UPSRTC की बसों में फास्टैग की समस्या का सामाधान अभी तक नहीं हुआ है। इससे लगातार एक से डेढ़ लाख रुपए का नुकसान परिवहन निगम को रोज हो रहा है। 21 बसों में आई समस्या की शिकायत के बाद NHAI के अधिकारी भी जांच में जुट गए हैं। फास्टैग हैक होने से परिवहन निगम के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। टोल प्लाजा पर फास्टैग से पेमेंट न कटने पर निगम को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है। इन बसों से टोल प्लाजा को डबल पेमेंट कैश में करना पड़ रहा है। NHAI से भी इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है। परिवहन निगम की तरफ से एसबीआई का फास्टैग इस्तेमाल किया जा रहा। इस दौरान बैंक के खिलाफ शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है। झांसी, प्रयागराज और कानपुर बसों का फास्टैग हुआ है हैक परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि झांसी, प्रयागराज और कानपुर रीजन की बसों का फास्टैग सोमवार को किसी ने हैक कर लिया। इसके बाद अलग-अलग टोल प्लाजा पर इन अलग-अलग रीजन की करीब 21 बसों को टोल टैक्स चुकाना पड़ा, जबकि ग्लोबल वॉलेट में हर रोज परिवहन निगम एक करोड़ से लेकर दो करोड़ रुपए तक भुगतान करता है। जिससे उत्तर प्रदेश की साढ़े 11 हजार से ज्यादा बसों का टोल टैक्स पर फास्टैग से टोल कटता है। टोल पर पहुंचने पर खाते में पैसा नहीं दिखा रहा, जबकि जांच करने पर पता चला कि बसों के फास्टैग में अभी पैसा है।

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