पूर्वांचल के बाहुबली नेता माने जाने वाले राजकिशोर सिंह ने अपने भाई बृज किशोर सिंह के साथ आज बीजेपी का दामन थाम लिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन चौधरी और उत्तर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान बस्ती लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद और लोकसभा प्रत्याशी हरीश द्रिवेदी भी मौजूद रहे राजकिशोर सिंह बस्ती से छह बार विधानसभा तो तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। शिवपाल के करीबी होने के कारण अखिलेश यादव ने किया था साइड लाइन सपा, कांग्रेस और फिर बसपा में रहकर राजनीति का लंबा सफर तय करने के बाद राजकिशोर सिंह का राजनीतिक करियर पिछले 8 साल से ग्रहण में लगा हुआ था। चाचा शिवपाल के करीबी माने जाने वाले राजकिशोर सिंह को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने साल 2016 में राजकिशोर सबसे पहले मंत्री पद हटाया। और बाद में अखिलेश यादव ने राजकिशोर सिंह के भाई का टिकट 2017 विधानसभा चुनाव में काट दिया था ।चाचा शिवपाल का करीबी होना ही बाहुबली राजकिशोर सिंह के पतन का कारण बना था। फिर बाद में इन्होंने बसपा ज्वाइन किया और बसपा से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा और वे हार गए। 2022 में मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने पर पार्टी से बाहर कर दिया।राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह को जिस दिन बसपा से से निकाला गया था, उस दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अयोध्या दौरे में शामिल थे। दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ की मुलाकात फिलहाल मौजूदा समय में राज किशोर सिंह और उनके भाई बृज किशोर सिंह किसी पार्टी के साथ नहीं है। ऐसे में भाजपा ज्वाइन करने के लिए उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से कई बार मुलाकात की। और गुरुवार को अमित शाह के के दौरे के दौरान भी मुलाकात हुई। उसके बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पार्टी में ज्वाइन करने की हरी झंडी दी ।और फिर राज किशोर सिंह ने अपने भाई के साथ बीजेपी के सदस्य था ग्रहण किया।

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