बैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजन और आरती की गई। इस दिन की महत्ता पर गौर करें तो भगवान विष्णु की योग निद्रा समाप्त होती है और वे बैकुंठ लोक से जागकर सृष्टि की गतिविधियों में सक्रिय हो जाते हैं।बैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजन और आरती की गई। इस दिन की महत्ता पर गौर करें तो भगवान विष्णु की योग निद्रा समाप्त होती है और वे बैकुंठ लोक से जागकर सृष्टि की गतिविधियों में सक्रिय हो जाते हैं।