याद करें, जब आप डीमार्ट जैसे स्टोर जाते हैं तो सुरक्षा कर्मी महिलाओं के हैंडबैग्स की चेन या अन्य बैग को प्लास्टिक की पट्टी से लॉक कर देते हैं। और जब तक कैश काउंटर तक नहीं पहुंचते, इसे खोल नहीं सकते? स्टोर की नजर में ये चोरी रोकने का तरीका है। अब कल्पना करें, आप किसी सिनेमाघर, स्टैंडअप कॉमेडी शो या म्यूजिकल कंसर्ट में जा रहे हों और सिक्योरिटी वाले आपका फोन लॉक कर दें, ताकि सभागार के अंदर इसे खोल न सकें। अगर किसी से बात करना चाहते हैं या फिर फोन वाइब्रेट होने पर मैसेज भी देखना चाहते हैं तो थिएटर से बाहर आने की जरूरत पड़ेगी और सिक्योरिटी से बैग को खोलने का आग्रह करना पड़ेगा ताकि आप अपने ही मोबाइल फोन पर बात कर सकें! ये भी चोरी रोकने की एक पहल है! किसी कंसर्ट या थिएटर में फोन को लॉक करने का नया ट्रेंड उभरकर सामने आ रहा है क्योंकि दर्शक कॉमेडियंस के जोक रिकॉर्ड करके चुरा लेते हैं और उनकी रील्स पर उसे वायरल कर देते हैं। ये लॉक कैसे काम करता है: मेहमान शो पर पहुंचकर टिकट दिखाते हैं, योंद्र Yondr (बैग का नाम) वर्कर्स या सुरक्षा जांच अधिकारी लोगों से फोन साइलेंट करने और उसे योंद्र पाउच में डालने का कहते हैं। स्टाफ, बैग लॉक कर देते हैं और मेहमान फोन अंदर ले जा सकते हैं। हालांकि फोन पर मैसेज या फोन आ सकते हैं, पर चेक करने के लिए मेहमानों को वेन्यू से बाहर आना पड़ेगा और पाउच का लॉक खुलवा कर फोन इस्तेमाल करने वाले एरिया में जाना होगा। कार्यक्रम समाप्ति पर स्टाफ के लोग जल्दी से बैग अनलॉक करके बैग जमा कर लेते हैं। फिर इसका क्या लाभ? इस कवायद के बाद थिएटर के अंदर सारी भीड़ घुप्प अंधेरे में सिर्फ शो देखती है और मोबाइल से निकलने वाली रोशनी किसी को डिस्टर्ब नहीं कर पाती। सबसे बड़ा लाभ ये है कि कोई भी कुछ भी रिकॉर्ड नहीं कर सकता, जिसे वायरल किया जा सके और भविष्य में टिकट बिक्री पर फर्क पड़े। साल 2015 में ग्राहम डुगोनी ने गौर किया कि लाइव परफॉर्मेंस में कई लोग फोन से चिपके थे। उन्हें चिंता हुई कि भविष्य की पीढ़ी को तो पता ही नहीं होगा कि बिना फोन के कैसे जिएं, वे इस बारे में कुछ करना चाहते थे। उन्होंने ऐसे बैग पर 6 महीने काम किया, जिसमें सेंधमारी मुश्किल हो, पर आसानी से लॉक-अनलॉक हो। जब उन्होंने योंद्र पाउच लॉन्च किया तो उस साल सिर्फ 25 हजार लोगों ने लाइव शो में फोन लॉक करवाया। क्योंकि उसी साल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने सेल्फी को साल का शब्द घोषित किया था। तब इंस्टाग्राम रील्स, वीडियोज, टिकटॉक भी नहीं था। हम साल 2015 के बाद से भी मोबाइल के आदी होना शुरू हो गए। 37 साल के डुगोनी की खोज आज न सिर्फ थिएटर्स बल्कि स्कूलों में भी लोकप्रिय हो रही है। अमेरिका, कनेक्टिकट के टॉरिंगटन सिटी में दो स्कूलों ने दो हजार स्टूडेंट्स के लिए 60 हजार डॉलर का भुगतान किया है। क्योंकि बच्चों में फोन से दूर रहने की इच्छाशक्ति कम है और स्कूलों ने क्लास में इनके इस्तेमाल पर बंदिशें लगाना शुरू कर दी हैं। आज इन स्कूलों में लंचरूम व हॉल में ज्यादा बच्चे एक-दूसरे से बात करते दिखते हैं, वे सोशल मीडिया यूज या संगीत नहीं सुन सकते क्योंकि स्कूल ही नो-फोन जोन है। साल 2022 में योंद्र का इस्तेमाल बढ़कर 60 लाख पहुंच गया। वैकल्पिक फोन-फ्री कंसर्ट में कई लोगों को तरोताजा महसूस हो रहा है, जहां डिवाइस योंद्र पाउच में रख देते हैं। इस साल इसके एक करोड़ यूजर्स पार करने की उम्मीद है। फंडा यह है कि नई खोज सिर्फ दुनिया की समस्याओं पर ही केंद्रित नहीं होनी चाहिए, अगर आप बुरी आदतों को पहचान सकते हैं तो आपके लिए भी एक मौका है।

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Subscribe for notification