BHU के सेंट्रल ऑफिस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने घेराव कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। टीम ने छात्रों को घसीटा, उन्हें जबरन वहां से भगाया। प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने गेट पर बैठने के लिए रोक दिया। हॉस्टल और यूनिवर्सिटी की परेशानियों को लेकर यह प्रदर्शन हुआ। कुलपति की गाड़ी के आगे छात्र लेट गए। आरोप लगाया कि एक छात्र पर 5 प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य हावी हैं। कैंपस में पुलिस का दखल बढ़ता जा रहा है। छात्रों की 19 मांगें हैं, एक-एक जानिए… 1. पूरे दिन छात्रों के लिए OPD की सुविधा मिले
अस्पताल में छात्रों के लिए 12-1 बजे तक OPD का समय निर्धारित है। इस समय पर क्लास चलने के कारण छात्र चिकित्सीय सुविधा से वंचित रह जाते हैं। इसी समय अधिकांश छात्रों के OPD में पहुंचने के कारण भी अव्यवस्था होती है। OPD की सुविधा छात्रों के लिए पूरे दिन बहाल की जाए। 2. सभी संकायों में लंच का एक घंटे गैप हो
कई संकायों में लगातार कक्षाएं होने के कारण छात्र दोपहर के भोजन से वंचित रह जाते हैं। सभी संकायों में दोपहर के भोजन के लिए एक घंटे का गैप निश्चित होना चाहिए, जिससे छात्र दोपहर के भोजन से वंचित न रहें। 3. बंद साइकिल स्टैंड को चालू किया जाए
संकायों और छात्रावासों में बंद पड़े साइकिल स्टैंड को चालू किया जाए। साइकिल स्टैंड के ऊपर टिन शेड की भी व्यवस्था की जाए। जिससे बारिश और धूप से साइकिल और वाहन सुरक्षित रहें। आए दिन होने वाली साइकिल चोरी की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई जाए। 4. सार्वजनिक शौचालय और बनाए जाएं
परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे परिसर में आने वाली महिलाओं, दिव्यांग और बुजुर्गों को असुविधा का सामना न करना पड़े। 5. कैंपस में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएं
किराए की बस संचालित करने के स्थान पर विश्वविद्यालय खुद की बस का संचालन कराए, जिससे परिसर और बस में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिधित हो सके। परिसर के पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएं। 6. कैंपस में बढ़ते पुलिसिया हस्तक्षेप को कम करें
छात्रों पर तानाशाही रवैये के तहत सामान्य मामलों में भी मुकदमा दर्ज कर देने और परिसर में बढ़ते पुलिसिया हस्तक्षेप को कम किया जाए। प्रशासन द्वारा छात्रों का अपराधीकरण करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए और फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए। 7. पाठ्यक्रम लागू करने से पहले छात्रों की राय लें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विभिन्न विभागों के पाठ्यक्रम को लागू करने से पहले सार्वजनिक किया जाए। उससे संबंधित छात्रों की राय पर भी अमल किया जाए, जिससे पाठ्यक्रम एकांगी न रहें। 8. बिना वजह हॉस्टल छात्रों से रुपए लिए गए, वापस कराएं
छात्रावास में बिना किसी कारण के हर विद्यार्थी से हजार 2000 रुपए लिए जा रहे हैं, जिसकी कोई रसीद नहीं दी जा रही है। इसे तुरंत बंद किया जाए। जिन छात्रों से इस प्रकार पैसे लिए गए हैं, उनको वापस किया जाए। 9. हॉस्टल में जमे कर्मचारियों का ट्रांसफर हो
विश्वविद्यालय के कई छात्रावासों के प्रशासनिक संरक्षक पिछले कई वर्षों से जमे हैं, जिसके कारण छात्रावास में तानाशाही रवैया चल रहा है। ऐसे सभी संरक्षकों को चिन्हित कर उनका ट्रांसफर करें। 10. छात्रों के नाम के आगे श्री, श्रीमती जैसे शब्द हटाना गलत
दिसंबर में होने वाले दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों के नाम के आगे से सम्मानजनक शब्दों जैसे- श्री, श्रीमती आदि शब्दों को हटाया जाना विश्वविद्यालय की परंपरा के खिलाफ है। इस तुगलकी फरमान को शीघ्र वापस लिया जाए। 11. विश्वविद्यालय में लंबे समय से बंद स्पंदन और संकायों में होने वाली अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को शुरू किया जाए।
12. सामाजिक बहिष्करण और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र में शोध प्रवेश के लिए पहले की तरह एमफिल विद्यार्थियों को भी मौका मिले।
13. IOE के अन्तर्गत विश्वविद्यालय को प्राप्त धन के व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाय। उसकी स्वतंत्र रूप से जांच कराई जाए।
14. मनमाने ढंग से सलाहकारों की नियुक्ति कर IOE के पैसे के दुरुपयोग की स्वतंत्र रूप से जांच की जाए।
15. दिव्यांग छात्रों के लिए सभी भवनों में रैंप और अलग शौचालय की व्यवस्था की जाए, जिससे उन्हें असुविधा न हो।
16. कई छात्रावास में 25 दिन मेस में भोजन न करने पर छात्रावास से निष्कासित करने का फरमान जारी किया गया है, इसे वापस लें।
17. शोध में प्रवेश हेतु अधिसूचना शीघ्र जारी की जाए, जिससे शोध प्रवेश प्रक्रिया पूरा हो सके।
18. विश्वविद्यालय में अनेक शिक्षक एक से अधिक प्रशासनिक पदों पर आसीन हैं। एक शिक्षक को एक ही प्रशासनिक पद दिया जाए।
19. अनेक संकायों के विद्यार्थी टैबलेट योजना के लिए फॉर्म भरने के बाद भी त्रुटि के कारण टैबलेट के लिए अपात्र हो गए। जांच कर टैबलेट दिया जाए।