माध्यमिक शिक्षा विभाग में फर्जी नौ शिक्षकों की भर्ती के मामले में अभी तक पुलिस दोषी तक नहीं पहुंच पाई है। शनिवार को शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो होने के कारण पुलिस शुक्रवार को उनकी तैयारियों में व्यवस्थ रही। इस कारण किसी का भी बयान दर्ज नहीं किया जा सका। माना जा रहा कि पुलिस सोमवार को डीआईओएस कार्यालय में तैनात बाबुओं के बयान दर्ज करेगी। पुलिस को कार्यालय में काम करने वाले कई अधिकारियों पर ही शक है। डीआईओएस ने मांगा स्पष्टीकरण इस पूरे प्रकरण में डीआईओएस अरुण कुमार ने जांच के घेरे में शामिल एक लेखाधिकारी, एक लेखाकार, तीन कर्मचारी व दो निलंबित बाबुओं से इक पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण तलब करने के लिए नोटिस दिया है। शुक्रवार को पूरे दिन कर्मचारियों के बीच इसी बात को लेकर चर्चा होती रही कि आखिर नोटिस में जवाब क्या लिखा जाए। एक दिन पूर्व ही कर्नलगंज पुलिस ने दो लोगों के मौखिक बयान लिए थे। शिक्षक नेता को लेकर होती रही चर्चा चर्चा है कि फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में जो दो शिक्षकों को नियुक्त कराया गया था उसमें से एक शिक्षिका को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ के एक वरिष्ठ शिक्षक नेता ने प्रबंधक पर बड़ा दबाव बनाया था। इस कारण ही प्रबंधक ने नियुक्ति तो कर दी साथ ही सत्यापन के लिए भी लिख दिया। इसलिए पुलिस की जांच में शिक्षक नेता भी आ सकते हैं। और भी नाम आ सकते है सामने डीआईओएस अरुण कुमार की तहरीर पर कर्नलगंज पुलिस ने 9 शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया है। अभी पुलिस की जांच में कई और अधिकारी अधिकारी व कर्मचारियों के नाम सामने आने की पूरी संभावना जताई जा रही है। डीआइओएस अरुण कुमार ने बताया कि लेखाकार, लेखाधिकारी, तीन कर्मचारी और दो निलंबित सहायकों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सोमवार तक उनका स्पष्टीकरण आ जाएगा।

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