर एक साथ करीब 40 बच्चे खड़े हो गए। छज्जा कमजोर था और वह भरभराकर गिर पड़ा। छज्जा गिरते ही चीख-पुकार मच गई। स्कूल का पूरा स्टाफ घटनास्थल की तरफ भागा। नीचे 5वीं-6वीं के बच्चे दब गए। किसी का सिर फूटा, तो किसी का पैर टूट गया। आसपास के लोग स्कूल की तरफ भागे। एंबुलेंस को फोन किया गया। एंबुलेंस पहुंचने से पहले ही कुछ लोग बाइक से, तो कुछ स्कूल की वैन से बच्चों को नजदीकी CHC लेकर भागे। लोगों का कहना है कि भीड़ बढ़ने पर डर कर स्टाफ भाग निकला। हम स्कूल के बाद बाराबंकी के जिला हॉस्पिटल पहुंचे। वहां घटना में घायल हुई 11वीं की शिवानी कहती हैं- मैं 10 मिनट पहले स्कूल गई थी। ऊपर लिस्ट लगी थी, तो सब वहीं पहुंच गए। कमरे का दरवाजा भी नहीं खुला था, इसलिए भीड़ ज्यादा हो गई। जब छज्जा गिरा, तो सब नीचे आ गए। मैं भी नीचे गिरी तो मेरे पेट और पैर में चोट आई। चोटिल सबसे ज्यादा वो बच्चे हुए, जो छज्जे के नीचे आ गए थे। सिर टूटा, हाथ टूटा और पैर में गंभीर चोट आई
जिला हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती हर्षित वर्मा की स्थिति खराब है। वह बहुत नहीं बोल पा रहे। सिर हिलाकर ही जवाब दे रहे। हर्षित धीरे से बताते हैं- मैं 10वीं में पढ़ता हूं। रोल नंबर देखने ऊपर गया था। जब नीचे गिरा, तो हाथ नीचे आया और सिर एक पत्थर से टकरा गया। पैर पर ही कुछ लड़के गिर गए। उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं। इस घटना में स्कूल टीचर प्राची वर्मा भी घायल हुईं, लेकिन खुलकर कुछ भी बता नहीं रहीं। कहती हैं- मैंने कुछ दिन पहले ही स्कूल जॉइन किया था। बच्चों को एडमिट कार्ड देने जा रही थी, तभी घटना हो गई। मेरी तबीयत पहले से खराब थी, इसलिए बेहोश हो गई। प्राची इसके आगे कुछ नहीं बोलती। हालांकि उनके पैर में भी चोट लगी है। स्कूल के ही पूर्व टीचर सुरेश वर्मा कहते हैं- मैं 2010-11 में यहां पढ़ाता था। स्कूल की मान्यता सिर्फ 8वीं तक है। कॉलेज के प्रिंसिपल और प्रबंधक अवधेश वर्मा मान्यता के लिए बिल्डिंग वगैरह बनवा रहे थे। ऑफ कैमरा वह स्वीकार करते हैं कि स्कूल की बिल्डिंग की हालत ठीक नहीं है। जो छज्जा गिरा, वहां बरसात का पानी भी रुक जाता था। स्कूल का पूरा स्टाफ फरार
इस स्कूल में 400 से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं। करीब 30 टीचर्स का स्टाफ है। जिस वक्त घटना हुई थी, स्कूल में 15 से ज्यादा स्टाफ मौजूद था। लेकिन जैसे ही घटना हुई और घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया, सारा स्टाफ भाग गया। प्रिंसिपल अवधेश वर्मा जिला हॉस्पिटल गए, लेकिन जैसे ही वहां अभिभावकों की भीड़ बढ़ी वहां से निकल गए। हमने कई टीचर्स को फोन लगाया, लेकिन सबने ही अपना फोन ऑफ कर लिया है। स्कूल ज्यादातर मानक पर फिट नहीं
अवध एकेडमी स्कूल ज्यादातर मानकों को पूरा करता नहीं दिखता। नियम है, विद्यालय हर दो साल में अग्निशमन के उपायों और भवन के जर्जर न होने के बारे में सक्षम अधिकारी के प्रमाण पत्र को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवाएगा। लेकिन, इस स्कूल ने किसी भी तरह के प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध करवाए। अग्निशमन की भी कोई व्यवस्था यहां नहीं दिखती। स्कूल में जो बीम बनाई गई, वह सभी ईंटों की ही है, जबकि उसे RCC की होनी चाहिए थी। भवन तैयार करने में जो सरिया इस्तेमाल किया गया है, वह 12 MM का है। एक सरिया से दूसरी सरिया के बीच 1 फीट की दूरी रखी गई। स्कूल में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। ऊपर के कमरों में पक्की छत नहीं, बल्कि टीन लगाई गई है। एक ही कमरे के बीच लोहे की चादर लगाकर दो क्लास बनाए गए हैं। हमने इस स्कूल को मान्यता कैसे मिली, सवाल को लेकर जिले के DIOS ओपी त्रिपाठी और CDO एकता सिंह से संपर्क करने की कोशिश की। दोनों का ही नंबर नॉट-रीचबल आया। डीएम बोले- बच्चों का ट्रामा सेंटर में चल रहा इलाज
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया- जहांगीराबाद में स्थित अवध एकेडमी स्कूल में छज्जा गिरने के मामले का मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। स्कूल भवन को सील कराकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। घायल बच्चों का इलाज जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में चल रहा है। 15 बच्चे घायल हैं। कुछ का पैर टूट गया है। कुछ को अन्य जगह गंभीर चोट आई है। मामूली घायलों का इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया है। ये खबर भी पढ़िए… बाराबंकी में स्कूल का छज्जा गिरा, 40 बच्चे घायल:15 ट्रामा सेंटर में भर्ती, प्रेयर के समय हादसा, 15 फीट नीचे गिरे; स्कूल सील बाराबंकी में शुक्रवार सुबह अवध एकेडमी स्कूल का छज्जा गिर गया। 40 बच्चे मलबे के साथ 15 फीट नीचे जमीन पर गिर गए। हादसे में सभी घायल हो गए। 15 का जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा। हादसे के बाद स्कूल को सील कर दिया गया। मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए।पूरी खबर पढ़ें…