भाजपा सांसद रवि किशन की पत्नी से रंगदारी मांगने के मामले में दर्ज एफआईआर में अभियुक्त बनाए गए वकील विवेक कुमार पांडेय की गिरफ्तारी पर न्यायालय ने रोक लगा दी है। तथा उसी मामले में दूसरे अभियुक्त खुर्शीद अहमद खान जिन्हे पत्रकार दिखाया गया है उनकी याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने शुक्रवार को खुर्शीद अहमद खान की याचिका पर सुनवाई करने के पश्चात उसकी याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में सुनवाई के दौरार राज्य सरकार की ओर से उपस्थित सरकारी अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुये न्यायालय को बताया कि इस मामले में अभियुक्त की सक्रिय भागीदारी पायी गई है। इससे पूर्व हुई 25 अप्रैल की सुनवाई पर न्यायमूर्ति विवेक चैधरी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने विवेक पांडेय की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई अथवा विवेचना पूरी होने तक के लिए रोक लगा दी थी। रवि किशन की पत्नी की ओर से 16 अप्रैल को हजरतगंज थाने में लिखवाये गये एफआईआर में अभियुक्त विवेक पांडेय को समाजवादी पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता बताया गया है। याचिका में सुनवाई के दौरान एफआईआर का विरोध करते हुए, विवेक पांडेय की ओर से न्यायालय को बताया गया कि उसकी गलती सिर्फ इतनी है कि वह मामले में रवि किशन पर आरोप लगाने वाली महिला अपर्णा सोनी उर्फ अपर्णा ठाकुर का वकील है। न्यायालय को यह भी बताया गया कि उसने रवि किशन के विरुद्ध किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया। सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि इस मामले में उसकी अब तक कोई भूमिका नही पायी गई है। याचिका का राज्य सरकार व रवि किशन के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद न्यायालय ने विवेक पांडेय को न गिरफ्तारी किये जाने का आदेश दिया तथा साथ ही साथ यह शर्त भी लगाई है कि वह अपर्णा सोनी उर्फ अपर्णा ठाकुर की ओर से सिर्फ न्यायालय में मामले की पैरवी करेगा, न की न्यायालय से बाहर। उल्लेखनीय है कि रवि किशन की पत्नी प्रीती शुक्ला द्वारा दर्ज एफआईआर में उक्त महिला, उसके पति, बेटा व बेटी समेत अन्य अभियुक्तों पर 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने व न देने पर मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का आरोप लगाया गया है।