उन्नाव में जज के पति आदित्यवर्धन सिंह की लगातार 6 दिन यानी 144 घंटे तक तलाश की गई। NDRF, SDRF और PAC की 200 लोगों की टीम ने 45 किमी तक का एरिया छान मारा। दो दिन तक ड्रोन से भी तलाश की गई। लेकिन, आदित्यवर्धन का कुछ पता नहीं चला। 4 दिन तक माता-पिता और बहन पूरे-पूरे दिन यह आस लेकर गंगा घाट पर बैठे रहे कि उनका बेटा मिल जाएगा। शुक्रवार को आदित्यवर्धन के मिलने की उम्मीद पूरी तरह से खत्म हो गई। NDRF, SDRF और PAC की टीमें भी रेस्क्यू बंद कर लौट गईं। आदित्यवर्धन के परिवार वालों को भी समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें। लेकिन, माता-पिता को अभी भी उम्मीद है कि उनका बेटा जिंदा लौट कर आएगा। 31 अगस्त को नहाते समय गंगा नदी में डूबे थे आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। वर्तमान समय में वह परिवार के साथ लखनऊ के इंदिरा नगर में रहते हैं। 31 अगस्त को अपने दो दोस्तों योगेश्वर मिश्रा और प्रदीप तिवारी के साथ उन्नाव के बांगरमऊ अपने गांव जा रहे थे। इससे पहले उन्नाव के नानामऊ घाट पर तीनों दोस्त रुके। तीनों बिल्हौर के नानामऊ घाट पर गंगा में नहाने लगे। आदित्यवर्धन सिंह रिस्क जोन में जाने से तेज बहाव के चपेट में आ गए और डूब गए। हादसे के बाद दोस्तों की सूचना पर परिवार के लोग और पुलिस पहुंची थी। बिल्हौर थाने की पुलिस और डीसीपी वेस्ट ने सर्च ऑपरेशन के लिए NDRF, SDRF और PAC की टीमों को बुलाया था, लेकिन 6 दिन सर्च ऑपरेशन चलने के बाद भी आदित्यवर्धन का कोई सुराग नहीं मिला। घटना के बारे में आदित्यवर्धन के दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा से भी पूछताछ की गई कि कहां पर नहा रहे थे, कहां से डूबने लगे? वहीं, डूबने से ठीक पहले जज के पति की तस्वीर भी सामने आई। इसमें वह अपने दोस्त के साथ सीने तक पानी में नहाते दिखे थे। घर वालों ने नहीं छोड़ी उम्मीद 7वें दिन सर्च ऑपरेशन में लगी सभी टीमें लौट गईं। लेकिन, पिता रमेश चंद्र, मां शशि प्रभा और बहन प्रज्ञा की उम्मीदें अभी भी नहीं टूटी हैं। परिवार के सभी लोग इंदिरा नगर स्थित घर लौट गए। परिवार में मातम छाया हुआ है। पिता रमेश चंद्र और मां शशि प्रभा का कहना है कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि अब क्या करें? जब तक बेटे की लाश नहीं मिल जाएगी, उसे मरा हुआ नहीं मान सकते। हमें अभी भी उम्मीद है कि बेटा लौटकर आएगा। कानपुर से प्रयागराज तक तलाश
डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया- कानपुर से लेकर प्रयागराज तक गंगा की सीमा से जुड़े सभी थानों पर हादसे की जानकारी दी गई है। इससे कि गंगा में कानपुर से प्रयागराज तक कोई भी शव मिलते, तो उसकी जांच-पड़ताल हो सके। इसके साथ ही लापता डिप्टी डायरेक्टर के पोस्टर और तस्वीरें भी जारी की गई हैं। PAC के जवान बोले- पानी के अंदर फंसने की संभावना दैनिक भास्कर ने सर्च में लगे एक PAC जवान से बात की। उन्होंने अपना नाम नहीं बताया। कहा- वो (आदित्यवर्धन) कहां हैं, न आप जानो, न हम। हो सकता है, कहीं गड्ढे में फंस गए हों। ऊपर से रेता पड़ गया। इस वजह से भी उनकी बॉडी गंगा के नीचे दबी हो सकती है। या फिर कहीं बहकर चली गई। हम लोगों ने काफी सर्चिंग की है। अगर लाश होती है, तो 24 घंटे में पानी में उतरा (ऊपर) जाती है। हम लोगों के पास तो कुछ ऐसा है नहीं कि पानी के अंदर देख सकें। कई बार ऐसा होता है कि किसी का जाल पड़ा हो तो वहां भी फंसने की संभावना है। NDRF के जवान बोले- मिट्‌टी के नीचे दब सकती है बॉडी NDRF के एक जवान ने बताया- जज के पति की बॉडी नहीं मिलने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि वो कहीं फंस गए हों, या फिर गंगा की कटान में मिट्‌टी के नीचे दबे हों। 10-5 किलो मिट्‌टी बॉडी के ऊपर पड़ जाए तो इंसान का शरीर ऊपर नहीं आ पाता। या तो कोई जानवर भी खा सकता है। बहुत सारी संभावनाएं हो सकती हैं। हम लोग लगे हुए हैं कि कहीं मिल जाएं। पत्नी एडीजे, चचेरे भाई बिहार के सीएम के निजी सचिव
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में एडीजे हैं। छोटी बेटी अपनी मां के साथ अकोला में है। बहन प्रज्ञा आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। चचेरे भाई अनुपम कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार कैडर की IAS हैं। यह खबर भी पढ़ें सुल्तानपुर में ‘यादव’ का एनकाउंटर…बहन बोली-पुलिस ने हत्या की; रात 2 बजे मंगेश को घर से उठाया, सुबह मार दिया सुल्तानपुर में ज्वेलरी शॉप में डकैती के आरोपी और 1 लाख के इनामी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सियासत शुरू हो गई है। विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव शुक्रवार सुबह ​​​​​​जौनपुर में मंगेश के घर पहुंचे। परिजनों से मुलाकात की। मंगेश की बहन ने कहा- पुलिस ने मेरे भाई की हत्या की। यहां पढ़ें पूरी खबर

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