आगरा में पारा 41 डिग्री पार हो गया है। ताजमहल घूमते समय पर्यटक बेहोश हो रहे हैं। महीनेभर में करीब 50 पर्यटकों की तबीयत बिगड़ी। इनमें करीब 30 बेहोश हुए हैं और 20 को चक्कर आने पर इलाज किया गया है। एक्सपर्ट की मानें तो ताजमहल धवल संगमरमर से बना है। परिसर में लाल पत्थर और संगमरमर लगाए गए हैं। तापमान बढ़ने से संगमरमर और लाल पत्थर जल्दी गर्म हो रहे हैं। पर्यटकों को पत्थरों पर ही रॉयल गेट से मुख्य गुंबद तक और फिर बाहर ज्यादा पैदल चलना होता है। चिकने पत्थर पर सूरज की किरणें जब पड़ती हैं तो वो एब्जॉर्ब नहीं करता। बल्कि रिफ्लेक्ट ज्यादा करता है। ऐसे में उसके संपर्क में आने पर पर्यटक गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाता है और लोग बेहोश जाते हैं। पर्यटकों के लिए छांव के इंतजाम नहीं
ताजमहल आए पर्यटकों को धूप में पैदल चलना पड़ता है। उनका कहना है कि अंदर छांव की व्यवस्था करानी चाहिए। जगह-जगह रेस्ट करने के लिए कूलर लगाने चाहिए। जमीन पर कार्पेट भी बिछानी चाहिए। पीने का पानी गरम रहता है। ठंडे पानी की व्यवस्था हो। वहीं, ASI के पुरातत्व अधीक्षक डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि हम ताजमहल के अंदर टेंट नहीं लगा सकते हैं। क्योंकि इसकी अनुमति नहीं है। पर्यटकों से लगातार बात करते हैं, लेकिन अब तक ऐसा कोई उपाय नहीं मिला है जिसे ताजमहल परिसर में करने की अनुमति हो। फिलहाल हेल्प टीम तैनात है। हर सदस्य को हिदायत दी गई है कि इमरजेंसी में तुरंत डॉक्टरों के पास ले जाएं। एक ही दिन बेहोश हुए 17 पर्यटक
25 अप्रैल को एक ही दिन में 17 पर्यटक बेहोश ताजमहल में बेहोश हुए। इनमें अरुण एटी, कोलकाता से आई पूर्णिमा विश्वास, नीलेश बिसन लांबा, देवयानी शेलर, कोयंबटूर से आई नीतू उर्मिला, सुरजा, पलक्कड़ से आई गोपिका, कोवलम से आई शाकिया नसीन और मल्लापुरम के मोहम्मद राजल शामिल हैं। 27 अप्रैल को जापानी पर्यटक शूया यामामोटो सेंट्रल टैंक के पास बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें ASI कर्मचारियों ने डिस्पेंसरी पहुंचाया। शूया को पानी और ORS का घोल दिया गया। मेघालय से आए हिमंता सरकार की भी तबीयत ताजमहल देखते समय खराब हुई। इसी तरह केरल के मोहम्मद शाह पेरिंगदान, सूरत से आए 14 साल के सुदानी दीप की भी तबीयत खराब हुई थी। सभी को डिस्पेंसरी ले जाकर इलाज दिया गया। गर्मी में कम हो जाती है पर्यटकों की संख्या
गर्मी और तेज धूप की वजह से हर साल अप्रैल से जुलाई तक पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है। एक अनुमान के मुताबिक, एक दिन ताजमहल में 25 से 30 हजार पर्यटक पहुंचते हैं। पीक सीजन में यह संख्या 40 हजार के पार हो जाती है। लेकिन, अप्रैल से जुलाई तक सिर्फ एक दिन में 15 से 20 हजार पर्यटक ही ताजमहल देखने आते हैं। CMO बोले-घूमते समय सिर ढंक कर रखें
CMO डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले सालों में ताजमहल पर आगरा विकास प्राधिकरण की एंबुलेंस तैनात रहती थी। लेकिन, अब हमारे विभाग की तरफ से डिस्पेंसरी बनाई गई है। जहां पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ ही एक डॉक्टर की भी तैनाती की गई है। ताजमहल घूमने आने वाले पर्यटक पानी पीकर जाएं। सिर ढककर जाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में छांव में या पेड़ के नीचे रुक कर आराम कर लें। पर्यटक बोले- अंदर पीने का पानी गर्म आता है
राजस्थान से आए पर्यटक विकास सोनी ने बताया कि गर्मी बहुत ज्यादा है। ना तो छाया है और ना ही पीने का पानी है। जिस हिसाब से गर्मी है, उस हिसाब से ठंडा पानी नहीं मिलता। अंदर जो नल लगे हैं, उनमें ठंडा पानी नहीं आता। उसका पानी गर्म रहता है। मोहम्मद शकील भी व्यवस्थाओं से नाखुश दिखे। उनका कहना है कि पानी अंदर मिलता नहीं है। 10 बार लाइन में लगकर पानी मिलता है और पानी भी गर्म रहता है। ताजमहल के अंदर पानी की व्यवस्था सबसे खराब है। भीड़ हुई तो पानी जल्दी खत्म हो जाता है
गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान का कहना है कि ताजमहल के अंदर पानी की कमी का मुद्दा कई बार उठाया गया है। ताजमहल के अंदर पानी के 20 पॉइंट हैं, लेकिन इतनी गर्मी में ठंडे पानी के पॉइंट नहीं हैं। पर्यटक की भीड़ होती है तो पानी खत्म भी हो जाता है। विदेशी पर्यटकों को पानी की बोतल मिलती है, लेकिन भारत के पर्यटकों को बोतल नहीं दी जाती। मेडिकल स्टाफ बोला-गर्मी बढ़ी, इसलिए बेहोश हुए लोग
डिस्पेंसरी पर मौजूद पैरा मेडिकल स्टॉफ से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। उनका कहना है कि पर्यटक गर्मी की वजह से बेहोश हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में तेजी से तापमान बढ़ा है। कई पर्यटक ऐसे भी होते हैं जो खाली पेट रहते हैं। उनकी भी तबीयत बिगड़ती है।

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