बरौनी से नई दिल्ली जा रही 02563 हमसफर एक्सप्रेस में किशोरी से छेड़खानी करने वाले रेल कर्मी को यात्रियों ने पीट-पीटकर मार डाला। लखनऊ से कानपुर तक उसे पीटते हुए लाए और कानपुर सेंट्रल पर जीआरपी के हवाले कर दिया। हालत गंभीर देखकर जीआरपी उसे केपीएम हॉस्पिटल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने रेल कर्मी को मृत घोषित कर दिया। जीआरपी ने रेलकर्मी के खिलाफ छेड़खानी की FIR दर्ज की और मामले को लखनऊ ट्रांसफर कर दिया। बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला ग्रुप डी रेल कर्मचारी प्रशांत कुमार (34) बुधवार को सीवान से नई दिल्ली जाने को 02563 बरौनी-नई दिल्ली हमसफर स्पेशल में सवार हुआ था। एम वन कोच (एसी थर्ड इकोनॉमिक) में वह सफर कर रहा था। इसी कोच में एक परिवार भी अपनी 11 साल की बच्ची के साथ यात्रा कर रहा था। इस दौरान प्रशांत ने बच्ची को अपनी सीट पर बैठा लिया। आरोप है जब रात में बच्ची की मां टॉयलेट गई तो मौका पाकर उसने किशोरी से छेड़खानी को तो वह रोने लगी। तभी आरोपी ने उसे डराया तो वह सहम गई। मां के टॉयलेट से लौटते ही किशोरी रोते हुए उनसे लिपट गई। मां ने पूछा क्या हुआ। वह कुछ बता नहीं रही थी। लेकिन मां ने जब उसे टॉयलेट की तरफ ले जाकर पूछा तो बच्ची ने पूरी बात बता दी। इसके बाद बच्ची की मां ने अपने पति, ससुर को भी घटना बताने के साथ ही कोच के यात्रियों को भी बताई। यह ट्रेन तब तक लखनऊ के ऐशबाग आ चुकी थी। इसके बाद कोच की आक्रोशित भीड़ ने प्रशांत को थप्पड़ मारते हुए गैलरी में खींच लिया। बच्ची से छेड़खानी की बात और उसकी मां व बच्ची को रोते हुए देखकर यात्री इतना बौखला गए कि प्रशांत को लात-घूसों से गैलरी में गिरा-गिरा कर पीटा। इतना ही नहीं लखनऊ से कानपुर तक ट्रेन में पीटते हुए लाए। GRP ने एफआईआर दर्ज कर जांच लखनऊ की ट्रांसफर
परिजनों ने कंट्रोल को सूचना दी। ट्रेन गुरुवार की सुबह 4:35 बजे जैसे ही कानपुर सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर-7 पर आई तो जीआरपी ने प्रशांत को हिरासत में लेकर थाने ले आई। पीछे से किशोरी की मां और परिजन थाने पहुंच गए। इस दौरान आरोपी प्रशांत की तबीयत बिगड़ने पर केपीएम भेजा, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी प्रभारी ओमनारायण सिंह ने बताया कि महिला ने अपनी 11 साल की बेटी के साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत दर्ज कराई है। मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ पाक्सो एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज करके घटनास्थल लखनऊ के ऐशबाग को ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं जीआरपी की सूचना पर प्रशांत के चाचा आर सिंह गुरुवार सुबह कानपुर पहुंचे। इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई पूरी करके पोस्टमार्टम कराया गया है। पैदल चलकर थाने गया, अरेस्ट करते ही तबीयत बिगड़ी और मौत
किशोरी से छेड़खानी के आरोपी प्रशांत कुमार को GRP ने ट्रेन आने के 5 मिनट बाद ही उतारा। प्रशांत कुमार प्लेटफार्म नंबर सात से जीआरपी थाने पैदल चलकर पहुंचे थे। जीआरपी इंस्पेक्टर ओएन सिंह ने पूछताछ की, तभी किशोरी की मां ने तहरीर दी। लिखा-पढ़ी और पूछताछ के बाद जैसे ही प्रशांत कुमार को गिरफ्तारी की बात पता चली तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। पुलिस थाने से दोपहर 12 बजे एंबुलेंस से केपीएम अस्पताल ले गई। गुरुवार दोपहर 2:05 बजे डॉक्टर सरोजनी सिंह ने मेडिकल किया। शरीर ठंडा पड़ा था तो ईसीजी किया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे दिन में 3.10 बजे मृत घोषित कर दिया। शव को मोर्चरी में रखवा दिया और एसीपी कलक्टरगंज को सूचना दी। उधर जीआरपी ने मृतक प्रशांत कुमार के घरवालों को सूचना दी। जनरल टिकट पर एसी में कर रहा था सफर
जीआरपी की पड़ताल में पता चला है कि छेड़खानी का आरोपी प्रशांत कुमार जनरल टिकट पर क्लोन एक्सप्रेस के एम-1 कोच में सफर कर रहा था। किशोरी के परिजनों ने बताया कि वह टीटीई की दी हुई सीट नंबर 11 पर सफर कर रहा था। मृतक आश्रित से ग्रुप डी में मिली थी नौकरी
जीआरपी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किशोरी से छेड़खानी का आरोपी प्रशांत कुमार को अपने पिता एस कुमार की सेवाकाल में मौत होने पर मृतक आश्रित के रूप में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिली थी। वह मूलरूप से समस्तीपुर बिहार का रहने वाला था। निजी काम से सीवान बिहार से नई दिल्ली के लिए मंगलवार को क्लोन एक्सप्रेस में सवार हुआ था।