प्रयागराज में अपनी दो मासूम बेटियों को बेरहमी से कत्ल करने वाले मनीष प्रजापति का अंतिम संस्कार हो गया है। पिता और दोनों बच्चियों का एक साथ पोस्टमॉर्टम और दाह संस्कार हुआ। 3 डॉक्टरों के पैनल के सामने जब बच्चियों की बॉडी पहुंची तो उनके हाथ कांप गए। 3 साल की खुशबू और 5 साल की नैंसी के शरीर पर कुल 17 घाव मिले। चाकू खुशबू के पेट को चीरकर पीठ के पार निकल गया था। जब उसका कत्ल हुआ तो वह पीठ के बल लेटी थी। मनीष ने उसके पेट पर 8 बार चाकू घोंपा। इससे आंतें लोथड़ा बनकर बाहर आ गईं। नैंसी के पीठ पर चाकू के गहरे जख्म थे, जो पेट को फाड़ गया। ऐसे में माना गया कि वह पीठ के बल लेटी थी। उसके शरीर पर 9 घाव मिले हैं। पुलिस ने मौके से चाकू बरामद किया था। वह चाकू आम नहीं, बल्कि तार काटने के काम में आता है। मनीष ने बेटियों के मर्डर और अपने सुसाइड के लिए मां और भाई को जिम्मेदार ठहराया। परिवार में मृतक आश्रित कोटे की नौकरी का विवाद था। आरोप यह भी है कि मां-भाई मनीष को धमका रहे थे। इस हत्याकांड में सबसे अहम सुसाइड नोट पुलिस को मिल गया। हत्या करने से पहले मनीष ने डायरी के एक पन्ने पर एक पेज का सुसाइड नोट लिखा है। पढ़िए उसने क्या लिखा… मैं मनीष कुमार प्रजापति हूं, अपनी मां गीता और भाई अमित प्रजापति की वजह से जान देने जा रहा हूं। आत्महत्या के लिए दोनों मिलकर मुझे मजबूर कर रहे हैं। राजकीय मुद्राणालय (सरकारी प्रेस), सिविल लाइन में मेरे पिता रोशनलाल नौकरी करते थे। उनकी मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे में नौकरी लेने के लिए भाई अमित NOC लेने के लिए परेशान कर रहा है। मैंने NOC पर साइन नहीं किया। इसके बाद यह लोग मेरी वाइफ को बदनाम करने लगे। बदला लेने की धमकी देने लगे। मां और भाई ने कहा कि मुझे पिता की प्रॉपर्टी से बेदखल कर देंगे। फोन पर धमकाया, उसकी रिकॉर्डिंग मौजूद है। इसके बाद मेरी NOC के बिना ही नौकरी दे दी गई। यह कैसे हुआ, इसकी जांच होनी चाहिए। मेरा निवेदन है कि इसकी जांच करवाएं। अमित ने मेरी बेटी को जबरन गोद लेने के लिए कहा। इसकी भी रिकार्डिंग हमारे पास है। (पेज के आखिर में मनीष ने अपना नाम-पता लिखा। तारीख डाली है और अंगूठा लगाया है।) मां-भाई पर केस होगा, नौकरी की जांच होगी
सुसाइड नोट मिलने के बाद अब पुलिस हैंड राइटिंग और अंगूठे के निशान की जांच करा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जल्द मां और भाई पर केस दर्ज होगा। साथ ही, अमित ने बिना NOC नौकरी कैसे पाई, इसकी भी जांच कराई जाएगी। एक साथ पोस्टमॉर्टम, एक साथ अंतिम संस्कार
भले ही पिता ने दोनों बच्चियों को मौत के घाट उतारा हो, लेकिन दोनों बच्चियों और मनीष के शवों का पोस्टमॉर्टम एक साथ हुआ। एक ही एम्बुलेंस में शवों को घर लाया गया। तीनों का एक साथ नीवां कछार में अंतिम संस्कार किया गया। जानिए 2 बेटियों की हत्या कर फांसी कैसे लगाई
प्रयागराज में रविवार को पिता मनीष (30) ने 2 मासूम बेटियों की हत्या कर दी। इसके बाद खुद फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। रम्मन का पुरवा में किराए पर रहने वाला मनीष प्रजापति पेंटिंग का ठेका लेता था। वारदात के वक्त पत्नी संगीता बाजार सामान लेने गई थी। उसने पत्नी को दो बार कॉल किया। उसने नहीं उठाया। फिर तीसरी कॉल की। उसने उठाया, तो पूछा- कहां पर हो, कितनी देर में घर आओगी। पत्नी ने कहा कि अभी थोड़ी देर में आऊंगी। कोई काम है क्या? इस पर उसने फोन काट दिया। फिर अचानक घर पहुंचा। दोनों बेटियां सो रही थीं। मनीष चाकू लेकर आया। फिर दोनों का बेरहमी से कई बार चाकू के वार किए। इससे पूरे बिस्तर और कमरे में हर तरफ खून फैला था। फिर रोने लगा। पत्नी की साड़ी ली। पंखे के हुक में फंसाकर फंदा बनाया। इसके बाद फांसी लगा ली। दरवाजा अंदर से बंद था। जब पत्नी आई, तो कई बार दरवाजा खटखटाया। उधर से कोई जवाब न मिलने पर खिड़की से झांक कर देखा, तो दोनों बच्चियां जमीन पर खून से लथपथ व पति फंदे से लटका मिला। ये सब देख पत्नी रोने लगी, थोड़ी देर बेहोश हो गई। यह भी पढ़िए… कानपुर में ट्रेन पलटाने की साजिश में जमाती कनेक्शन:पुलिस बोली- मजार पर देशभर से लोग आते हैं, माचिस-मिठाई के झोले से सुराग की तलाश कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश के मामले में शिवराजपुर थाने की पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। इसके साथ ही 6 संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया गया है। पुलिस ने अपने रडार पर इलाके के जमातियों को भी लिया है। जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने 6 टीम गठित की हैं। पढ़िए पूरी खबर…